फैसलात्न मप्र इंदौर हाईकोर्ट ने भोजशाला के लिए दिया अंतिम अवसर, एएसआई 8 सप्ताह में सर्वे करे पूरा

अनमोल संदेश, इंदौर
धार भोजशाला में चल रहा एएसआइ का सर्वे आठ सप्ताह और चलेगा। सोमवार को मप्र हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने भारतीय पुरातत्व सर्वे (एएसआई) को सर्वे पूरा करने के लिए आठ सप्ताह का समय और दे दिया है। एएसआइ को चार जुलाई से पहले सर्वे रिपोर्ट पेश करना होगी। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि सर्वे के लिए इसके बाद समय नहीं दिया जाएगा। धार भोजशाला मामले को लेकर हाई कोर्ट में चार याचिकाएं चल रही हैं। सोमवार को न्यायमूर्ति एसए धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति गजेंद्र सिंह की युगलपीठ के समक्ष इस सभी की सुनवाई हुई। कोर्ट ने एएसआइ के वकील हिमांशु जोशी से पूछा कि सर्वे अब तक पूरा क्यों नहीं हुआ और आपको सर्वे के लिए आठ सप्ताह का समय और क्यों चाहिए। इस पर एडवोकेट जोशी ने कोर्ट को बताया कि कोर्ट के आदेशानुसार वर्तमान ढांचे को सुरक्षित रखते हुए सर्वे किया जा रहा है। यह अत्यंत ही धीमी प्रक्रिया है। सर्वे में जीपीआर मशीन इस्तेमाल की जाना है। इसमें नेशनल ज्योग्राफिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट आफ इंडिया (एनजीआरआइ) से संपर्क किया है।
जीपीआर मशीन 26 अप्रैल को ही पहुंची है। इसके बाद अब सर्वे आगे बढ़ेगा। कोर्ट ने एएसआइ के आवेदन को स्वीकारते हुए सर्वे पूरा करने के लिए आठ सप्ताह का समय दे दिया। कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि हम इसके आगे सर्वे के लिए अतिरिक्त समय नहीं देंगे। तीन माह का समय किसी भी सर्वे को पूरा करने के लिए पर्याप्त समय होता है।
एएसआइ की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि सर्वे जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा है वैसे-वैसे नई-नई जानकारियां सामने आ रही हैं। सर्वे का लगभग 50 प्रतिशत काम हो चुका है। जीपीआर मशीन आने के बाद खोदाई के काम में तेजी आएगी। न्यायालय के आदेशानुसार किसी भी चीज को नुकसान पहुंचाए बगैर सर्वे किया जा रहा है। सुनवाई के दौरान एक याचिकाकर्ता ने कोर्ट से गुहार लगाई कि उन्हें सर्वे के दौरान उपस्थित रहने की अनुमति दी जाए। इस पर कोर्ट ने कहा कि हम परिस्थितियों पर नजर बनाए हुए हैं। हम आपको अनुमति देने से पहले ही इंकार कर चुके हैं। हम पूरे देश को थोड़ी न सर्वे के दौरान उपस्थित रहने की अनुमति दे सकते हैं। याचिकाकर्ता ने कहा कि कम से कम ये आदेश तो दे दें कि मुझे भी सर्वे की रिपोर्ट मिल जाए। इस पर कोर्ट ने कहा कि हम आपको सर्वे की रिपोर्ट पढऩे के लिए उपलब्ध करा देंगे। ऐसे भी यह आनलाइन उपलब्ध रहेगी ही।
अत्याधुनिक मशीनों की मदद ली जाए
सुनवाई के दौरान मौलाना कमालुद्दीन वेलफेयर सोसायटी की ओर से प्रस्तुत उस आवेदन को निरस्त कर दिया जिसमें उसने सर्वे पर रोक लगाने की मांग की थी। कोर्ट ने कहा कि इस स्थिति में इस आवेदन को कोई मतलब नहीं। हाईकोर्ट ने 11 मार्च को दिए आदेश में एएसआइ से भोजशाला के 50 मीटर के दायरे में वैज्ञानिक सर्वे करने के लिए कहा था। कोर्ट ने कहा था कि सर्वे के लिए अत्याधुनिक मशीनों की आवश्यकता हो तो उनकी मदद भी ली जाए।
एएसआइ को सर्वे छह सप्ताह में पूरा करना था। कोर्ट के आदेश के बाद 22 मार्च से भोजशाला में सर्वे शुरू हुआ जो वर्तमान में भी चल रहा है। सर्वे को लेकर रोजाना नई-नई जानकारियां सामने आ रही हैं। हिंदू और मुस्लिम दोनों ही पक्ष अपने-अपने दावे कर रहे हैं। हालांकि अब तक एएसआइ की तरफ से कोई अधिकृत बयान जारी नहीं हुआ है। सोमवार को हुई सुनवाई में एएसआइ ने कोर्ट को यह जरूर बताया कि जैसे-जैसे सर्वे का काम आगे बढ़ रहा है भोजशाला को लेकर नई-नई जानकारियां सामने आ रही हैं।
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