किसी की बैठे-बैठे मौत, तो कोई सोया फिर उठा नहीं:रीवा में 4 मौतों का कारण बना रहस्य, लोग बोले- शादी का खाना तो सबने खाया था
किसी की बैठे-बैठे मौत, तो कोई सोया फिर उठा नहीं:रीवा में 4 मौतों का कारण बना रहस्य, लोग बोले- शादी का खाना तो सबने खाया था
रीवा शहर के वार्ड नंबर 9 में स्थित निराला नगर में गुरुवार को 24 घंटे के भीतर एक ही परिवार के चार लोगों की मौत ने पूरे इलाके को दहला दिया। जो जिंदा थे, वे अचानक उल्टी-दस्त से तड़पने लगे और जो बैठकर बात कर रहे थे, वे वहीं दम तोड़ बैठे। किसी की मौत सोते-सोते हुई तो किसी ने स्वास्थ्य विभाग की टीम के सामने ही आखिरी सांस ली। हालात ये कि देखते ही देखते एक घर से चार अर्थियां उठ गईं। इलाके में मातम पसरा है, लेकिन इससे भी बड़ा सवाल यह है कि मौत की असल वजह क्या थी? उल्टी-दस्त, फूड पॉइजनिंग या कुछ और? क्योंकि जिस खाने पर शक है, वही खाना सैकड़ों लोगों ने खाया, फिर बीमार सिर्फ यही लोग क्यों हुए? और सबसे बड़ा सवाल- चार मौतें होने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग ने पोस्टमॉर्टम तक नहीं कराया। दैनिक भास्कर की टीम उसी घर में पहुंची, जहां परिवार वालों की आंखें इस सवाल के जवाब तलाश रही थीं- आखिर ऐसा क्यों हुआ? पढ़िए रिपोर्ट... तस्वीर... उस घर की, जहां 4 लोगों की मौत हुई पहले जानिए पूरा मामला
निराला नगर निवासी केमला कोल ने बताया कि 7 जून को उनके घर में पोते वीरेंद्र की शादी थी। शादी में शामिल होने के लिए सभी रिश्तेदार घर पर जुटे थे। बारात रीवा जिले के ही बहुरी बांध गई थी। सभी लोग सकुशल बारात में शामिल होकर वापस लौट आए। तब किसी को कोई तकलीफ नहीं थी। प्रभावित परिवार के सदस्य ने बताया कि 10 जून की रात से लोगों की तबीयत बिगड़ना शुरू हुई और 11 जून की सुबह तक चार लोगों का जीवन समाप्त हो गया। जानकारी के अनुसार, निराला नगर निवासी केमला प्रसाद कोल के नाती की शादी थी। 7 जून को बारात गई और 8 जून को लौटी। शादी के बाद भी कई रिश्तेदार घर पर ही रुके। 9 जून को सबसे पहले राजकुमारी (35) पिता कमला प्रसाद कोल को उल्टी-दस्त की शिकायत पर संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया, राजकुमारी का अब तक इलाज चल रहा है। इसके बाद जैसे मौत का सिलसिला शुरू हो गया। राजकुमारी समेत तीन अन्य लोग संजय गांधी अस्पताल (एसजीएमएच) में भर्ती हैं। उनकी हालत फिलहाल खतरे से बाहर बताई जा रही है। आरोप- देरी से पहुंची हेल्थ टीम
24 घंटे में चार मौतों की खबर से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। वार्ड पार्षद ने स्वास्थ्य विभाग को सूचना दी, जिसके बाद सीएमएचओ डॉ. संजीव शुक्ला ने टीम भेजी। आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर कई घंटे देर से पहुंची। टीम ने प्रभावित परिवारों का स्वास्थ्य परीक्षण किया और पानी समेत अन्य जरूरी सैंपल जांच के लिए लिए गए। स्वास्थ्य विभाग की टीम में डॉ. डीके वर्मा, डॉ. केबी गौतम सहित मेडिकल अफसर, फार्मासिस्ट, सपोर्ट स्टाफ, आशा कार्यकर्ता, एएनएम, एमपीडब्ल्यू आदि शामिल थे। शाम को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने प्रभावित बस्ती के लोगों को ओआरएस पाउडर और अन्य दवाओं का वितरण किया। एक के बाद एक बिगड़ती गई तबीयत
