पानी के लिए ग्रामीणों ने जाम किया श्योपुर-कोटा हाईवे:मोटर खराब होने से 3 दिन से पानी नहीं, सीईओ बोले- दो घंटे में मरम्मत के बाद शुरू होगी सप्लाई
पानी के लिए ग्रामीणों ने जाम किया श्योपुर-कोटा हाईवे:मोटर खराब होने से 3 दिन से पानी नहीं, सीईओ बोले- दो घंटे में मरम्मत के बाद शुरू होगी सप्लाई
श्योपुर के जैदा गांव में पानी की समस्या को लेकर ग्रामीणों का गुस्सा शनिवार सुबह सड़क पर फूट पड़ा, जब सुबह करीब साढ़े सात बजे उन्होंने श्योपुर-कोटा हाईवे पर जाम लगा दिया। गांव में पिछले तीन दिनों से पानी की सप्लाई पूरी तरह बंद है, जिससे ग्रामीण परेशान थे। पानी की सप्लाई के लिए लगी मोटर खराब हो गई थी। जिसकी समय पर मरम्मत नहीं होने के कारण लोगों को दो-तीन किलोमीटर दूर से पानी लाना पड़ रहा था। ग्रामीणों ने कहा- मरम्मत के बिना जाम नहीं हटाएंगे इस स्थिति से नाराज़ ग्रामीणों ने सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया और साफ चेतावनी दी कि जब तक मोटर की मरम्मत कर जल आपूर्ति बहाल नहीं की जाती, तब तक वे हाईवे का जाम नहीं हटाएंगे। जाम के कारण हाईवे के दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लग गईं, जिससे यातायात पूरी तरह से ठप हो गया और तेज गर्मी में यात्रियों और राहगीरों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। करीब दो घंटे तक जब कोई भी जिम्मेदार अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा, तो ग्रामीणों का गुस्सा और भड़क गया। आखिरकार जनपद पंचायत के सीईओ एसएस भटनागर मौके पर पहुंचे। जनपद सीईओ के आश्वासन पर ग्रामीणों ने जाम हटाया उन्होंने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि दो घंटे के भीतर मोटर की मरम्मत कर दी जाएगी और पानी की आपूर्ति फिर से शुरू कर दी जाएगी। सीईओ के आश्वासन पर ग्रामीण शांत हुए और उन्होंने जाम खत्म कर दिया, जिसके बाद हाईवे पर यातायात फिर से सामान्य हो गया। यह घटना ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं की बदहाली और जिम्मेदार विभागों की लापरवाही को उजागर करती है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि भविष्य में जल संकट जैसी स्थिति से बचने के लिए स्थायी और ठोस व्यवस्था की जाए, जिससे बार-बार ऐसी समस्याएं पैदा न हों।
श्योपुर के जैदा गांव में पानी की समस्या को लेकर ग्रामीणों का गुस्सा शनिवार सुबह सड़क पर फूट पड़ा, जब सुबह करीब साढ़े सात बजे उन्होंने श्योपुर-कोटा हाईवे पर जाम लगा दिया। गांव में पिछले तीन दिनों से पानी की सप्लाई पूरी तरह बंद है, जिससे ग्रामीण परेशान थे। पानी की सप्लाई के लिए लगी मोटर खराब हो गई थी। जिसकी समय पर मरम्मत नहीं होने के कारण लोगों को दो-तीन किलोमीटर दूर से पानी लाना पड़ रहा था। ग्रामीणों ने कहा- मरम्मत के बिना जाम नहीं हटाएंगे इस स्थिति से नाराज़ ग्रामीणों ने सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया और साफ चेतावनी दी कि जब तक मोटर की मरम्मत कर जल आपूर्ति बहाल नहीं की जाती, तब तक वे हाईवे का जाम नहीं हटाएंगे। जाम के कारण हाईवे के दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लग गईं, जिससे यातायात पूरी तरह से ठप हो गया और तेज गर्मी में यात्रियों और राहगीरों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। करीब दो घंटे तक जब कोई भी जिम्मेदार अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा, तो ग्रामीणों का गुस्सा और भड़क गया। आखिरकार जनपद पंचायत के सीईओ एसएस भटनागर मौके पर पहुंचे। जनपद सीईओ के आश्वासन पर ग्रामीणों ने जाम हटाया उन्होंने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि दो घंटे के भीतर मोटर की मरम्मत कर दी जाएगी और पानी की आपूर्ति फिर से शुरू कर दी जाएगी। सीईओ के आश्वासन पर ग्रामीण शांत हुए और उन्होंने जाम खत्म कर दिया, जिसके बाद हाईवे पर यातायात फिर से सामान्य हो गया। यह घटना ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं की बदहाली और जिम्मेदार विभागों की लापरवाही को उजागर करती है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि भविष्य में जल संकट जैसी स्थिति से बचने के लिए स्थायी और ठोस व्यवस्था की जाए, जिससे बार-बार ऐसी समस्याएं पैदा न हों।