तेलंगाना में ओवैसी के स्पीकर बनाए जाने पर बी जे पी ने किया जमकर विरोध
तेलंगाना में एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के भाई अकबरुद्दीन ओवैसी को प्रोटेम स्पीकर बनाया गया है। अब नवनिर्वाचित नेताओं को प्रोटेम स्पीकर अकबरुद्दीन ओवैसी के समक्ष तेलंगाना विधानसभा के सदस्य के रूप में शपथ लेनी है। वहीं बीजेपी विधायक शपथ ग्रहण का बहिष्कार कर रहे हैं। बीजेपी के विधायक टी राजा का कहना है कि वह अकबरुद्दीन ओवैसी से शपथ नहीं ग्रहण करेंगे। बीजेपी के अन्य विधायक भी टी राजा के समर्थन में आ गए हैं।
एआईएमआईएम विधायक अकबरुद्दीन ओवैसी को तेलंगाना विधानसभा का प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किए जाने पर बीजेपी नेता टी राजा सिंह का कहना है, "यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। कांग्रेस की सरकार बनने और रेवंत रेड्डी के सीएम बनने के बाद कांग्रेस का असली चेहरा सामने आ गया है। रेवंत रेड्डी हर बार बयान देते थे कि बीजेपी एआईएमआईएम और बीआरएस एक हैं लेकिन तेलंगाना की जनता जान गई है कि कौन किसके साथ है...हम ऐसे व्यक्ति के सामने शपथ नहीं लेंगे... हम बहिष्कार करेंगे।"
केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा, "एआईएमआईएम विधायक अकबरुद्दीन ओवैसी को तेलंगाना विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर बनाया गया है। हम इसका विरोध करेंगे। वरिष्ठ विधायकों को छोड़कर अकबरुद्दीन ओवैसी को प्रोटेम स्पीकर बनाया गया है। ये नियमों और विधानसभा की परंपरा के खिलाफ है। हमारी पार्टी के विधायक नियमित स्पीकर आने के बाद ही शपथ लेंगे। हम लोग अभी राज्यपाल के पास जाकर इसके खिलाफ ज्ञापन भी देंगे।"
बता दें टी राजा ने 2018 में भी शपथ लेने से इनकार कर दिया था क्योंकि तब के नियुक्त प्रोटेम स्पीकर भी ओवैसी की पार्टी से ही थे। ओवैसी शनिवार को प्रोटेम स्पीकर के रूप में शपथ निर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाने वाले हैं। टी राजा ने आरोप लगाया कि तेलंगाना के नए मुख्यमंत्री कांग्रेस के रेवंत रेड्डी अपने पूर्ववर्ती के. चंद्रशेखर राव की तरह एआईएमआईएम से डरते हैं, और इसलिए उन्होंने ओवैसी को प्रोटेम स्पीकर बनने की अनुमति दी है।
प्रोटोकॉल के मुताबिक विधानसभा के लिए राज्य के राज्यपाल नवनिर्वाचित सदन की बैठकों की अध्यक्षता करने के लिए प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति करते हैं। आमतौर पर सदन के सबसे वरिष्ठ सदस्य को प्रोटेम स्पीकर बनाया जाता है। ओवैसी छठी बार चंद्रयानगुट्टा निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा के लिए चुने गए। हालांकि, टी राजा ने दावा किया कि कई वरिष्ठ विधायक हैं जिन्हें प्रोटेम स्पीकर बनाया जा सकता था, लेकिन नए मुख्यमंत्री अल्पसंख्यकों और एआईएमआईएम नेताओं को खुश करने की कोशिश कर रहे थे।
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