इसराइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने जंग के बीच क्यों मांगी माफ़ी, जानिए

ग़ज़ा में शनिवार को मृत पाए गए छह इसराइली बंधकों को वापस लाने में नाकाम रहने पर प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने इसराइली जनता से माफ़ी मांगी है. उधर हमास ने चेतावनी दी है कि अगर युद्धविराम पर समझौता नहीं हुआ तो अन्य बंधक भी ‘कफ़न में अपने घर लौटेंगे.’ नेतन्याहू का यह बयान ऐसे समय आया है, जब समझौता वार्ता को अंजाम देने के उनके तरीक़े को लेकर इसराइल में दूसरी रात भी विरोध प्रदर्शन जारी रहा.
दूसरी ओर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी दबाव बढ़ रहा है क्योंकि ब्रिटेन ने ये कहते हुए इसराइल को और हथियार देने पर रोक लगा दी है कि उनका इस्तेमाल अंतरराष्ट्रीय क़ानून के उल्लंघन के लिए हो सकता है.
लेकिन इसराइली प्रधानमंत्री अब भी अपने रुख़ पर अड़े हुए हैं और उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि ग़ज़ा के फिलाडेल्फी कॉरिडोर पर इसराइली सेना का नियंत्रण ज़रूरी है. हमास के साथ समझौता वार्ता में यह कॉरिडोर प्रमुख मुद्दा बना हुआ है.इसराइली प्रधानमंत्री ने इस ट्वीट को डिलीट कर दिया है और अब उन्होंने नया ट्वीट करते हुए कहा है कि ‘वो ग़लत थे.’हालांकि जब सात अक्टूबर को हमास ने इसराइल में घुसकर हमला किया था, तब से ही यह बात कही जा रही थी इसराइली इंटेलिजेंस की यह नाकामी है कि उसे इस हमले की भनक तक नहीं थी.इसराइली ख़ुफ़िया एजेंसी मोसाद अपनी मुस्तैदी के लिए जाना जाती है लेकिन उसे भी इस हमले की भनक तक नहीं थी. वहीं मिस्र ने कहा था कि उसने इस हमले को लेकर मोसाद को सतर्क किया था लेकिन उसने उनकी जानकारी को गंभीरता से नहीं लिया था.
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