रक्षा मंत्रालय ने एचएएल को दिया 65 हजार करोड़ का टेंडर

एजेंसी, नई दिल्ली
रक्षा मामलों में आत्मनिर्भरता की दिशा में सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। रक्षा मंत्रालय ने भारत की सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को 65 हजार करोड़ का टेंडर जारी किया है। इसके तहत एचएएल से 97 एलसीए मार्क 1ए फाइटर जेट्स खरीदे जाएंगे। यह भारत सरकार द्वारा स्वदेशी मिलिट्री हार्डवेयर के लिए दिया गया सबसे बड़ा ऑर्डर हो सकता है।
भारत, उज्बेकिस्तान के बीच होगा सैन्य अभ्यास
भारत और उज्बेकिस्तान की सेनाएं 15 अप्रैल से संयुक्त सैन्य अभ्यास शुरू करेंगी। दोनों देशों की सेनाओं के बीच होने वाले दुस्तलिक युद्धाभ्यास का यह पांचवां संस्करण है। यह युद्धाभ्यास उज्बेकिस्तान के तरमेज जिले में हो रहा है। 15 से 28 अप्रैल तक चलेगा। दोनों देशों का सैन्याभ्यास का चौथा संस्करण बीते साल फरवरी में उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में किया गया था। इस युद्धाभ्यास में दोनों देशों की सेनाओं के 45-45 सैनिक भाग लेंगे। भारतीय दल में गढ़वाल रेजीमेंट की इंफेंट्री बटालियन के जवान शामिल हैं।
मिग फाइटर जेट्स की जगह लेंगे एलसीए मार्क1ए विमान
रक्षा मंत्रालय ने एचएएल को टेंडर पर जवाब देने के लिए तीन महीने का समय दिया है। अगर यह डील हो जाती है तो इससे वायुसेना के मिग-21, मिग-23 और मिग-27 जैसे फाइटर जेट्स की जगह भारत में बने एलसीए मार्क 1ए फाइटर जेट्स लेंगे, जो जल्द ही वायुसेना से रिटायर हो जाएंगे। स्वदेशी हथियारों को बढ़ावा देने की दिशा में यह बेहद अहम कदम है। इससे छोटी और मध्यम वर्ग की कंपनियों के बिजनेस को भी फायदा मिलेगा।
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