ईरानी मस्जिदों पर बदले के लाल झंडे, इजराइल में सन्नाटा:ईरान के लोग बोले- अब बातचीत नहीं, इजराइली अफसर ने कहा- जंग लंबी चलेगी

ईरान की राजधानी तेहरान में कई जगह से धुआं उठ रहा है। राहत-बचाव के काम में लगी गाड़ियों के सायरन शुक्रवार सुबह से ही बज रहे हैं। इजराइल के हमलों में ईरानी सेना के टॉप 20 कमांडर मारे जाने की खबरें हैं। मरने वालों में 6 परमाणु वैज्ञानिक भी हैं। उधर, तेहरान से करीब 150 किमी दूर कोम शहर की जमकारन मस्जिद पर लाल रंग का का झंडा फहराया जा रहा है। मस्जिद के बाहर हजारों लोग जमा हैं, जो इजराइल को खत्म करने की नारेबाजी कर रहे हैं। ईरानी सरकार के एक टॉप अधिकारी दैनिक भास्कर से कहते हैं- ‘अब बातचीत का वक्त खत्म हो चुका है। इजराइल ने घातक हमले किए हैं। किसी ने नहीं सोचा था कि इस तरह हमला होगा। हमारे जनरल सलामी की मौत हो गई है। जिन न्यूक्लियर साइंटिस्ट की मौत हुई है, वे तो परमाणु कार्यक्रम में एक्टिव तरीके से जुड़े भी नहीं थे।’ देश अभी युद्ध की कगार पर है, इसलिए ईरान के अधिकारी और आम लोग मीडिया के सामने पहचान जाहिर नहीं करना चाहते। सरकार से हिदायत मिली है कि विदेशी मीडिया से बात न करें। हालांकि, उनकी बातों से साफ है कि हमले में ईरान को काफी नुकसान पहुंचा है। उधर, ईरान ने भी इजराइल पर ड्रोन अटैक किया है। दैनिक भास्कर ने इजराइल और ईरान में लोगों और सरकारी अधिकारियों से बात की। ईरान में सड़कें सूनी, मस्जिदों से बदले का ऐलान 13 जून की सुबह इजराइल के अटैक के बाद ईरानी संसद के अध्यक्ष मोहम्मद बाघेर गाबिलफ मीडिया के सामने आए, उन्होने कहा- ‘बदला लेने का समय आ गया है। यह बदला किसी भी तरीके और हथियार के जरिए लिया जा सकता है।’ इससे पहले इजराइली एयरफोर्स ने शुक्रवार सुबह ईरान पर 200 फाइटर जेट्स से हमला किया था। टारगेट पर तेहरान समेत आसपास के 6 सैन्य ठिकाने थे। इनमें से 4 जगह परमाणु फैसिलिटी सेंटर हैं। ईरानी मीडिया ने इजराइली हमले में आम लोगों के मारे जाने का दावा किया है। रिहायशी बिल्डिंगों को भी नुकसान पहुंचा है। इजराइली हमले पर ईरान के लोग खुलकर बात नहीं कर रहे हैं। दैनिक भास्कर ने वहां कॉन्टैक्ट में रहे 6 लोगों को कॉल और मैसेज किया। कोई भी वहां के हालात बताने के लिए तैयार नहीं हुआ। ईरान के एक सरकारी अधिकारी की तरफ से जवाब आया। हालांकि, उन्होंने भी पहचान न बताने की गुजारिश की। वे कहते हैं, ‘इजराइल के हमले के बाद से ईरान की सड़कों पर सन्नाटा है। अमेरिका ने हमले में इजराइल का साथ दिया है। अब अमेरिका के साथ बातचीत का समय चला गया है। मुझे नहीं लगता कि परमाणु कार्यक्रम पर कोई बातचीत हो सकती है।’ हमने ईरानी अधिकारी से पूछा कि अमेरिका ने कहा है कि इजराइल के हमले में वो शामिल नहीं है। क्या आप अमेरिका की ये बात मानेंगे? वे जवाब देते हैं, ‘अमेरिका भले कहे कि ईरान पर हमले में उसका हाथ नहीं है, लेकिन हमें पता है कि वो इजराइल के साथ है। अमेरिकियों के साथ टेबल पर बैठकर बातचीत करने का कोई मतलब नहीं रह जाता। इजराइल ने ईरानी अधिकारियों और फौजियों की हत्या की है। इसके बाद बातचीत की जगह नहीं बच जाती।’ ‘अब ईरान भी आगे कदम उठाएगा। मैं मानता हूं कि ईरान की तरफ से इंटेलिजेंस की चूक हुई है। आखिर कैसे इजराइल ईरान के अंदर की इतनी सारी जानकारी इकट्ठा कर पाया और उसके प्लान के बारे में हमें कैसे पता नहीं चला।’ आगा जमान, स्टूडेंट शहर: कोम, ईरान लद्दाख के करगिल में रहने वाले आगा जमान ईरान की राजधानी तेहरान से करीब 150 किमी दूर कोम शहर में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। आगा बताते हैं, ‘अभी यहां सुबह हुई है। अब तक कोई दिक्कत नहीं हुई। मैं जहां रहता हूं, वहां से तेहरान दूर है। इसलिए यहां धमाकों की आवाजें सुनाई नहीं दीं। तेहरान में क्या हालात हैं, इस बारे में मुझे पता नहीं चला है। हमारे शहर में धुआं वगैरह भी दिखाई नहीं दिया।' इस बातचीत के बाद आगा का फोन भी बंद हो गया है। सूत्रों के मुताबिक ईरान में लोगों को विदेशी मीडिया से बात न करने की हिदायत भी जारी की गई है। जमीर अब्बास जाफरी, प्रोफेसर कोम, ईरान मुंबई के रहने वाले जमीर 15 साल से अल-मुस्तफा यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं। 13 जून की सुबह 3 बजे इजराइल की तरफ से बमबारी शुरू हुई, तब वे नमाज के लिए जाग चुके थे। कोम तेहरान से करीब 150 किमी है, इसलिए उन तक धमाकों की आवाज नहीं पहुंची। हालांकि, हमले की खबर उन्हें तुरंत मिल गई। जमीर बताते हैं, ‘जुमे की नमाज में हजारों लोग मौजूद थे। यहां नारे लग रहे थे, हम कर्बला वाले हैं, इजराइल से नहीं डरते। नमाज के बाद लड़कियां और महिलाएं भी इकट्ठा हुई। सभी ने जुलूस निकाला। लोग इजराइल से बदला लेना चाहते हैं। बदला लेने तक जंग खत्म नहीं होगी।’ इजराइल में बाजार बंद, अस्पताल बम शेल्टर में शिफ्ट, हवाई जहाज विदेश भेजे ईरान के जवाबी हमले की आशंका से इजराइली सेना ने पूरे देश में इमरजेंसी का ऐलान कर दिया है। तेल अवीव का बेन गुरियन इंटरनेशनल एयरपोर्ट खाली करा लिया गया है। खबरें हैं कि इजराइली एयरलाइंस कंपनियां अपने प्लेन दूसरे देशों में शिफ्ट कर रही हैं। इजराइल आने-जाने वाली सभी फ्लाइट सस्पेंड कर दी गई हैं। देश भर में अस्पतालों को बड़े हादसों के निपटने के लिहाज से तैयारी करने के लिए कहा गया है। सेना ने बयान जारी कर कहा, ‘इस अभियान के दौरान हम सभी से अलर्ट रहने की उम्मीद करते हैं। जितना हो सके घर या पब्लिक प्लेस पर शेल्टर में रहें। अगर आसपास सुरक्षित जगह नहीं है, तो छिपने के लिए सीढ़ी के नीचे रहें या घर के अंदर वाले कमरे में चले जाएं।' 'हर नागरिक को पता होना चाहिए कि उसके आसपास सबसे सुरक्षित जगह कौन सी है। बिना वजह बाहर घूमने और वाहन चलाने से भी बचना चाहिए।’ रीना पुष्कराना, रेस्टोरेंट मालिक तेल अवीव, इजराइल इजराइल में रह रहीं भारतीय मूल की रीना पुष्कराना तेल अवीव में रेस्टोरेंट चलाती हैं। वे इजराइल में भारतीय कम्युनिटी की लीडर हैं। हमने उनसे इजराइल के हालात पर बात की। रीना बताती हैं, ‘रात के 3 बजे थे। तभी तेज आवाज में इमरजेंसी सायरन बजने लगे। समझ नहीं आया कि अचानक क्या हो गया। हमारे घर में बम शेल्टर बना है। मैं

ईरानी मस्जिदों पर बदले के लाल झंडे, इजराइल में सन्नाटा:ईरान के लोग बोले- अब बातचीत नहीं, इजराइली अफसर ने कहा- जंग लंबी चलेगी
ईरान की राजधानी तेहरान में कई जगह से धुआं उठ रहा है। राहत-बचाव के काम में लगी गाड़ियों के सायरन शुक्रवार सुबह से ही बज रहे हैं। इजराइल के हमलों में ईरानी सेना के टॉप 20 कमांडर मारे जाने की खबरें हैं। मरने वालों में 6 परमाणु वैज्ञानिक भी हैं। उधर, तेहरान से करीब 150 किमी दूर कोम शहर की जमकारन मस्जिद पर लाल रंग का का झंडा फहराया जा रहा है। मस्जिद के बाहर हजारों लोग जमा हैं, जो इजराइल को खत्म करने की नारेबाजी कर रहे हैं। ईरानी सरकार के एक टॉप अधिकारी दैनिक भास्कर से कहते हैं- ‘अब बातचीत का वक्त खत्म हो चुका है। इजराइल ने घातक हमले किए हैं। किसी ने नहीं सोचा था कि इस तरह हमला होगा। हमारे जनरल सलामी की मौत हो गई है। जिन न्यूक्लियर साइंटिस्ट की मौत हुई है, वे तो परमाणु कार्यक्रम में एक्टिव तरीके से जुड़े भी नहीं थे।’ देश अभी युद्ध की कगार पर है, इसलिए ईरान के अधिकारी और आम लोग मीडिया के सामने पहचान जाहिर नहीं करना चाहते। सरकार से हिदायत मिली है कि विदेशी मीडिया से बात न करें। हालांकि, उनकी बातों से साफ है कि हमले में ईरान को काफी नुकसान पहुंचा है। उधर, ईरान ने भी इजराइल पर ड्रोन अटैक किया है। दैनिक भास्कर ने इजराइल और ईरान में लोगों और सरकारी अधिकारियों से बात की। ईरान में सड़कें सूनी, मस्जिदों से बदले का ऐलान 13 जून की सुबह इजराइल के अटैक के बाद ईरानी संसद के अध्यक्ष मोहम्मद बाघेर गाबिलफ मीडिया के सामने आए, उन्होने कहा- ‘बदला लेने का समय आ गया है। यह बदला किसी भी तरीके और हथियार के जरिए लिया जा सकता है।’ इससे पहले इजराइली एयरफोर्स ने शुक्रवार सुबह ईरान पर 200 फाइटर जेट्स से हमला किया था। टारगेट पर तेहरान समेत आसपास के 6 सैन्य ठिकाने थे। इनमें से 4 जगह परमाणु फैसिलिटी सेंटर हैं। ईरानी मीडिया ने इजराइली हमले में आम लोगों के मारे जाने का दावा किया है। रिहायशी बिल्डिंगों को भी नुकसान पहुंचा है। इजराइली हमले पर ईरान के लोग खुलकर बात नहीं कर रहे हैं। दैनिक भास्कर ने वहां कॉन्टैक्ट में रहे 6 लोगों को कॉल और मैसेज किया। कोई भी वहां के हालात बताने के लिए तैयार नहीं हुआ। ईरान के एक सरकारी अधिकारी की तरफ से जवाब आया। हालांकि, उन्होंने भी पहचान न बताने की गुजारिश की। वे कहते हैं, ‘इजराइल के हमले के बाद से ईरान की सड़कों पर सन्नाटा है। अमेरिका ने हमले में इजराइल का साथ दिया है। अब अमेरिका के साथ बातचीत का समय चला गया है। मुझे नहीं लगता कि परमाणु कार्यक्रम पर कोई बातचीत हो सकती है।’ हमने ईरानी अधिकारी से पूछा कि अमेरिका ने कहा है कि इजराइल के हमले में वो शामिल नहीं है। क्या आप अमेरिका की ये बात मानेंगे? वे जवाब देते हैं, ‘अमेरिका भले कहे कि ईरान पर हमले में उसका हाथ नहीं है, लेकिन हमें पता है कि वो इजराइल के साथ है। अमेरिकियों के साथ टेबल पर बैठकर बातचीत करने का कोई मतलब नहीं रह जाता। इजराइल ने ईरानी अधिकारियों और फौजियों की हत्या की है। इसके बाद बातचीत की जगह नहीं बच जाती।’ ‘अब ईरान भी आगे कदम उठाएगा। मैं मानता हूं कि ईरान की तरफ से इंटेलिजेंस की चूक हुई है। आखिर कैसे इजराइल ईरान के अंदर की इतनी सारी जानकारी इकट्ठा कर पाया और उसके प्लान के बारे में हमें कैसे पता नहीं चला।’ आगा जमान, स्टूडेंट शहर: कोम, ईरान लद्दाख के करगिल में रहने वाले आगा जमान ईरान की राजधानी तेहरान से करीब 150 किमी दूर कोम शहर में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। आगा बताते हैं, ‘अभी यहां सुबह हुई है। अब तक कोई दिक्कत नहीं हुई। मैं जहां रहता हूं, वहां से तेहरान दूर है। इसलिए यहां धमाकों की आवाजें सुनाई नहीं दीं। तेहरान में क्या हालात हैं, इस बारे में मुझे पता नहीं चला है। हमारे शहर में धुआं वगैरह भी दिखाई नहीं दिया।' इस बातचीत के बाद आगा का फोन भी बंद हो गया है। सूत्रों के मुताबिक ईरान में लोगों को विदेशी मीडिया से बात न करने की हिदायत भी जारी की गई है। जमीर अब्बास जाफरी, प्रोफेसर कोम, ईरान मुंबई के रहने वाले जमीर 15 साल से अल-मुस्तफा यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं। 13 जून की सुबह 3 बजे इजराइल की तरफ से बमबारी शुरू हुई, तब वे नमाज के लिए जाग चुके थे। कोम तेहरान से करीब 150 किमी है, इसलिए उन तक धमाकों की आवाज नहीं पहुंची। हालांकि, हमले की खबर उन्हें तुरंत मिल गई। जमीर बताते हैं, ‘जुमे की नमाज में हजारों लोग मौजूद थे। यहां नारे लग रहे थे, हम कर्बला वाले हैं, इजराइल से नहीं डरते। नमाज के बाद लड़कियां और महिलाएं भी इकट्ठा हुई। सभी ने जुलूस निकाला। लोग इजराइल से बदला लेना चाहते हैं। बदला लेने तक जंग खत्म नहीं होगी।’ इजराइल में बाजार बंद, अस्पताल बम शेल्टर में शिफ्ट, हवाई जहाज विदेश भेजे ईरान के जवाबी हमले की आशंका से इजराइली सेना ने पूरे देश में इमरजेंसी का ऐलान कर दिया है। तेल अवीव का बेन गुरियन इंटरनेशनल एयरपोर्ट खाली करा लिया गया है। खबरें हैं कि इजराइली एयरलाइंस कंपनियां अपने प्लेन दूसरे देशों में शिफ्ट कर रही हैं। इजराइल आने-जाने वाली सभी फ्लाइट सस्पेंड कर दी गई हैं। देश भर में अस्पतालों को बड़े हादसों के निपटने के लिहाज से तैयारी करने के लिए कहा गया है। सेना ने बयान जारी कर कहा, ‘इस अभियान के दौरान हम सभी से अलर्ट रहने की उम्मीद करते हैं। जितना हो सके घर या पब्लिक प्लेस पर शेल्टर में रहें। अगर आसपास सुरक्षित जगह नहीं है, तो छिपने के लिए सीढ़ी के नीचे रहें या घर के अंदर वाले कमरे में चले जाएं।' 