रतलाम तत्कालीन एसपी राहुल लोढ़ा के ट्रांसफर को लेकर, दिग्विजय सिंह ने उठाए सवाल

पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने रतलाम एसपी राहुल लोढ़ा के ट्रांसफर को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि ‘एमपी में एक बार फिर सांप्रदायिक तनाव पैदा करने का प्रयास किया जा रहा है।’ इसी के साथ उन्होंने आरोप लगाया कि मप्र शासन ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन किया है।
मध्य प्रदेश में 10 सितंबर की रात को अचानक एक बड़ा प्रशासनिक फेरबदल किया गया, जिसमें रतलाम के एसपी राहुल कुमार लोढ़ा का तबादला प्रमुख रहा। यह तबादला रतलाम में गणेश चतुर्थी के दौरान हुए उपद्रव और उसके बाद पुलिस की कार्रवाई के संदर्भ में देखा जा रहा है। गणेश स्थापना के दिन शहर में हुई पथराव की घटना और पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई पर सवाल खड़े हुए थे, जिसके बाद इस तबादले को लेकर विपक्ष प्रदेश प्रदेश सरकार पर आरोप लगा रहा है।
क्या है मामला
बता दें कि गणेश चतुर्थी के अवसर पर रतलाम में निकले जुलूस के दौरान अचानक पथराव की खबरें सामने आईं। इसके बाद पुलिस ने हालात को काबू में करने के लिए लाठीचार्ज किया। कुछ स्थानीय लोगों और हिंदू संगठनों ने पुलिस की इस कार्रवाई पर नाराजगी जताई और इसे एकतरफा बताते हुए सवाल उठाए। वहीं, एसपी राहुल लोढ़ा ने पीएचक्यू को भेजी गई रिपोर्ट में प्रतिमा पर किसी भी प्रकार के पथराव की घटना से इंकार किया था। लोगों का कहना है कि पुलिस ने भी इस संबंध में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की, जिसके कारण विवाद और बढ़ गया। बीजेपी नेता और हिंदू समाज के प्रतिनिधिमंडल ने पुलिस प्रशासन के ख़िलाफ़ कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा। इसके बाद, मंगलवार रात एसपी के ट्रांसफ़र आदेश जारी हो गए।
दिग्विजय सिंह ने सरकार पर लगाए आरोप
इस पूरे घटनाक्रम के बाद, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मध्य प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि राज्य में सांप्रदायिक तनाव पैदा करने की साजिश की जा रही है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा है कि ‘एमपी में एक बार फिर सांप्रदायिक तनाव पैदा करने का प्रयास किया जा रहा है। रतलाम में कुछ दिन पहले गणेश जी की यात्रा निकाली जा रही थी। झूठी पत्थर फैंकने की बात फैलाकर धर्म विशेष को फसाने के लिए एसपी पर दवाब बनाया गया। प्लानिंग द्वारा झूठी अफवाह फैलाकर निर्दोष लोगों को फसाने की कहानी का पुलिस ने ईमानदारी से पर्दाफाश किया और षड्यंत्रकारियों को जेल भेजा। रतलाम एसपी राहुल कुमार लोढ़ा के ऊपर लगातार निर्दोष लोगों को फसाने का दबाव बनाया जा रहा था। लेकिन उन्होंने ईमानदारी से भारतीय संविधान तथा क़ानून का पालन करते हुए दंगा कराने के प्रयास को नाकाम किया। मैं उन्हें बधाई देता हूँ।
जहॉं मप्र शासन, मुख्यमंत्री व डीजीपी को उनकी प्रशंसा करनी थी उन्हें स्थानांतरण कर दिया गया। मप्र शासन ने माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का स्पष्ट उल्लंघन किया है। यदि निर्दोष लोगों को फँसा देते उनके घरों पर बुलडोज़र चला देते तो खूब शाबाशी मिलती। यह कहॉं तक जायज़ है?’ इस तरह दिग्विजय सिंह ने ये आरोप भी लगाया कि यदि एसपी ने निर्दोष लोगों को फँसा दिया होता और उनके घरों पर बुलडोजर चलवाया होता, तो शायद उनकी प्रशंसा की जाती। उन्होंने इस पूरे मामले को मप्र शासन द्वारा माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन बताया है।
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