शहर की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक बढ़ते ट्रैफिक और जाम से राहत के लिए नगर निगम एक अनूठे प्रयोग की तैयारी में है। शहर के ऐसे ट्रैफिक पॉइंट्स जहां बड़े फ्लायओवर बनाना संभव नहीं है, वहां मूवेबल माइक्रो फ्लायओवर बनाने पर विचार किया जा रहा है। शुरुआत पांच स्थानों से करेंगे। यह मॉडल सफल रहा तो इसे अन्य स्थानों पर भी लागू करेंगे। माइक्रो फ्लायओवर सामान्य फ्लायओवर की तुलना में छोटे आकार के होंगे। यह स्टील के स्ट्रक्चर पर बनेंगे। खासकर दोपहिया वाहनों के लिए उपयोगी होंगे। इनका उद्देश्य ऐसे पॉइंट्स पर ट्रैफिक दबाव कम करना रहेगा, जहां इन्फ्रास्ट्रक्चर में बड़े सुधार की गुंजाइश नहीं है।
शहर में कई जगह ऐसी हैं, जहां सुबह-शाम भारी ट्रैफिक रहता है। यहां दोपहिया वाहन फंस जाते हैं। माइक्रो फ्लायओवर इन वाहनों के लिए वैकल्पिक मार्ग तैयार करेंगे, जिससे मुख्य सड़क पर दबाव घटेगा और ट्रैफिक अधिक सुचारु हो सकेगा। खास बात यह है कि यह मूवेबल होंगे। यानी इन्हें शिफ्ट किया जा सकेगा। सामान्य फ्लायओवर बनाने के लिए बड़ी जगह और समय चाहिए, वहीं माइक्रो फ्लायओवर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि ये लोहे के ढांचे से बनाए जाते हैं, जिससे जल्दी बन सकेंगे और ज्यादा जगह भी नहीं घेरेंगे। प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है
प्रस्ताव आया है कि इस तरह के माइक्रो फ्लायओवर्स से ट्रैफिक सुधार में मदद मिलेगी। दोपहिया व हलके वाहनों के लिए इस तरह के ब्रिज बेहद उपयोगी हैं। इन्हें शिफ्ट भी किया जा सकता है। अभी इस पर विचार किया जा रहा है। - पुष्यमित्र भार्गव, महापौर
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