सबसे पहले मोलिया कोल को उल्टी-दस्त की शिकायत हुई और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसके बाद ज्योति कोल बीमार पड़ी। फिर राजकुमारी कोल की तबीयत बिगड़ी। उसके बाद क्रम से देवरती कोल, डेढ़ साल का आतिश और अंत में छोटानी कोल बीमार हो गए। मरने वालों को केमला प्रसाद से रिश्ता मौतों का रहस्य, डॉक्टर्स भी हैरान
डॉक्टर भी हैरान हैं। सभी मृतकों को शुरुआती तौर पर उल्टी-दस्त की शिकायत थी। लेकिन हैरानी की बात ये कि सैकड़ों लोगों ने वही खाना खाया था, फिर भी सिर्फ कुछ ही लोग बीमार पड़े। इसी वजह से इसे फूड पॉइजनिंग का मामला भी नहीं माना जा रहा है। अगर खाना खराब होता तो बड़ी संख्या में लोग बीमार होते। स्थिति इतनी गंभीर थी कि एक महिला ने तो स्वास्थ्य विभाग की टीम के सामने ही दम तोड़ दिया। फिलहाल तीन लोग संजय गांधी अस्पताल, रीवा में भर्ती हैं, जिनमें से एक महिला की किडनी बुरी तरह डैमेज बताई जा रही है। परिजनों का कहना है कि सभी मरने वाले पूरी तरह से स्वस्थ थे। किसी को पहले से कोई गंभीर बीमारी नहीं थी। अचानक उल्टी-दस्त शुरू हुए और एक-एक कर चारों की मौत हो गई। वजह क्या है- ये अब भी रहस्य बना हुआ है। पीएम नहीं कराया, सवालों के घेरे में स्वास्थ्य विभाग
इस मामले में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही भी सामने आई है। चारों शवों का पोस्टमॉर्टम तक नहीं कराया गया। अब सवाल उठ रहा है- अगर किसी ने जानबूझकर जहरीला पदार्थ खिलाया या दिया हो, तो बिना पोस्टमॉर्टम इसके सबूत कैसे मिलेंगे? इधर, पीड़ित परिवार का कहना है- 'हम लोग कम पढ़े-लिखे हैं, आदिवासी तबके से आते हैं। किसी ने पोस्टमॉर्टम कराने की सलाह नहीं दी।' परिजनों ने आरोप लगाया कि कुछ कागजों पर हस्ताक्षर करवा लिए गए तो हमने कर दिए। 10 दिन इलाके में कैंप करेगी स्वास्थ्य टीम
चार मौतों की सूचना मिलने के बाद गुरुवार सुबह स्वास्थ्य विभाग की टीम निराला नगर पहुंची और हालात संभालने की कोशिश शुरू की। फिलहाल सीएमएचओ के निर्देश पर आगामी 10 दिन तक स्वास्थ्य विभाग की टीम इलाके में कैंप करेगी और सभी रहवासियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा। देर शाम खुद सीएमएचओ डॉ. संजीव शुक्ल भी मौके पर पहुंचे। स्वास्थ्य अधिकारी ने सांसद को दी गलत जानकारी
सांसद जनार्दन मिश्रा के अनुसार, उन्होंने सीएमएचओ डॉ. संजीव शुक्ला से स्थिति की जानकारी मांगी, लेकिन सीएमएचओ मरने वालों की संख्या को लेकर स्पष्ट नहीं थे। उन्होंने सिर्फ दो मौतों की जानकारी दी, जबकि मौके पर चार लोगों की मौत हो चुकी थी। इस पर उन्होंने नाराजगी जाहिर की और सीएमएचओ को फटकार लगाई। तीन लोग अब भी अस्पताल में भर्ती
संजय गांधी अस्पताल (एसजीएमएच) के सीएमओ डॉ. यत्नेश त्रिपाठी ने बताया कि राजकुमारी कोल, आरुषि कोल और मुलिया कोल अस्पताल में भर्ती हैं। मुलिया कोल (उम्र 60) की किडनी में गंभीर इन्फेक्शन पाया गया है। सभी का इलाज जारी है। आसपास के डेढ़ किलोमीटर में डर का माहौल
घटना के बाद आसपास के डेढ़ किलोमीटर के इलाके में डर का माहौल है। सुरेश कोल ने बताया कि जिस तरह से यह घटना घटित हुई है उससे लोग डरें और सहमे हुए हैं। सभी को यह डर है कि
रीवा शहर के वार्ड नंबर 9 में स्थित निराला नगर में गुरुवार को 24 घंटे के भीतर एक ही परिवार के चार लोगों की मौत ने पूरे इलाके को दहला दिया। जो जिंदा थे, वे अचानक उल्टी-दस्त से तड़पने लगे और जो बैठकर बात कर रहे थे, वे वहीं दम तोड़ बैठे। किसी की मौत सोते-सोते हुई तो किसी ने स्वास्थ्य विभाग की टीम के सामने ही आखिरी सांस ली। हालात ये कि देखते ही देखते एक घर से चार अर्थियां उठ गईं। इलाके में मातम पसरा है, लेकिन इससे भी बड़ा सवाल यह है कि मौत की असल वजह क्या थी? उल्टी-दस्त, फूड पॉइजनिंग या कुछ और? क्योंकि जिस खाने पर शक है, वही खाना सैकड़ों लोगों ने खाया, फिर बीमार सिर्फ यही लोग क्यों हुए? और सबसे बड़ा सवाल- चार मौतें होने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग ने पोस्टमॉर्टम तक नहीं कराया। दैनिक भास्कर की टीम उसी घर में पहुंची, जहां परिवार वालों की आंखें इस सवाल के जवाब तलाश रही थीं- आखिर ऐसा क्यों हुआ? पढ़िए रिपोर्ट... तस्वीर... उस घर की, जहां 4 लोगों की मौत हुई पहले जानिए पूरा मामला
निराला नगर निवासी केमला कोल ने बताया कि 7 जून को उनके घर में पोते वीरेंद्र की शादी थी। शादी में शामिल होने के लिए सभी रिश्तेदार घर पर जुटे थे। बारात रीवा जिले के ही बहुरी बांध गई थी। सभी लोग सकुशल बारात में शामिल होकर वापस लौट आए। तब किसी को कोई तकलीफ नहीं थी। प्रभावित परिवार के सदस्य ने बताया कि 10 जून की रात से लोगों की तबीयत बिगड़ना शुरू हुई और 11 जून की सुबह तक चार लोगों का जीवन समाप्त हो गया। जानकारी के अनुसार, निराला नगर निवासी केमला प्रसाद कोल के नाती की शादी थी। 7 जून को बारात गई और 8 जून को लौटी। शादी के बाद भी कई रिश्तेदार घर पर ही रुके। 9 जून को सबसे पहले राजकुमारी (35) पिता कमला प्रसाद कोल को उल्टी-दस्त की शिकायत पर संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया, राजकुमारी का अब तक इलाज चल रहा है। इसके बाद जैसे मौत का सिलसिला शुरू हो गया। राजकुमारी समेत तीन अन्य लोग संजय गांधी अस्पताल (एसजीएमएच) में भर्ती हैं। उनकी हालत फिलहाल खतरे से बाहर बताई जा रही है। आरोप- देरी से पहुंची हेल्थ टीम
