घर में राशन नहीं,बच्चे कंदमूल खाकर मिटा रहे है भूख
नारायणपुर...छत्तीसगढ़ शासकीय उचित मूल्य दुकान संचालक विक्रेता कल्याण संघ के प्रदेश व्यापी हड़ताल का असर नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ के ग्रामीणों पर सबसे ज्यादा दिख रहा है। दो दिनों तक पैदल चलकर राशन दुकान पहुंचने वाले ग्रामीण राशन दुकानों में तालाबंदी होने से मायूस लौट रहे हैं। अबूझमाड़ से राशन लेने आए एक पिता का दर्द का झलक पड़ा जब उनके भूखे बच्चों की पेट की आग बुझाने के लिए राशन दुकान में तालाबंदी होने की वजह से राशन नहीं मिला। बेबस पिता ने बताया कि बच्चे भूखे हैं,घर में अनाज खत्म हो चुका है। कंदमूल खाकर जीवन यापन कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि बरसात के दिनों में नदी-नालों को पार कर दो दिनों की जद्दोजहद के बाद ओरछा राशन लेने आए थे उन्हें पता नहीं था कि राशन दुकान में हड़ताल चल रही है जिसकी वजह से उन्हें राशन नहीं मिलेगा...
जिले के अबूझमाड़ इलाके के निवासरत ग्रामीणों की विडंबना है कि मीलों के सफर में कई नदी-नाले पार करने के बाद भी उनको उनके हिस्से का अनाज नहीं मिल पा रहा है। इन्हें अपने हक का अनाज पाने अंदरूनी गांव से ब्लॉक मुख्यालय ओरछा पहुंचना पड़ता है। इधर पीडीएस दुकानों के राशन विक्रेताओं के 6 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल की वजह से दुकानों में ताले लटके हुए हैं। अबूझमाड़ के दर्जनों गांव में सड़क की व्यवस्था नहीं होने की वजह से ब्लॉक मुख्यालय ओरछा में 11 दुकानें का संचालन कर राशन का वितरण किया जाता है। 50 से 60 किलोमीटर दूर से यहां राशन लेने के लिए ग्रामीण आते हैं। उफनती नदी-नालों को पार कर जान जोखिम में डालकर ग्रामीण अपनी पेट की आग बुझाने को मजबूर हैं...
नक्सलगतिविधियों की वजह से अंदरूनी इलाकों में सड़कों का निर्माण नहीं हो पा रहा है इसकी वजह से राशन गांव की दहलीज तक नहीं पहुंच पा रही है। फूड ऑफिसर एफके डड़सेना ने बताया कि पीडीएस दुकान के विक्रेताओं को जो हड़ताल पर है उन्हें नोटिस जारी किया जा रहा है। वे तत्काल काम पर वापस लौटे, जिससे उपभोक्ताओं को शत- प्रतिशत राशन का वितरण हो सके। हड़ताल जारी रखने वाले संचालकों को नोटिस देकर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी...
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