कृष्ण सुदामा की मित्रता का प्रसंग सुन भावविभोर हो उठे श्रद्धालु,कथा वाचक निधि दीदी ने कहा- कलयुग में हनुमान सा कोई भक्त नहीं

अनमोल संदेश, मंडीदीप
चैत्र नवरात्रि के पावन अवसर पर औद्योगिक नगर मंडीदीप में अलग-अलग तीन स्थानों पर श्रीमद् भागवत कथा और श्रीराम कथा का आयोजन किया जा रहा है। यहां प्रतिदिन संगीतमय कथा का वर्णन सुनकर श्रद्धालु भावविभोर होकर कथा श्रवण कर रहे हैं। वार्ड 23 में कथावाचक नैमिषारण्य के मृदुल जी ने सुदामा चरित्र की कथा का सविस्तार वर्णन किया। उनके श्रीमुख से भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा की मित्रता का प्रसंग सुनकर कथा स्थल पर उपस्थित श्रद्धालु भावुक हो गए। मर्दुल जी ने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण मित्र सुदामा को अपने साथ रथ पर बैठाकर महल के अंदर लेकर पहुंचे। मित्र को सिंहासन पर बैठाकर खुद नीचे बैठ गए। भगवान श्रीकृष्ण को नीचे बैठा देखकर उनकी रानियां भी दंग रह गईं, कि कौन है जिन्हें भगवान सिंहासन पर बैठाकर खुद नीचे बैठे हैं। उन्होंने कहा कि कलयुग में कृष्ण सुदामा जैसे मित्रों का उदाहरण दिया जाता है। उन्होंने कलयुग के भक्तों के चरित्र पर भी चर्चा की।
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