रामनिवास रावत की हार से कई नेताओं में जागी मंत्री पद की आस

Nov 27, 2024 - 13:30
 0  2
रामनिवास रावत की हार से कई नेताओं में जागी मंत्री पद की आस

भोपाल : रामनिवास रावत ने कांग्रेस विधायक रहते हुए 8 जुलाई को डॉ. मोहन सरकार में कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली। शपथ लेने के बाद विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। हाल ही में हुआ उपचुनाव रावत ने भाजपा के टिकट पर लड़ा। इसके बाद मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। रावत ठीक सवा चार महीने भाजपा सरकार में वन एवं पर्यावरण मंत्री रह पाए। उनको यह विभाग नागर सिंह चौहान से छीनकर दिया था।


रावत के इस्तीफे पर सीएम डॉ. मोहन यादव के विदेश यात्रा से लौटने के बाद फैसला होगा। इससे पहले वन मंत्री के लिए दिल्ली तक लॉबिंग शुरू हाे गई। कुछ पूर्व मंत्री और विधायक पार्टी के बड़े नेताओं से मेल-मुलाकात कर रहे हैं। 20 से ज्यादा सीनियर विधायकों को भी उम्मीद जागी है।


नागर सिंह चौहान के पास अनुसूचित जाति और वन एवं पर्यावरण दो विभाग थे। रावत के भाजपा में शामिल होने के बाद डॉ. मोहन कैबिनेट का विस्तार हुआ और नागर सिंह से वन एवं पर्यावरण विभाग छीनकर उनको दे दिया गया। अब नागर सिंह चौहान एक बार फिर से पुराना विभाग हासिल करने के प्रयास में जुटे हैं। पिछली शिवराज सरकार में वन मंत्री रहे कुंवर विजय शाह भी वन मंत्रालय पाने के लिए जुगत बैठाने में लगे हैं।


प्रदेश सरकार में जनजातीय कार्य, भोपाल गैस त्रासदी, लोक परिसंपत्ति प्रबंधन मंत्री कुंवर विजय शाह ने मंगलवार को दिल्ली में केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव से मुलाकात की। शाह की यादव से मुलाकात इसलिए भी अहम है क्योंकि, भूपेंद्र यादव मप्र विधानसभा चुनाव में प्रदेश प्रभारी थे। भोपाल से लेकर दिल्ली तक भूपेंद्र यादव प्रभावशाली नेता हैं। ऐसे में दोनों के बीच हुई मुलाकात को वन मंत्रालय की रस्साकशी से जोड़कर देखा जा रहा है।


कुंवर विजय शाह वन मंत्री रह चुके हैं। जनजातीय कार्य विभाग को छोड़ दें तो लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग और भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विभाग में कुछ खास काम नहीं है। पिछली शिवराज और कमलनाथ सरकार में गैस राहत विभाग, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रियों के पास रहा है। ऐसे में शाह वन विभाग को पाने के प्रयास में जुटे हैं।


एमपी के अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री नागर सिंह चौहान ने मंगलवार को दिल्ली में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान नागर सिंह की पत्नी और रतलाम सांसद अनीता चौहान भी मौजूद थीं। इससे पहले सोमवार को नागर सिंह भोपाल में प्रदेश भाजपा कार्यालय भी पहुंचे थे। उन्होंने बीजेपी पदाधिकारियों से मुलाकात की थी।


21 जुलाई को जब नागर सिंह चौहान से वन एवं पर्यावरण मंत्रालय लेकर रामनिवास रावत को दिया गया था। उसके बाद नागर सिंह चौहान की नाराजगी सामने आई थी। उन्होंने कहा था कि मुझसे इस बारे में पूछा तक नहीं गया। हालांकि, संगठन और सरकार के समझाने के बाद उन्होंने चुप्पी साध ली थी। अब रावत के चुनाव हारने के बाद वे विभाग वापसी के प्रयास में जुटे हुए हैं।


डॉ. मोहन सरकार के गठन के बाद से देखें तो आदिवासी वर्ग से जुड़ी घटनाएं जहां भी सामने आई वहां डैमेज कंट्रोल के लिए पीएचई मंत्री संपतिया उईके को भेजा गया। छिंदवाड़ा, सिंगरौली सहित कई जिलों में सरकार की ओर से आदिवासी वर्ग के परिवारों को सहायता राशि देने संपतिया ही पहुंचीं। यदि कैबिनेट में फेरबदल हुआ तो संपतिया को वन एवं पर्यावरण विभाग दिया जा सकता है।

Files

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow