खंडवा में शक्कर तालाब किनारे 137 मकानों पर चला बुलडोजर:तड़के 4 बजे पहुंचा अमला, 400 जवानों की तैनाती; लोग बोले- प्रशासन ने सुपारी ली
खंडवा में शक्कर तालाब किनारे 137 मकानों पर चला बुलडोजर:तड़के 4 बजे पहुंचा अमला, 400 जवानों की तैनाती; लोग बोले- प्रशासन ने सुपारी ली
खंडवा शहर के बीचोंबीच स्थित शक्कर तालाब के किनारे गुरुवार तड़के 4 बजे नगर निगम और राजस्व विभाग की टीम भारी पुलिस फोर्स के साथ पहुंची। यहां अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के तहत 137 मुस्लिम परिवारों के मकानों को तोड़ दिया गया। इस कार्रवाई में 13 जेसीबी और 2 पोकलेन मशीनें लगाई गईं। प्रशासन के मुताबिक यह सभी मकान अतिक्रमण की श्रेणी में चिन्हित किए गए थे। महिलाएं-बच्चे नींद में थे, अमला अचानक पहुंचा
शक्कर तालाब के पास बनी यह बस्ती कई सालों से आबाद थी। कार्रवाई के दौरान जब लोग गहरी नींद में थे, तब अमला वहां पहुंचा। मशीनों के साथ पहुंचे दस्तों ने लोगों को घर खाली करने का कहा। घबराए लोग अपना सामान समेटने लगे, लेकिन कुछ ही देर में मकान मलबे में तब्दील हो गए। 22 मकानों पर कोर्ट का स्टे
अपर कलेक्टर काशीराम बड़ौले ने बताया कि कुल 137 मकानों पर कार्रवाई की गई है। इनमें से 22 मकानों को फिलहाल छोड़ा गया है क्योंकि कोर्ट से उन पर स्टे आदेश प्राप्त है। इन मकानों को चिन्हित कर निशान लगाए गए हैं। 400 जवानों की तैनाती, SFI भी बुलाई गई
एडिशनल एसपी महेंद्र तारणेकर ने बताया कि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए 400 पुलिस जवान तैनात किए गए हैं। साथ ही एक अतिरिक्त एसएफआई कंपनी भी बुलाई गई थी। पूरे क्षेत्र में भारी पुलिस बंदोबस्त के बीच कार्रवाई हुई। मुस्लिम नेताओं ने कहा- पक्षपातपूर्ण कार्रवाई
इस कार्रवाई को लेकर मुस्लिम समाज के नेताओं ने कड़ा विरोध जताया है। उनका कहना है कि प्रशासन ने एकतरफा और पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाया है। जिन जमीनों को तालाब की या सरकारी जमीन बताया जा रहा है, असल में वह निजी व्यक्तियों की थी, जिन्होंने रसूखदारों को बेच दी। वे रसूखदार अब प्रशासन के साथ मिलीभगत कर एक बस्ती को हटाया गया हैं। प्रशासन ने रसूखदारों से सुपारी लेकर कार्रवाई की हैं।
खंडवा शहर के बीचोंबीच स्थित शक्कर तालाब के किनारे गुरुवार तड़के 4 बजे नगर निगम और राजस्व विभाग की टीम भारी पुलिस फोर्स के साथ पहुंची। यहां अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के तहत 137 मुस्लिम परिवारों के मकानों को तोड़ दिया गया। इस कार्रवाई में 13 जेसीबी और 2 पोकलेन मशीनें लगाई गईं। प्रशासन के मुताबिक यह सभी मकान अतिक्रमण की श्रेणी में चिन्हित किए गए थे। महिलाएं-बच्चे नींद में थे, अमला अचानक पहुंचा
शक्कर तालाब के पास बनी यह बस्ती कई सालों से आबाद थी। कार्रवाई के दौरान जब लोग गहरी नींद में थे, तब अमला वहां पहुंचा। मशीनों के साथ पहुंचे दस्तों ने लोगों को घर खाली करने का कहा। घबराए लोग अपना सामान समेटने लगे, लेकिन कुछ ही देर में मकान मलबे में तब्दील हो गए। 22 मकानों पर कोर्ट का स्टे
अपर कलेक्टर काशीराम बड़ौले ने बताया कि कुल 137 मकानों पर कार्रवाई की गई है। इनमें से 22 मकानों को फिलहाल छोड़ा गया है क्योंकि कोर्ट से उन पर स्टे आदेश प्राप्त है। इन मकानों को चिन्हित कर निशान लगाए गए हैं। 400 जवानों की तैनाती, SFI भी बुलाई गई
एडिशनल एसपी महेंद्र तारणेकर ने बताया कि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए 400 पुलिस जवान तैनात किए गए हैं। साथ ही एक अतिरिक्त एसएफआई कंपनी भी बुलाई गई थी। पूरे क्षेत्र में भारी पुलिस बंदोबस्त के बीच कार्रवाई हुई। मुस्लिम नेताओं ने कहा- पक्षपातपूर्ण कार्रवाई
इस कार्रवाई को लेकर मुस्लिम समाज के नेताओं ने कड़ा विरोध जताया है। उनका कहना है कि प्रशासन ने एकतरफा और पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाया है। जिन जमीनों को तालाब की या सरकारी जमीन बताया जा रहा है, असल में वह निजी व्यक्तियों की थी, जिन्होंने रसूखदारों को बेच दी। वे रसूखदार अब प्रशासन के साथ मिलीभगत कर एक बस्ती को हटाया गया हैं। प्रशासन ने रसूखदारों से सुपारी लेकर कार्रवाई की हैं।