दिल्ली चुनाव 2025 में त्रिलोकपुरी से भाजपा को मिलेगी दूसरी जीत, या ‘आप’ को मिलेगा मौका

नई दिल्ली, पूर्वी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र की त्रिलोकपुरी विधानसभा सीट चुनाव के नजरिए से काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस सीट को मुख्य रुप से एससी कैटेगरी के लिए आरक्षित किया गया है। आप का कब्जा बीते 12 साल से है। साल 2013, 2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों में ‘आप’ के प्रत्याशियों पर जनता ने भरोसा जताया है। हालांकि, भाजपा के प्रत्याशियों ने बीते तीन विधानसभा चुनावों में ‘आप’ के प्रत्याशियों को कड़ी टक्कर दी, लेकिन जीत का स्वाद नहीं चख पाए। इस सीट पर 1993 से 2020 तक हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा को महज एक बार जीत मिली है। भाजपा इस बार दूसरी बार जीत की तलाश में है। वहीं, कांग्रेस पूर्व में इस सीट पर जीत हासिल कर चुकी है।
एससी कैटेगरी के लिए आरक्षित इस सीट पर आम आदमी पार्टी ने मौजूदा विधायक रोहित महरोलिया का टिकट काटकर अंजना पारचा को टिकट दिया है। कांग्रेस ने अमरदीप और भाजपा ने रविकांत उज्जैन को टिकट दिया है। कहा जा रहा है कि इस बार इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला होने की उम्मीद है।
इस विधानसभा की समस्याओं पर नजर डालें तो संजय झील जो कभी पानी से लबालब भरी रहती थी, आज सूखी हुई है। यहां पर बच्चे अब खेलते हुए नजर आते हैं। इस विधानसभा में मयूर विहार और अशोक नगर जैसे इलाके भी आते हैं। जहां उत्तर प्रदेश-बिहार के अधिकांश लोग रहते हैं। न्यू अशोक नगर में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्र भी हैं।
इसके अलावा इस विधानसभा में कल्याण पुरी, कोट्ला गांव, जाटव बस्ती, चिला गांव, जगत कॉलोनी में पीने के जल के लिए लोगों को काफी परेशानी होती है। घरों में सीवर का पानी आ रहा है, सीवर जाम है, बरसात के दिनों में जलभराव की समस्या आती है। इसके अलावा टूटी सड़कें, आवारा पशुओं की समस्या से लोगों को जूझना पड़ता है। इस विधानसभा सीट के इतिहास में जाएं तो 2020 में रोहित कुमार मेहरोलिया को 69,947 वोट मिले थे। भाजपा के प्रत्याशी दूसरे और कांग्रेस तीसरे नंबर पर रही थी। साल 2015 में आम आदमी पार्टी के राजू धींगान को 74,907 वोट मिले थे। दूसरे नंबर पर भाजपा और तीसरे नंबर पर कांग्रेस के प्रत्याशी थे।
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