बढ़ती अर्थव्यवस्थात्न देश की उन्नति से विदेशी हो रहे भारत की ओर आकर्षित, विदेशों में तारीफ अब दुनिया देने लगी है भारत की तेज तरक्की की गारंटी

एजेंसी, नई दिल्ली
पीएम नरेंद्र मोदी ने विदेशी मीडिया को साक्षात्कार में फिर कहा कि उनके तीसरे कार्यकाल में भारत दुनिया की तीसरी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है। वो अपने चुनावी रैलियों में भी कहते हैं कि 2024 से 2029 के अगली बार सरकार बनी तो भारत सबसे बड़ी जीडीपी लिस्ट में तीसरे पायदान पर होगा, मोदी की गारंटी है। अभी इकॉनमी दुनिया में पांचवें स्थान पर है जो मोदी के पहली बार प्रधानमंत्री बनने के वक्त वर्ष 2014 में 11वें स्थान पर थी। यानी, बीते 10 वर्षों में भारत अर्थव्यवस्था की रेस में पांच अंक ऊपर चढ़ा है। अर्थव्यस्था की इस तेज रफ्तार ने दुनिया में भारत की हैसियत बढ़ा दी है। कल तक अपनी ताकत का धौंस जमाकर भारत को महत्व देने के लायक नहीं समझने वाले पश्चिमी देशों की आंखें भी यह रफ्तार देखकर फटी की फटी रह जा रही हैं। आलम यह है कि देश हो या सरकार या फिर कोई संस्था, विदेशों से एक से बढ़कर एक तारीफें सुनने को मिल रही हैं।
क्यों है दुनिया को यकीन?
नरेंद्र मोदी पहली बार 2014 में प्रधानमंत्री बने तो भारत की जीडीपी 2,039.13 अरब डॉलर की थी। उनके शासनकाल में भारत की जीडीपी बढ़कर 4,112 अरब डॉलर पर पहुंच गई है। यानी 10 वर्षों में भारत की जीडीपी में 2,072.87 अरब डॉलर अतिरिक्त जुड़े हैं जो 10 साल पहले की जीडीपी से भी ज्यादा है। कुल मिलाकर मोदी राज में भारत की जीडीपी 101.65त्न बढ़कर दोगुने से भी ज्यादा हो गई है। मोदी सरकार में ऐसी कई और उपलब्धियां हैं जो दुनिया को चौंका रही है। इनमें जनधन खाता, यूपीआई, गरीबी उन्मूलन, गैस सिलिंडर का वितरण, शौचालय निर्माण, बिजली-पानी की पहुंच, सौर ऊर्जा समेत गैर-परंपरागत स्रोतों से बिजली उत्पादन जैसे क्षेत्रों में भारत ने बेतहाशा प्रगति की है। पीएम मोदी कहते भी हैं कि उनकी सरकार के कामकाज का मूल मंत्र है- स्किल, स्केल और स्पीड। यानी, कोई काम करो तो पूरी कुशलता से, पूरी भव्यता से और अधिकतम रफ्तार से। भारत सरकार के ज्यादातर कार्यक्रमों से पीएम मोदी के इस मंत्र की गूंज सुनाई देती है जिस कारण पूरी दुनिया के हैरत में है। दूसरी तरफ, भारतीयों के मन में भी बढ़ते विश्वास को भांपकर पीएम मोदी आश्वस्त हैं कि इस बार भी मतदाता उन्हें ही विजय श्री का माला पहनाएगी।
Files
What's Your Reaction?






