सीहोर में RAMP योजना के तहत एमएसएमई सशक्तिकरण कार्यशाला का आयोजन |

सीहोर ज़िले (मध्य प्रदेश) में 18 फरवरी 2025 को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के सशक्तिकरण एवं प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला ‘‘रेज़िंग एंड एक्सेलेरेटिंग एमएसएमई परफॉर्मेंस (RAMP)’’ योजना के अंतर्गत राज्य नोडल एजेंसी मध्य प्रदेश लघु उद्योग निगम लिमिटेड (एमपीएलयूएन) द्वारा आयोजित की गई।
इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य ज़ेड (Zero Defect Zero Effect) योजना और एमएसएमई कॉम्पेटिटिव लीन स्कीम (एमसीएलएस) के प्रति उद्यमियों में जागरूकता फैलाना था, जिससे वे अपने उद्योगों को अधिक गुणवत्ता युक्त, पर्यावरणीय दृष्टि से उत्तरदायी और दक्ष बना सकें।
कार्यशाला का शुभारंभ सीहोर जिला के महाप्रबंधक श्री गिरीश अनुराग वर्मा कुमार मिश्रा स्वागत भाषण से हुआ। उन्होंने उपस्थित उद्यमियों को RAMP योजना की विशेषताओं एवं लाभों से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि यह योजना एमएसएमई क्षेत्र में उत्पादकता बढ़ाने, वित्तीय सशक्तिकरण सुनिश्चित करने तथा संचालन को बेहतर बनाने हेतु एक प्रभावशाली पहल है। उन्होंने उद्यमियों से योजनाओं में सक्रिय भागीदारी करने और उपलब्ध सुविधाओं का अधिकतम लाभ उठाने का आग्रह किया।
ज़ेड योजना पर विशिष्ट सत्र श्री वी. पी. शर्मा द्वारा लिया गया, जिसमें उन्होंने ज़ेड प्रमाणन की प्रक्रिया, उसके लाभ, पात्रता तथा सरकार द्वारा प्रदत्त तकनीकी एवं वित्तीय सहायता की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ज़ेड प्रमाणन से एमएसएमई गुणवत्ता में सुधार, अपव्यय में कमी तथा पर्यावरणीय प्रभाव में नियंत्रण सुनिश्चित कर सकते हैं।
इसके अतिरिक्त, लीन योजना (एमसीएलएस) पर भी जानकारी साझा की गई। इस योजना के अंतर्गत उद्यमी उत्पादन प्रणाली में सुधार कर लागत में कमी, संसाधनों का अधिकतम उपयोग एवं दक्षता में वृद्धि कर सकते हैं। विशेषज्ञों ने बताया कि लीन तकनीकों को अपनाकर एमएसएमई अपने व्यवसाय को अधिक प्रतिस्पर्धी बना सकते हैं।
कार्यशाला के अंत में प्रश्नोत्तर सत्र का आयोजन किया गया, जिसमें प्रतिभागियों ने ज़ेड एवं लीन योजनाओं से संबंधित जिज्ञासाएं साझा कीं। उन्होंने योजनाओं की पात्रता, आवेदन प्रक्रिया, प्रशिक्षण कार्यक्रमों तथा सरकारी सहयोग को लेकर रुचि दिखाई।
इस कार्यशाला में सीहोर ज़िले के विभिन्न एमएसएमई उद्यमियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और इस प्रकार के आयोजन को नियमित रूप से कराने की मांग की। जिला उद्योग केंद्र के अधिकारियों एवं विशेषज्ञों ने इस कार्यशाला को एमएसएमई क्षेत्र के विकास की दिशा में एक सकारात्मक और आवश्यक पहल बताया।
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