'हर नागरिक को पता होना चाहिए कि उसके आसपास सबसे सुरक्षित जगह कौन सी है। बिना वजह बाहर घूमने और वाहन चलाने से भी बचना चाहिए।’ रीना पुष्कराना, रेस्टोरेंट मालिक तेल अवीव, इजराइल इजराइल में रह रहीं भारतीय मूल की रीना पुष्कराना तेल अवीव में रेस्टोरेंट चलाती हैं। वे इजराइल में भारतीय कम्युनिटी की लीडर हैं। हमने उनसे इजराइल के हालात पर बात की। रीना बताती हैं, ‘रात के 3 बजे थे। तभी तेज आवाज में इमरजेंसी सायरन बजने लगे। समझ नहीं आया कि अचानक क्या हो गया। हमारे घर में बम शेल्टर बना है। मैं फैमिली के साथ शेल्टर की तरफ भागी। वहां पहुंचकर फोन चेक किया, तो पता चला कि इजराइल ने ईरान पर हमला किया है। जवाब में ईरान की तरफ से मिसाइलें दागी गई हैं। कई महीनों बाद इतना लंबा सायरन बजा होगा। अब फिर से डर लग रहा है।’ ‘इजराइल में हालात पहले से काफी ठीक हो गए हैं। अक्टूबर, 2023 में गाजा की तरफ से हुए हमले के बाद बहुत बुरी स्थिति थी। फिर भी अभी तेल अवीव शहर में सब कुछ बंद है। सड़कों और बाजार में सन्नाटा है। टैक्सी बंद हैं। पूरे इजराइल में सायरन की आवाज गूंज रही है। मेरे रेस्टोरेंट में भी बम शेल्टर है, इसलिए हम अभी रेस्टोरेंट में ही हैं। बीच-बीच में बाहर निकलकर देख लेते हैं।’ ‘इजराइल में एयरपोर्ट बंद हैं। लोकल एडमिनिस्ट्रेशन ने रात में ही बता दिया कि बाहर नहीं निकलना है। खाना-पानी घर इकट्ठा करके घरों के अंदर बम शेल्टर के पास रहना है। सायरन बजे तो उसे सीरियसली लेना है।’ आमिर, डिफेंस फोर्स नॉर्थ इजराइल इजराइली डिफेंस फोर्स के फौजी आमिर नॉर्थ इजराइल में रहते हैं। उनकी तैनाती लेबनान से लगने वाली सीमा पर होती है। दैनिक भास्कर ने अक्टूबर 2023 में गाजा पर इजराइली हमले के वक्त युद्ध की कवरेज की थी। तभी हम आमिर से मिले थे। हमने उनसे पूछा कि अभी हालात कैसे हैं? आमिर ने जवाब दिया, ‘बहुत अच्छे नहीं हैं। हम सेफ रूम और शेल्टर के पास ही रह रहे हैं। लग रहा है जंग लंबी चलेगी।’ ट्रम्प बोले- आगे हमले ज्यादा क्रूर होंगे ईरान पर इजराइली हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा, 'मैंने ईरान को डील करने के लिए कई मौके दिए। उन्होंने कितनी भी कोशिश की हो, वे कितने भी करीब क्यों न पहुंचे हों, लेकिन इसे पूरा नहीं कर पाए। मैंने उनसे कहा कि यह किसी भी चीज से कहीं ज्यादा बुरा होगा।' इससे पहले ट्रम्प ने कहा था कि उन्हें इजराइली हमले के बारे में पता था, लेकिन इसमें अमेरिकी सेना ने कोई भूमिका नहीं