एक दशक बाद भी मुआवजा और नौकरी पाने भटक रहे किसान

Feb 5, 2025 - 23:41
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एक दशक बाद भी मुआवजा और नौकरी पाने भटक रहे किसान

नौकरी और मुआवजे की मांग को लेकर दर्जनों ग्रामीण पहुंचे जीएम ऑफिस

अनमोल संदेश, शहडोल 

जिले के सोहागपुर एसईसीएल ने विगत कई वर्षों से ग्रामीणों की भूमि पर अपना कब्जा जमाया हुआ है। एसईसीएल के द्वारा अब तक उन ग्रामीणों को नौकरी और मुआवजा की राशि प्रदान नहीं की गई और किसान इन भूमियों का अपनी जरूरतों के लिए क्रय विक्रय भी नही कर पा रहा है। 

विगत कई वर्षों से किसान इस समस्या से जूझ रहे हैं। समस्याओं को लेकर दर्जनों ग्रामीण किसान मंगलवार को एसईसीएल के जीएम ऑफिस धनपुरी पहुंचे। जहां उन्होंने सोहागपुर क्षेत्र के जीएम श्रीकृष्णन से मुलाकात कर अपनी समस्याओं से अवगत कराया और किसानों ने अपनी कुछ मांगों को भी रखा, जिसमें उन्होंने मौखिक रूप से यह कहा की कुछ किसानों के पास यदि 2 एकड़ से कम की भूमि है तो उन्हें भी नौकरी मुहैया कराई जाए जिससे उस परिवार को भी एक रोजगार मिल सके। वहीं ग्राम पंचायत अतारिया के सरपंच एवं समस्त ग्रामवासी एकजुट होकर दिनांक मंगलवार को जिला कलेक्टर शहडोल कमिश्नर शहडोल एसडीएम शहडोल एवं तहसीलदार बुढार एवं जीएम सोहागपुर एरिया को अपनी समस्याओं को लेकर ज्ञापन के माध्यम से अवगत कराया

यह थी प्रमुख मांगे: ग्राम रामपुर बटुरा खुली खदान में ग्राम अतरिया का अंश भाग अर्जित कर लिया गया है आधी अधूरी भूमि का अधिग्रहण करना न्याय उचित नहीं है जबकि एसईसीएल द्वारा अधिग्रहित नक्शा में संपूर्ण अतारिया एवं की भूमि सम्मिलित है ऐसी स्थिति में ग्रामीण आक्रोश में एसईसीएल का विरोध करने के लिए बाध्य हो जाएंगे। ग्राम राजस्व अतारिया की संपूर्ण आरजी को एक साथ एसईसीएल द्वारा अधिग्रहित किया जाए। ग्राम अतरिया की अर्जित अंश भाग भूमि पर धारा 9 (1) की अंतिम प्रकाशन तिथि 13.07. 2015 है अत: उक्त  तिथि से संपूर्ण ग्राम के भूखंड को धारा 9 (1) स्वीकृत किया जाए। अंश भाग अधिग्रहण से समस्त ग्रामीणों को होने वाले प्रदूषण धूल ब्लास्टिंग एवं जल संकट से जूझेंगे और जीवन अस्त व्यस्त हो जाएगा। 

अंश भाग में अर्जित भूमि से किसानों ग्रामीणों का रोजगार प्रभावित होगा क्योंकि जिनका छोटा-छोटा रकवा अधिग्रहण किया है वे सहमति में भूमि नहीं जुटा पाएंगे। एसईसीएल प्रबंधन एवं ग्राम की अर्जित भूमि के किसानों के द्वारा साथ गांठ करते हुए डीआरसीसी गुप्त तरीके से ना हो डीआरसीसी की बैठक ग्राम पंचायत अतारिया में हो अन्यथा ऐसी स्थिति में ग्रामीण उसकी अवहेलना करेंगे। संपूर्ण अतारिया की भूमि को अधिग्रहण करते हुए एसईसीएल सभी प्रभावित किसानों का मुआवजा रोजगार पुनर्वास की उचित व्यवस्था एक साथ करें।

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