जिला चिकित्सालय को मिली महत्तवपूर्ण उपलब्धि, नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड प्रमाण पत्र किया हासिल
जिले को क्षेत्र में महत्तवपूर्ण उपलब्धि मिली है। बता दें कि 6 दिसंबर को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अपर सचिव एवं मिशन निदेशक एलएस चांगसन ने प्रदेश शासकीय चिकित्सा केंद्र एवं जिला अस्पताल की सूची जारी है। इसमें मंदसौर की स्वास्थ्य सेवाओं ने NQAS मानक के 19 विभागों में से 11 के लिए अपनी तैयारी पूर्ण कर उच्च स्तर पर भेजी थी। जिसमें कड़े मापदंडों पर खरे उतरते हुए 11 विभागों में 70 से ऊपर अंक हासिल किए गए।
भारत सरकार द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं के उच्चतम गुणवत्ता स्तर के मापदंड की कसौटी पर जिला चिकित्सालय मंदसौर की स्वास्थ्य सेवाओं ने NQAS मानक के 19 विभागों में से 11 के लिए अपनी तैयारी पूर्ण कर उच्च स्तर पर भेजी थी। जिसको मानक स्तर पर जांचने और कार्य गुणवत्ता का आंकलन करने हेतु माह सितंबर में भारत सरकार के द्वारा गठित 3 राष्ट्रीय पर्यवेक्षकों का सदस्यीय दल आया था। जिनके द्वारा 11 विभागों को बिंदुवार 100 अंको के मानक स्तर पर देखा गया, कार्य व्यवस्था को लेकर स्टाफ के साथ जानकारी ली गई, रिकार्ड चेक करे गए, सभी तरह की पॉलिसी का अवलोकन किया गया। आम जन और भर्ती मरीजों से अस्पताल की सेवा कार्य के बारे में सवाल किए जाकर जानकारी ली गई साथ ही अन्य भौतिक सत्यापन किए गए।
कड़े मापदंडों पर खरे उतरते हुए 11 विभागों में 70 से ऊपर अंक हासिल किए गए। जिसका परिणाम यह रहा कि जिला चिकित्सालय मंदसौर को 90 प्रतिशत अंको के साथ नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ है। इस उपलब्धि के साथ ही जिला चिकित्सालय को लगातार 3 वर्ष तक तकरीबन 5 हजार की राशि प्रति बेड प्रति वर्ष के अनुसार प्राप्त होगी जिससे जिला अस्पताल की कार्य गुणवत्ता को बनाए रखने के साथ ही नई नई सेवाओ को आमजन को प्रदाय करने में काफी मदद मिलेगी।
उल्लेखनीय है की राष्ट्रीय स्तर पर जिला चिकित्सालय मंदसौर अब उन अस्पतालों की सूची में शामिल हो गया है जहां सुरक्षित प्रसव और उच्च गुणवत्ता की मातृत्व सुरक्षा का "लक्ष्य" दक्षता का प्रमाण पत्र भी है और NQAS प्रमाणित होने का प्रमाण पत्र भी है। जिला चिकित्सालय का लोकार्पण 26 जनवरी 1956 को हुआ और निरंतर सुधार की प्रक्रिया को बनाए रखते हुए वर्ष 2023 में इस राष्ट्रीय स्तर के प्रमाण पत्र तक पहुंचना आसान नही था किंतु टीम के लगातार प्रयास और सबके समर्पण भाव से यह उपलब्धि प्राप्त हुई है। जिसका श्रेय सिविल सर्जन डॉ डीके शर्मा ने अपनी पूरी टीम और जिला प्रशासन के सतत सहयोग और मार्गदर्शन को दिया है।
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