है। एक्सपर्ट बोले- ये सिर्फ शुरुआत, जंग लंबी चलेगी JNU में स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के एसोसिएट प्रोफेसर राजन कुमार कहते हैं, ‘इजराइल ने जिस तरह ये हमला किया है, इसे ईरान और इजराइल के बीच युद्ध की शुरुआत माननी चाहिए। इजराइल को डर था कि कहीं ईरान की अमेरिका के साथ न्यूक्लियर डील न हो जाए और ईरान पर लगे प्रतिबंध न हट जाएं।' ‘इजराइल ने पूरी रणनीति के साथ अमेरिका को दरकिनार करते हुए ईरान पर हमला किया है। अमेरिका को दरकिनार करने का मतलब ये नहीं समझना चाहिए कि अमेरिका इजराइल के साथ नहीं है। ईरान पर बिना अमेरिका की जानकारी के हमला नहीं हो सकता। अमेरिका इजराइल के जरिए ईरान को तबाह करना चाह रहा है। ‘ईरान के लिए ये कोई सामान्य हमला नहीं है। उसके टॉप मिलिट्री कमांडर, टॉप साइंटिस्ट को मार देना नेशनल क्राइसिस है। ईरान और इजराइल के बीच ये युद्ध लंबे वक्त तक चल सकता है।’‘फिलहाल रूस यूक्रेन के साथ युद्ध में फंसा हुआ है। इस वजह से वो खुलकर ईरान का समर्थन नहीं कर पाएगा। पिछले दरवाजे से जरूर सपोर्ट करना चाहेगा। चीन की अमेरिका से ट्रेड डील होनी है, इस वजह से वो कुछ भी नहीं कर पाएगा। चीन डिप्लोमैटिक तरीके से और बैकडोर से जरूर हथियार या दूसरी मदद कर दे।’ ‘भारत के इजराइल-ईरान से अच्छे संबंध, युद्ध हुआ तो असर पड़ेगा’ राजन कुमार आगे कहते हैं, ‘ये वॉर अगर बड़ा होता है तो भारत लिए ज्यादा खतरनाक होगा क्योंकि ये युद्ध हमारे पड़ोस में होगा। इससे महंगाई बढ़ेगी और आर्थिक संकट गहराएगा। हमारा गल्फ के देशों में एक्सपोर्ट प्रभावित हो सकता है। ये हमारे इजराइल के साथ संबंधों पर असर डाल सकता है।’ स्ट्रैटेजिक एंड फॉरेन अफेयर्स एक्सपर्ट सौरभ कुमार शाही कहते हैं, ‘इजराइल का राजनीतिक संकट ईरान के साथ तनाव की बड़ी वजह है। इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर करप्शन के गंभीर आरोप हैं। वे प्रधानमंत्री हैं, तभी तक उन्हें राहत मिली हुई है। इजराइल जब तक युद्ध में रहेगा, वे प्रधानमंत्री बने रहेंगे।’ सौरभ कुमार शाही के मुताबिक, इजराइल के हमले की स्टाइल हिजबुल्लाह पर किए हमले की तरह ही है। ईरान की टॉप मिलिट्री अफसर, न्यूक्लियर साइट और सैनिक ठिकानों पर हमला किया गया। ईरान की इजराइल से जमीनी सीमा नहीं लगती। सीरिया में भी ईरान के समर्थन वाली असद सरकार नहीं रही। इसलिए ईरान एयर ऑपरेशन पर ही निर्भर है। वो अपनी मिसाइलों का इस्तेमाल करेगा। ईरान के पास यही सबसे घातक हथियार हैं। 1. नतांज: ईरान का मेन परमाणु फैसिलिटी सेंटर तेहरान से लगभग 250 किलोमीटर साउथ में है। अनुमान है कि यहां 9 परमाणु बम बनाने जितना यूरेनियम मौजूद है। इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, ये साइट अंडरग्राउंड है और 7.6 मीटर मोटी दीवार से ढकी है। फिर भी हमले में इसे नुकसान पहुंचा है। 