सोना 72000,ऑल टाइम हाई

एजेंसी, मुंबई
हिंदू नववर्ष यानी विक्रम संवत 2081 की शुरुआत में ही खुश करने वाली दो खबरें मिलीं। एक तरफ शेयर बाजार शुभ मंगल के साथ नए शिखर पर पहुंच गया है वहीं दूसरी ओर सोने-चांदी की कीमतों में धुआंधार तेजी जारी है। दिल्ली सर्राफा बाजार में 10 अप्रैल बुधवार को सोने में लगातार तीसरे दिन तेजी दर्ज की गई है। ईद पर सोने ने नया रिकