जबलपुर एमएसएमई के प्रदर्शन को बढ़ावा देने के लिए रैम्प योजना के तहत एनएसई कार्यशाला आयोजित की गयी|

May 12, 2025 - 12:46
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जबलपुर एमएसएमई के प्रदर्शन को बढ़ावा देने के लिए रैम्प योजना के तहत एनएसई कार्यशाला आयोजित की गयी|

जबलपुर, 21 मार्च 2025: जबलपुर संभाग के लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के प्रदर्शन में सुधार लाने के उद्देश्य सेरेजिंग एंड एक्सलेरेटिंगएमएसएमई परफॉर्मेंस (रैम्प)योजना के तहत एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन शौनएलिजेहोटल, जबलपुर में किया गया। इस कार्यशाला में संभाग के विभिन्न उद्योग संघों और उद्यमियों ने सक्रिय भागीदारी की।

कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य उद्यमियों को कैसे आईपीओ के माध्यम से फंड प्राप्त किया जा सकता है के विषय पर जानकारी प्रदान की गई।  उद्यमियों ने जाना की एनएसईएसएमई बोर्डपर पंजीकरण करने की प्रक्रिया रैम्प योजना के अंतर्गत कितनी सुलभ व सरल है । इस कार्यक्रम मेंज़ीरो डिफेक्ट ज़ीरो इफेक्ट (जेड)योजना, लीन मैन्यु फैक्चरिंग प्रतिस्पर्धात्मकता योजना (एलएमसीएस), बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर), औरव्यापार प्राप्य इलेक्ट्रॉनिक डिस्काउंटिंग सिस्टम (टीआरईडीएस)पर भी विस्तृत चर्चा की गई।

कार्यशाला की शुरुआत में रैम्प योजना से संबंधित विस्तृत जानकारी प्रदान करी गई । इसके बाद, श्री अनिल थागले, उप मुख्य महाप्रबंधक, मध्यप्रदेश लघु उद्योग निगम व स्टेट नोडल ऑफिसर, रैम्प योजना, एनएसई के माध्यम से उद्योगों को वित्तीय संसाधन जुटाने के तरीकों पर प्रकाश डाला। अपने संबोधन में उन्होंने रैम्प योजना के उद्देश्य, मध्य प्रदेश सरकार की भूमिका और स्थानीय उद्योगों के लिए उपलब्ध संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा की।

सुश्री, पार्वती मूर्ति, एसोसिएट वाइस प्रेसीडेंट, नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई)नेस्टॉक लिस्टिंगप्रक्रिया की जानकारी दी और बताया कि लगभग 15उद्योगों ने एनएसई लिस्टिंग के लिए अपनी रुचि व्यक्त की है। उन्होंने कहा, "एसएमई इकोसिस्टम को मजबूत करने से न केवल यह लार्ज-स्केल इंडस्ट्रीज को आकर्षित करता है, बल्कि उद्योगों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अधिक प्रतिस्पर्धी भी बनाता है।"एनएसई में लिस्टिड उद्यमों को वित्त के नए तरीकों के साथ साथराष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक अलग पहचान भी प्राप्त होती है।

श्री विनीत रजक, संयुक्त संचालक, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम विभाग, ने कार्यशाला की सराहना करी और कहा की आज एमएसएमई इकाइयों को पूंजी के लिए गैर पारंपरिक वित्तीय व्यवस्थाओं को अपनाना चाहिए। यह उद्योगों के स्थायित्व के लिए जरूरी है। 

नैशनल प्रोडक्टिविटी काउन्सल के अधिकारी श्री बी प्रभाकर ने उत्पादकता बढ़ाने के विषय पर चर्चा की। उन्होंने उद्योगपतियों को लीन योजना, कानबान सिस्टम आदि के बारे में जानकारी दी ।

कार्यशाला में बड़ी संख्या में उद्योग प्रतिनिधियों ने भाग लिया और इसे अत्यंत उपयोगी बताया। आयोजकों का मानना है कि ऐसे कार्यक्रम स्थानीय एमएसएमई को उनके व्यवसाय के विस्तार और प्रदर्शन को बेहतर बनाने में सहायता करेंगे।

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