2. तेहरान: ईरान की राजधानी, कई अहम मिलिट्री ठिकाने इजराइल ने तेहरान पर हमला करके जता दिया कि वो ईरान के पावर सेंटर तक पहुंच सकता है। तेहरान में संसद के अलावा सरकार के सभी अहम ऑफिस है। ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामेनेई भी यही रहते हैं। अहम मिलिट्री ठिकाने और एयरपोर्ट्स हैं। तेहरान के आसपास इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स यानी IRGC के ट्रेनिंग सेंटर और हथियार डिपो हैं। 3. इस्फहान: परमाणु टेक्नोलॉजी सेंटर इस शहर में यूरेनियम कन्वर्जन फैसिलिटी है। यहां कच्चे यूरेनियम को गैस में बदला जाता है। इस शहर में एयरबेस भी है। माना जा रहा है कि इस बार के हमले में एयरबेस के रडार सिस्टम को निशाना बनाया गया है। इस्फहान में हथियार बनाने वाली फैक्ट्रियां भी हैं। 4. अराक: हैवी वाटर रिएक्टर अराक में हैवी वाटर रिएक्टर है। इससे प्लूटोनियम बन सकता है। यह परमाणु हथियार बनाने का एक और तरीका है। यहां हमले की वजह ईरान के एटमी प्रोग्राम के दूसरे रास्ते को भी रोकना है। 5. तबरीज: मिलिट्री बेस और तेल रिफाइनरी तुर्की और आर्मेनिया की सीमा के करीब बसा तबरीज शहर ईरान के अजरबैजान प्रांत की राजधानी है। यहां परमाणु ठिकाना नहीं है, लेकिन मिलिट्री वेयरहाउस, मिसाइल प्रोडक्शन यूनिट और IRGC से जुड़े ठिकाने हैं। यहां बैलिस्टिक मिसाइल और ड्रोन बनते हैं। तबरीज में तेल रिफाइनरी भी है। यहां हमला करने का मकसद ईरान की तेल क्षमता को कमजोर करना है। 6. करमनशाह: यूरेनियम कन्वर्जन फैसिलिटी ईरान के मिसाइल बेस और इंडस्ट्रियल कॉम्प्लेक्स इराक सीमा के पास हैं। अक्टूबर 2024 में ईरान ने इसी बेस से इजराइल पर मिसाइल हमले किए थे। दोबारा यहां से जवाबी हमला न हो, इसलिए करमनशाह को टारगेट किया गया। इजराइल-ईरान टेंशन पर ये खबरे भी पढ़िए... 1. कच्चा तेल 10% चढ़ा, ईरान ने रास्ता रोका तो महंगे होंगे पेट्रोल-डीजल इजराइल ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हवाई हमले किए, तो तेल की कीमतें अचानक बढ़ गई। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि ईरान दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल उत्पादक है। ईरान स्ट्रेट ऑफ होर्मुज के उत्तरी किनारे पर है। इस रास्ते से सऊदी अरब, कुवैत, इराक जैसे देशों का तेल सप्लाई होता है। अगर ईरान ने रास्ता ब्लॉक किया, तो दुनिया की 20% तेल सप्लाई अटक सकती है। पढ़िए पूरी खबर.. 2. इजराइली एयर स्ट्राइक में 78 की मौत, नेतन्याहू ने मोदी से बात की इजराइल की एयरस्ट्राइक में 78 लोगों की मौत हुई है। इजराइली हमले के जवाब में ईरान ने 100 से ज्यादा ड्रोन दागे। इजराइली सेना ने दावा किया है कि उसने सभी ड्रोन मार गिराए। इस बीच इजराइली PM नेतन्याहू ने PM मोदी से फोन पर बात कर मिडिल ईस्ट के हालात की जानकारी दी। पढ़िए पूरी खबर..