उत्तर प्रदेश में खाने पीने की दुकानों पर नाम लिखने और सीसीटीवी लगाने का आदेश, नए नियम क्या हैं?

खाद्य पदार्थों में मिलावट के आरोपों के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी खाद्य दुकानों पर संचालक, प्रबंधक और मालिक का नाम प्रदर्शित करने का आदेश दिया है.सरकार ने इसके अलावा होटलों, रेस्तरां और खाद्य सामग्री बेचने वाली दुकानों पर काम करने वाले शेफ़ और कर्मचारियों के लिए मास्क के साथ दस्ताने पहनना अनिवार्य करने और सीसीटीवी कैमरा लगाने के आदेश भी दिए हैं.दो महीने पहले ही उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में पुलिस ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर खाने-पीने का सामान बेचने वाले दुकानदारों को बड़े-बड़े स्पष्ट अक्षरों में नाम लिखने के आदेश दिए थे, जिन पर बाद में सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी थी.
हालांकि तब सीसीटीवी कैमरा, मास्क और दस्ताने की बात शामिल नहीं थी.लखनऊ में एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोगों की सेहत और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मौजूदा नियमों में बदलाव के निर्देश भी दिए.मंगलवार को, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक के बाद यूपी सरकार की तरफ़ से जारी एक बयान में कहा गया कि खाद्य प्रतिष्ठानों पर संचालक, प्रबंधक, प्रोप्राइटर और अन्य संबंधित कर्मचारियों के नाम प्रदर्शित किए जाने चाहिए और इसके लिए खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम में ज़रूरी बदलाव किए जाएं.यही नहीं, सरकार ने होटलों, रेस्तरां और खाद्य प्रतिष्ठानों पर सीसीटीवी लगाना भी ज़रूरी किया है.इस बयान में हाल के दिनों की कुछ घटनाओं का ज़िक्र करते हुए कहा गया है, "देश के अलग-अलग हिस्सों में जूस, दाल और रोटी जैसे खाद्य पदार्थों में मानव अपशिष्ट, खाने के अयोग्य पदार्थों की मिलावट की घटनाएं सामने आई हैं."
सरकार के बयान में कहा गया है, "ये कृत्य भयावह हैं और लोक स्वास्थ्य के लिए गंभीर ख़तरा हैं. इस तरह की दुर्भावनापूर्ण घटनाएं पूरी तरह से अस्वीकार्य हैं. उत्तर प्रदेश में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए और आम आदमी के स्वास्थ्य के साथ खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस उपाय किए जाने चाहिए."सरकार की तरफ़ से जारी बयान में कहा गया है कि ग्राहकों के बैठकर खाने की जगह के अलावा अन्य स्थानों पर भी सीसीटीवी लगाया जाना चाहिए और संचालकों को सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित करने की व्यवस्था करनी चाहिए.पुलिस और प्रशासन के मांगने पर ये फुटेज उपलब्ध करवाना भी अनिवार्य होगा.
सरकार ने प्रशासन को इन नियमों के पालन के लिए अभियान चलाने का आदेश भी दिया है.मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि खाना बनाने और उसे परोसने वाले सभी लोगों के लिए मास्क और ग्लब्स ज़रूरी है और इसमें लापरवाही की कोई गुंज़ाइश नहीं है.इस साल कांवड़ यात्रा के दौरान उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर में स्थानीय प्रशासन ने सभी दुकानदारों को बड़े-बड़े अक्षरों में अपना नाम लिखने के आदेश दिए थे.इसके अलावा रेस्तरां और होटल चलाने वालों से सभी कर्मचारियों के नाम भी अंकित करने के लिए कहा गया था.तब प्रशासन का तर्क था कि धार्मिक यात्रा कर रहे कांवड़ यात्रियों में कोई भ्रम की स्थिति पैदा ना हो, इसलिए ऐसा किया जा रहा है.
सुप्रीम कोर्ट इससे पहले लगाई थी रोक
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने 22 जुलाई को नाम लिखवाने के प्रशासनिक आदेश पर रोक लगा दी थी.सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस ऋषिकेश राय और एसवीएन भट्टी की बेंच ने कहा था कि दुकादारों को यह तो लिखना चाहिए कि वो किस तरह का खाना बेच रहे हैं, लेकिन उन्हें मालिक या कर्मचारियों के नाम ज़ाहिर करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता.सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इस बात की अनुमति है कि प्रशासन ये सुनिश्चित करे कि कांवड़ियों को शाकाहारी खाना मिले जो साफ़-सुधरा हो और उनकी पसंद के हिसाब से हो.अदालत ने ये भी कहा था कि ये सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 या रेहड़ी-पटरी अधिनियम 2014 के प्रावधानों के तहत आदेश जारी कर सकता है.मुज़फ़्फ़रनगर में प्रशासन के आदेश के बाद नाराज़गी भी देखने को मिली थी और कई लोगों ने ये आरोप लगाया था कि ऐसा उनके कारोबार को प्रभावित करने के लिए किया गया है.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद, कई दुकानदारों ने अपने नाम के बोर्ड दुकानों से हटा दिए थे.हालांकि, हाल के दिनों में कई ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जब जूस पार्लर या ढाबा चलाने वालों पर मानव अपशिष्ट मिलाने के आरोप लगाते हुए उन्हें गिरफ़्तार किया गया है.ग़ाज़ियाबाद में पुलिस ने एक जूस विक्रेता को कथित रूप से जूस में पेशाब मिलाने के आरोप में गिरफ़्तार किया था.12 सितंबर को सहारनपुर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें एक युवक पर थूक लगाकर रोटी पकाने के आरोप लगाये गए थे.उत्तर प्रदेश सरकार का तर्क है कि ये आदेश लोकहित में लाया गया है ताकि लोगों के स्वास्थ्य की सुरक्षा की जा सके.मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कहा है कि लोगों के स्वास्थ्य से समझौता नहीं किया
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