ग्वालियर में स्टार्टअप व एमएसएमई की गुणवत्ता, क्षमता व पूंजी उपलब्धता के लिए रैम्प योजना के तहत 'रीजनल कन्वेन्शन : एमएसएमई एंड स्टार्टअप्स कार्यक्रम का आयोजन किया गया |

ग्वालियर, 27 मार्च 2025: ग्वालियर संभाग के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) एवं स्टार्टअप की गुणवत्ता, क्षमता व पूंजी उपलब्धता में सुधार लाने के उद्देश्य से रेजिंग एंड एक्सलेरेटिंगएमएसएमई परफॉर्मेंस (रैम्प) योजना के तहत एक दिवसीय कार्यक्रम 'रीजनल कन्वेन्शन : एमएसएमई एंड स्टार्टअप्स - ग्वालियर' का आयोजन रेडिसन होटल, ग्वालियर में मध्य प्रदेश लघु उद्योग निगम (स्टेट नोडल एजेंसी - रैम्प) एवं मध्य प्रदेश स्टार्टअप सेंटर के संयुक्त तत्वाधान में किया गया। इस कार्यशाला में संभाग के जिला उद्योग एवं व्यापार केंद्रों, विभिन्न उद्योग संघों, स्टार्टअप एवं उद्यमियों ने सक्रिय भागीदारी की।
कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य विनिर्माण व स्टार्टअप उद्यमियों को मध्य प्रदेश एमएसएमई विकास नीति, मध्य प्रदेश स्टार्टअप नीति एवं कार्यान्वयन योजना, रैम्प स्कीम के बारे में जानकारी देना रहा। इस कार्यक्रम में आईपीओ के माध्यम से फंड प्राप्त करने की जानकारी भी प्रदान की गई । उद्यमियों व स्टार्टअप ने जाना कि एनएसईएसएमई बोर्ड पर पंजीकरण करने की प्रक्रिया रैम्प योजना के अंतर्गत कितनी सुलभ व सरल है । इस कार्यक्रम में ज़ीरोडिफेक्टज़ीरो इफेक्ट (जेड) योजना, एमएसएमईकॉम्पटीटिव लीन स्कीम (एमसीएलएस), बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर), और व्यापार प्राप्य इलेक्ट्रॉनिक डिस्काउंटिंग सिस्टम (टीआरईडीएस) पर भी विस्तृत चर्चा की गई।
कार्यशाला की शुरुआत श्री अनिल थागले, उप मुख्य महाप्रबंधक, मध्यप्रदेश लघु उद्योग निगम व स्टेट नोडल ऑफिसर, रैम्प योजना, ने रैम्प योजना के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए एनएसई के माध्यम से उद्योगों को वित्तीय संसाधन जुटाने के तरीकों पर प्रकाश डाला। अपने संबोधन में उन्होंने रैम्प योजना के उद्देश्य, मध्य प्रदेश सरकार की भूमिका और स्थानीय उद्योगों के लिए उपलब्ध संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा की।
इस कार्यक्रम में मध्य प्रदेश लघु उद्योग निगम (एमपीएलयूएन), मप्र सरकार व नेशनल प्रोडक्टिविटी काउंसिल (एनपीसी), भारत सरकार के बीच विनिर्माण इकाइयों की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए एमओयू साइन किया गया। यह प्रदेश के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
डॉ आभा ऋषि, कार्यपालक प्रमुख, मध्य प्रदेश स्टार्टअप सेंटर, ने मध्य प्रदेश शासन की नई स्टार्टअप नीति के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करी। उन्होंने प्रदेश की स्टार्टअप ईकोसिस्टम को बढ़ाने वाली नई योजना के बारे में बताया।
श्री जिगर नायक, सीनियर मैनेजर, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ने स्टॉक लिस्टिंग प्रक्रिया की जानकारी दी और बताया कि लगभग 15 उद्योगों ने एनएसई लिस्टिंग के लिए अपनी रुचि व्यक्त की है। उन्होंने कहा, "एसएमईईकोसिस्टम को मजबूत करने से न केवल यह लार्ज-स्केल इंडस्ट्रीज को आकर्षित करता है, बल्कि उद्योगों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अधिक प्रतिस्पर्धी भी बनाता है।" एनएसई में लिस्टेड उद्यमों को वित्त के नए तरीकों के साथ साथ राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक अलग पहचान भी प्राप्त होती है।
श्री टी आर रावत, संयुक्त संचालक, ग्वालियर, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग, ने कार्यशाला की सराहना की और कहा कि आज एमएसएमई इकाइयों को पूंजी के लिए गैर पारंपरिक वित्तीय व्यवस्थाओं को अपनाना चाहिए। यह उद्योगों के स्थायित्व के लिए जरूरी है।
नेशनल प्रोडक्टिविटी काउंसिल के उप निदेशक श्री कुमुद जेकबलुगुन ने उत्पादकता बढ़ाने के विषय पर चर्चा की। उन्होंने उद्योगपतियों को लीन (एमसीएलएस) योजना, कानबान सिस्टम आदि के बारे में जानकारी दी ।
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