24 साल बाद दुर्लभ संयोग

24 साल बाद दुर्लभ संयोग

सावन महीने का आज सातवा सोमवार है...मंदिर में लोग शिवलिंग पर जल चढ़ाने पहुंच रहे हैं...महादेव के मंदिर में सुबह 5:00 बजे से ही श्रद्धालु पहुंचने लगे थे। मंदिर में सावन को ध्यान में रखते हुए विशेष पूजा की जा रही है। मंदिर को लेकर ऐसी ऐसी मान्यता है कि नंदी के कानों में बताई मनोकामना भगवान भोलेनाथ सुनते हैं और पूरी करते हैं...

सावन माह का यह सातवां सोमवार व्रत आज रखा जा रहा है और आज नाग पंचमी भी है...24 साल बाद ऐसा अद्भुत संयोग बन रहा है, जब नागपंचमी सोमवार के दिन पड़ रहा है...नाग पंचमी पर शिव के गण नाग देवता की पूजा का विधान है. ऐसे में इस साल भक्त एक ही दिन शिवजी और नाग देवता की पूजा-व्रत कर दोगुना आशीर्वाद प्राप्त कर सकेंगे. इसलिए इस दुर्लभ संयोग को बहुत ही खास माना जा रहा है.

नाग पंचमी हर साल सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है. नाग पंचमी पर नागों की पूजा का महत्व है. इस दिन विशेषकर वासुकी नाग की पूजा की जाती है. भोलेनाथ अपने गले में वासुकी नाग को हार की तरह लपेटे हुए रहते हैं. इसलिए शिवजी के प्रिय सावन सोमवार के दिन नाग पंचमी पड़ने से इसका महत्व और अधिक बढ़ जाता है..

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