24 घंटे में चार मौतों की खबर से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। वार्ड पार्षद ने स्वास्थ्य विभाग को सूचना दी, जिसके बाद सीएमएचओ डॉ. संजीव शुक्ला ने टीम भेजी। आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर कई घंटे देर से पहुंची। टीम ने प्रभावित परिवारों का स्वास्थ्य परीक्षण किया और पानी समेत अन्य जरूरी सैंपल जांच के लिए लिए गए। स्वास्थ्य विभाग की टीम में डॉ. डीके वर्मा, डॉ. केबी गौतम सहित मेडिकल अफसर, फार्मासिस्ट, सपोर्ट स्टाफ, आशा कार्यकर्ता, एएनएम, एमपीडब्ल्यू आदि शामिल थे। शाम को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने प्रभावित बस्ती के लोगों को ओआरएस पाउडर और अन्य दवाओं का वितरण किया। एक के बाद एक बिगड़ती गई तबीयत
सबसे पहले मोलिया कोल को उल्टी-दस्त की शिकायत हुई और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसके बाद ज्योति कोल बीमार पड़ी। फिर राजकुमारी कोल की तबीयत बिगड़ी। उसके बाद क्रम से देवरती कोल, डेढ़ साल का आतिश और अंत में छोटानी कोल बीमार हो गए। मरने वालों को केमला प्रसाद से रिश्ता मौतों का रहस्य, डॉक्टर्स भी हैरान
डॉक्टर भी हैरान हैं। सभी मृतकों को शुरुआती तौर पर उल्टी-दस्त की शिकायत थी। लेकिन हैरानी की बात ये कि सैकड़ों लोगों ने वही खाना खाया था, फिर भी सिर्फ कुछ ही लोग बीमार पड़े। इसी वजह से इसे फूड पॉइजनिंग का मामला भी नहीं माना जा रहा है। अगर खाना खराब होता तो बड़ी संख्या में लोग बीमार होते। स्थिति इतनी गंभीर थी कि एक महिला ने तो स्वास्थ्य विभाग की टीम के सामने ही दम तोड़ दिया। फिलहाल तीन लोग संजय गांधी अस्पताल, रीवा में भर्ती हैं, जिनमें से एक महिला की किडनी बुरी तरह डैमेज बताई जा रही है। परिजनों का कहना है कि सभी मरने वाले पूरी तरह से स्वस्थ थे। किसी को पहले से कोई गंभीर बीमारी नहीं थी। अचानक उल्टी-दस्त शुरू हुए और एक-एक कर चारों की मौत हो गई। वजह क्या है- ये अब भी रहस्य बना हुआ है। पीएम नहीं कराया, सवालों के घेरे में स्वास्थ्य विभाग
इस मामले में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही भी सामने आई है। चारों शवों का पोस्टमॉर्टम तक नहीं कराया गया। अब सवाल उठ रहा है- अगर किसी ने जानबूझकर जहरीला पदार्थ खिलाया या दिया हो, तो बिना पोस्टमॉर्टम इसके सबूत कैसे मिलेंगे? इधर, पीड़ित परिवार का कहना है- 'हम लोग कम पढ़े-लिखे हैं, आदिवासी तबके से आते हैं। किसी ने पोस्टमॉर्टम कराने की सलाह नहीं दी।' परिजनों ने आरोप लगाया कि कुछ कागजों पर हस्ताक्षर करवा लिए गए तो हमने कर दिए। 10 दिन इलाके में कैंप करेगी स्वास्थ्य टीम
चार मौतों की सूचना मिलने के बाद गुरुवार सुबह स्वास्थ्य विभाग की टीम निराला नगर पहुंची और हालात संभालने की कोशिश शुरू की। फिलहाल सीएमएचओ के निर्देश पर आगामी 10 दिन तक स्वास्थ्य विभाग की टीम इलाके में कैंप करेगी और सभी रहवासियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा। देर शाम खुद सीएमएचओ डॉ. संजीव शुक्ल भी मौके पर पहुंचे। स्वास्थ्य अधिकारी ने सांसद को दी गलत जानकारी
सांसद जनार्दन मिश्रा के अनुसार, उन्होंने सीएमएचओ डॉ. संजीव शुक्ला से स्थिति की जानकारी मांगी, लेकिन सीएमएचओ मरने वालों की संख्या को लेकर स्पष्ट नहीं थे। उन्होंने सिर्फ दो मौतों की जानकारी दी, जबकि मौके पर चार लोगों की मौत हो चुकी थी। इस पर उन्होंने नाराजगी जाहिर की और सीएमएचओ को फटकार लगाई। तीन लोग अब भी अस्पताल में भर्ती
