नहीं बिकेगा यूपी में हलाल सर्टिफाइड प्रोडक्‍ट CM योगी ने दिए आदेश

Nov 18, 2023 - 10:14
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नहीं बिकेगा यूपी में हलाल सर्टिफाइड प्रोडक्‍ट CM योगी ने दिए आदेश

शाकाहारी उत्पादों जैसे तेल, साबुन, टूथपेस्ट, मधु आदि की बिक्री के लिए भी हलाल प्रमाण पत्र दिया जा रहा है। लखनऊ के हजरतगंज में ऐसी कंपनियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया गया है। हलाल सर्टिफिकेट दिए जाने के नाम पर आ रही कमाई को राष्‍ट्रविरोधी गतिविधियों में फंडिंग किए जाने की आशंका है।

CM योगी ने दिए उन्‍होंने कार्रवाई करने के निर्देश

बिना किसी अधिकार के खान-पान और सौंदर्य प्रसाधन के उत्पादों को अवैध ढंग से हलाल सर्टिफिकेट देने के काले कारोबार पर अब चाबुक चलने जा रहा है। मजहब की आड़ लेकर एक धर्म विशेष को बरगलाने और अन्य धर्मों के बीच विद्वेष भड़काने की इस नापाक कोशिश का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लिया है।  आशंका है कि कूटरचित दस्तावेजों का सहारा लेकर हलाल सर्टिफिकेट के नाम पर इकट्ठा हो रही अवैध कमाई से आतंकवादी संगठनों और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों की फन्डिंग की जा रही है। वहीं अब लखनऊ कमिश्नरेट में एफआईआर भी दर्ज की गई है।

एफआईआर के मुताबिक, हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड चेन्नई, जमीयत उलेमा हिन्द हलाल ट्रस्ट दिल्ली, हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया मुम्बई, जमीयत उलेमा महाराष्ट्र मुम्बई आदि की तरफ से एक धर्म विशेष के ग्राहकों को मजहब के नाम से कुछ उत्पादों पर हलाल प्रमाणपत्र प्रदान कर उनकी बिक्री बढ़ाने के लिए अवैध कारोबार चलाया जा रहा है। इन कंपनियों के पास किसी उत्पाद को प्रमाण पत्र देने का कोई अधिकार नहीं है। शिकायतकर्ता ने इसे बड़ी साजिश की आशंका जताते हुए कहा है कि जिन कम्पनियों ने ऐसा हलाल प्रमाण पत्र इनसे नहीं प्राप्त किया है, उनके उत्पादन की बिक्री को घटाने का प्रयास भी किया जा रहा है, जो कि आपराधिक कृत्य है। आशंका है कि इस अनुचित लाभ को समाज विरोधी/राष्ट्र विरोधी तत्वों को पहुंचाया जा रहा है। खास बात यह कि शाकाहारी उत्पादों जैसे तेल, साबुन, टूथपेस्ट, मधु आदि की बिक्री के लिए भी हलाल प्रमाण पत्र दिया जा रहा है। जबकि शाकाहारी वस्तुओं पर ऐसे किसी प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं होती है।

राष्‍ट्रविरोधी फंडिंग को लेकर जताई आशंका

शिकायतकर्ता का आरोप लगाया है 

कि मजहब की आड़ लेकर एक वर्ग विशेष में अनर्गल प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है कि ऐसे उत्पाद का प्रयोग न करें जिसे इनकी कम्पनी द्वारा हलाल प्रमाणपत्र न दिया गया हो। शिकायतकर्ता ने इन कंपनियों पर करोड़ों रुपये का लाभ कमाकर उससे आतंकवादी संगठनों और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों की फन्डिंग किए जाने की आशंका भी जताई है। बता दें कि खान-पान के उत्पादों की गुणवत्ता आदि के प्रमाण पत्र के लिए एफएसएसएआई और आईएसआई जैसी संस्थाओं को अधिकृत किया गया है।

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