बढ़ते संक्रमण के बीच राहत भरी खबर, वैज्ञानिकों ने खोज लिया मंकीपॉक्स को रोकने का कारगर तरीका

मंकीपॉक्स (एमपॉक्स) वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) सहित दुनियाभर की स्वास्थ्य एजेंसियां सभी लोगों से इस संक्रामक रोग को लेकर बचाव के उपाय करते रहने की अपील कर रही हैं। अफ्रीकी देशों से शुरू हुआ ये संक्रमण यूएस-यूके सहित अब भारत में भी पहुंच गया है। 8 सितंबर को यहां पहले संक्रमित का पता चला है।
विशेषज्ञ कहते हैं, वैसे तो संक्रमण को लेकर फिलहाल भारत में लोगों को ज्यादा चिंता करने या डरने की आवश्यकता नहीं है, हालांकि सुरक्षात्मक उपायों का ध्यान रखा जरूरी है। गौरतलब है कि संक्रमित व्यक्ति के निकट संपर्क में आने, यौन संबंध बनाने, शरीर के तरल पदार्थों के संपर्क के कारण ये संक्रमण हो सकता है। फिलहाल इसके उपचार के लिए कोई विशिष्ट दवा नहीं है। कुछ टीकों को मान्यता दी गई है और कुछ को लेकर शोध जारी है।
इस बीच मंकीपॉक्स से बचाव को लेकर वैज्ञानिकों ने एक टीके को अध्ययनों में विशेष प्रभावी पाया है। शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि इससे संक्रमण के मामलों को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती
चिकनपॉक्स वाला टीका एमपॉक्स में भी असरदार
शोधकर्ताओं ने पाया कि अब तक चेचक (चिकनपॉक्स) बीमारी की रोकथाम में प्रयोग में लाया जाने वाला टीका- बवेरियन नॉर्डिक ए/एस काफी हद तक मंकीपॉक्स संक्रमण से बचाव में भी असरदार साबित हो सकता है। कनाडा के ओंटारियो में किए गए एक अध्ययन के अनुसार इस टीके को एमपॉक्स संक्रमण के खिलाफ लगभग 58% सुरक्षात्मक पाया गया है।
रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि इस टीके ने संभवतः साल 2022 में मंकीपॉक्स प्रकोप को रोकने में काफी मदद की थी। ऐसे में विशेषज्ञों ने उम्मीद जताई है कि इस बार के बढ़ते संक्रमण की रोकथाम के लिए भी इसे इस्तेमाल में लाकर लाभ पाया जा सकता है।
2022 में देखी गई थी इसकी प्रभावशीलता
जून से अक्तूबर 2022 के अंत तक कई स्थानों पर समलैंगिक और उभयलिंगी पुरुषों को ये टीके प्रदान किए गए थे। टीकाकरण के बाद उन स्थानों पर संक्रमण की रफ्तार में गिरावट दर्ज की गई। गौरतलब है कि बाइसेक्सुअल और समलैंगिक लोगों में मंकीपॉक्स का जोखिम अधिक देखा जाता रहा है, इसलिए सबसे पहले इन लोगों को टीके प्रदान किए गए थे। वैज्ञानिकों ने पाया कि साल 2022-23 में मंकीपॉक्स वायरस के क्लेड IIb स्ट्रेन द्वारा फैले वैश्विक प्रकोप के दौरान ये अधिक प्रभावित हुआ था।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ बवेरियन नॉर्डिक के एमवीए-बीएन वैक्सीन (जिसे कनाडा में इमवम्यून और अमेरिका में जिनेओस के नाम से भी जाना जाता है) और पुराने टीकाकरण की प्रभावशीलता का आकलन करने की कोशिश कर रहे हैं।
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