संजय गांधी अस्पताल (एसजीएमएच) के सीएमओ डॉ. यत्नेश त्रिपाठी ने बताया कि राजकुमारी कोल, आरुषि कोल और मुलिया कोल अस्पताल में भर्ती हैं। मुलिया कोल (उम्र 60) की किडनी में गंभीर इन्फेक्शन पाया गया है। सभी का इलाज जारी है। आसपास के डेढ़ किलोमीटर में डर का माहौल
घटना के बाद आसपास के डेढ़ किलोमीटर के इलाके में डर का माहौल है। सुरेश कोल ने बताया कि जिस तरह से यह घटना घटित हुई है उससे लोग डरें और सहमे हुए हैं। सभी को यह डर है कि किसी और की मौत न हो जाए। कई लोग इसे संक्रमण भी मान रहे हैं, जिस वजह से लोग मोहल्ले में आने से कतराने लगे हैं। उन्होंने बताया कि किसी जरूरी काम से निकलना भी पड़ रहा है तो चेहरे में मास्क लगाकर निकल रहे हैं। वहीं आसपास के जो लोग सुबह शाम एक दूसरे से हाल चाल जानने आ जाया करते थे, वो अब घरों में ही खुद को सुरक्षित समझ रहे हैं। घर वाले बोले- हम भी हैरान, दुखों का विस्फोट हो गया
ददन प्रसाद कोल ने बताया कि हम सभी घर के लोग हैरान हैं कि आखिर हमारे साथ यह क्या हो गया। 24 घंटे के भीतर चार जिंदगियां आखिर कैसे उजड़ गईं। ऐसा लगा जैसे 11 जून को एक साथ घर में दुखों का विस्फोट हो गया। जिस घर में शादी का जश्न और भरपूर उत्साह का माहौल था, वहां बिना किसी ठोस कारण चार-चार लोग कैसे खत्म हो गए, समझ से परे है। न ही ये लोग बीमार थे और न ही ये लोग किसी ऐसी स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहे थे कि इस तरह की घटना की भनक लगती। परिजन बोले- चारों की मौत हमारे लिए रहस्य
केमला प्रसाद कोल ने बताया कि इन चारों की मौत हमारे लिए रहस्य है। डॉक्टर्स को दिखाने तक का समय नहीं मिला। सब कुछ चंद घंटों में होता चला गया। आज हम अपने घर के चार महत्वपूर्ण सदस्यों को खो चुके हैं जो 7 जून को ही हमारे साथ जश्न में शामिल हुए थे। सब साथ बैठकर ठहाके लगा रहे थे। कभी किसी के घर में कोई बड़ा हादसा हो जाए या फिर सड़क दुर्घटना हो जाए तो चार लोगों की मौत होते सुनी है। लेकिन अचानक तबीयत बिगड़ जाए और चंद घंटों के उल्टी दस्त के बाद अचानक जान चली जाए। ये अब तक सुनने में नहीं आया है। डॉक्टर तक कारण नहीं बता पा रहे हैं। शायद मेरे ही कुछ बुरे कर्म रहे होंगे, जिनका फल मुझे इस दर्द के रूप में झेलना पड़ रहा है। पढ़ें पूरी खबर... ब्लैक-टी पीने के बाद बिगड़ी तबीयत, बच्ची की मौत: रतलाम में एक ही परिवार के 6 लोग हुए बीमार; फूड पॉइजनिंग की आशंका रतलाम में ब्लैक-टी (काली चाय) पीने के बाद एक ही परिवार के 6 लोगों की तबीयत बिगड़ गई। सभी को उल्टी-दस्त लग गए। उन्हें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। यहां से उन्हें रतलाम मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। इलाज के दौरान 19 फरवरी को तीन साल की एक बच्ची की मौत हो गई। फूड पॉइजनिंग की आशंका जताई जा रही है। पढ़ें पूरी खबर...