ओपीडी में मरीजों की संख्या 600 से बढ़कर 1000 पार:रायसेन में मौसमी बीमारियों से मरीजों की संख्या बढ़ी, अस्पताल में डॉक्टरों की कमी
ओपीडी में मरीजों की संख्या 600 से बढ़कर 1000 पार:रायसेन में मौसमी बीमारियों से मरीजों की संख्या बढ़ी, अस्पताल में डॉक्टरों की कमी
रायसेन में मौसम का असर अब लोगों की सेहत पर साफ नजर आने लगा है। जिले के सरकारी अस्पतालों में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। बीते एक हफ्ते में जिला अस्पताल की ओपीडी 600 से बढ़कर 1000 के पार पहुंच गई है। सुबह से शाम तक मरीजों की लंबी कतारें लग रहती हैं। वायरल, पेट दर्द और डिहाइड्रेशन के मरीज ज्यादा
अस्पताल प्रबंधन के अनुसार, वायरल फीवर, पेट दर्द और डिहाइड्रेशन से पीड़ित मरीज सबसे ज्यादा आ रहे हैं। मरीजों की बढ़ती भीड़ को देखकर प्रबंधन सतर्क हो गया है। हालांकि, अभी तक जिले में कोरोना संक्रमण का कोई मामला सामने नहीं आया है। डॉक्टरों की कमी बनी चिंता का कारण
मरीजों की बढ़ती संख्या के बीच डॉक्टरों की कमी अब बड़ी समस्या बन गई है। बीते दो महीने में कई डॉक्टर तबादला या नौकरी छोड़कर जा चुके हैं। विशेषज्ञ और मेडिकल ऑफिसर की संख्या कम हो गई है। जो डॉक्टर ड्यूटी पर हैं, उनके कक्ष के बाहर मरीजों की लंबी लाइनें लग रही हैं। मौसम में उतार-चढ़ाव से बढ़ी बीमारियां
बारिश के बाद अचानक तापमान बढ़ने से मौसमी बीमारियां बढ़ी हैं। खासकर बच्चे, बुजुर्ग और कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोग ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। डॉ. एके शर्मा ने बताया कि ऐसे समय में खान-पान को लेकर विशेष सावधानी जरूरी है। डॉ. शर्मा के मुताबिक, बाजार का खाना इन दिनों गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। उन्होंने सुझाव दिया कि कमजोर और बुजुर्ग लोग दोपहर की बजाय सुबह और शाम को ही बाहर निकलें।
रायसेन में मौसम का असर अब लोगों की सेहत पर साफ नजर आने लगा है। जिले के सरकारी अस्पतालों में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। बीते एक हफ्ते में जिला अस्पताल की ओपीडी 600 से बढ़कर 1000 के पार पहुंच गई है। सुबह से शाम तक मरीजों की लंबी कतारें लग रहती हैं। वायरल, पेट दर्द और डिहाइड्रेशन के मरीज ज्यादा
अस्पताल प्रबंधन के अनुसार, वायरल फीवर, पेट दर्द और डिहाइड्रेशन से पीड़ित मरीज सबसे ज्यादा आ रहे हैं। मरीजों की बढ़ती भीड़ को देखकर प्रबंधन सतर्क हो गया है। हालांकि, अभी तक जिले में कोरोना संक्रमण का कोई मामला सामने नहीं आया है। डॉक्टरों की कमी बनी चिंता का कारण
मरीजों की बढ़ती संख्या के बीच डॉक्टरों की कमी अब बड़ी समस्या बन गई है। बीते दो महीने में कई डॉक्टर तबादला या नौकरी छोड़कर जा चुके हैं। विशेषज्ञ और मेडिकल ऑफिसर की संख्या कम हो गई है। जो डॉक्टर ड्यूटी पर हैं, उनके कक्ष के बाहर मरीजों की लंबी लाइनें लग रही हैं। मौसम में उतार-चढ़ाव से बढ़ी बीमारियां
बारिश के बाद अचानक तापमान बढ़ने से मौसमी बीमारियां बढ़ी हैं। खासकर बच्चे, बुजुर्ग और कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोग ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। डॉ. एके शर्मा ने बताया कि ऐसे समय में खान-पान को लेकर विशेष सावधानी जरूरी है। डॉ. शर्मा के मुताबिक, बाजार का खाना इन दिनों गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। उन्होंने सुझाव दिया कि कमजोर और बुजुर्ग लोग दोपहर की बजाय सुबह और शाम को ही बाहर निकलें।