दिल्ली चुनाव रिजल्ट पर AAP-कांग्रेस को संजय राउत की नसीहत

Feb 10, 2025 - 16:40
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दिल्ली चुनाव रिजल्ट पर AAP-कांग्रेस को संजय राउत की  नसीहत

नई दिल्ली : दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों ने एकबार फिर से विपक्षी दलों की एकजुटता को सवालों के घेरे में ला दिया है. इस बीच शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को नसीहत दी है.


उन्होंने कहा, ''इंडिया गठबंधन में कांग्रेस हमारा बड़ा, वरिष्ठ और राष्ट्रीय सहयोगी दल है. राहुल गांधी हमारे नेता हैं. बड़े सदस्य की जिम्मेदारी होती है कि सबको संभालकर आगे लेकर जाएं. ये जिम्मेदारी AAP की भी थी, उन्हें भी बैठकर बात करनी चाहिए थी. अगर दोनों बैठकर बातचीत करते तो शायद जिस तरह से बीजेपी को जीत मिली, उस तरह नहीं मिलती. गठबंधन की राजनीति में अहंकार नहीं होना चाहिए.''


साथ ही संजय राउत ने कहा, ''महाराष्ट्र में हमने बीजेपी के साथ 25 साल तक गठबंधन में काम किया. अभी भी हम MVA के तौर पर काम करते हैं और हमें मालूम है कि हमें किस तरह से काम करना है. कांग्रेस को बड़े भाई के रूप में अपनी जिम्मेदारी को बहुत संयम से निभाना चाहिए.''


वहीं शिवसेना उद्धव गुट की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि आपस में लड़ते रहेंगे तो बीजेपी को क्या हराएंगे? लोकसभा चुनाव के बाद इंडिया गठबंधन की बैठक तक नहीं हुई, क्या अस्तित्व बचेगा?


शिवसेना (यूबीटी) से मिली नसीहत पर महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि महाराष्ट्र में तो गठबंधन था क्या हुआ ? बीजेपी वोटों का डाका डाल रही है. ये असली मुद्दा है.


बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) को बड़ा झटका लगा है. 10 सालों तक सत्ता में रही आप को बीजेपी ने बड़े अंतर से हराया है. बीजेपी ने 48 सीटों पर जीत दर्ज की. वहीं आप 22 सीटों पर सिमट गई. 


राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि आप की हार की एक बड़ी वजह कांग्रेस से गठबंधन नहीं करना भी है. कांग्रेस ने इस बार अपने वोटों में दो फीसदी का इजाफा किया है. करीब 15 सीटें ऐसी हैं, जहां पार्टी ने आप के अधिक वोट काटे और बीजेपी ने जीत दर्ज की. हालांकि पार्टी खाता खोलने में नाकामयाब रही.


दिल्ली में शनिवार को आए नतीजों में AAP को 43.57 प्रतिशत जबकि बीजेपी को 45.56 प्रतिशत वोट मिले. कांग्रेस का वोट शेयर 6.34 प्रतिशत रहा. 


ओखला से विधायक अमानतुल्लाह खान ने भी कांग्रेस पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस ने चुनाव जीतने के लिए नहीं, बल्कि हमारी हार सुनिश्चित करने के लिए लड़ा. कांग्रेस नेता राहुल गांधी पहली बार मेरे निर्वाचन क्षेत्र में प्रचार करने आए थे. उन्हें पता था कि उनके पास जीतने का कोई मौका नहीं है, लेकिन वे हमें हराने के लिए दृढ़ थे.’’ 


बता दें कि शिवसेना (यूबीटी), आप और कांग्रेस इंडिया गठबंधन में शामिल है. आप और कांग्रेस दिल्ली-हरियाणा में गठबंधन कर लोकसभा चुनाव लड़ी थी. लेकिन विधानसभा चुनाव में दोनों के बीच सहमति नहीं बनी. 


आप के वोट काटने को लेकर कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि आम आदमी पार्टी को जिताने की ज़िम्मेदारी कांग्रेस की नहीं है. हम एक पॉलिटिकल पार्टी हैं, NGO नहीं. 

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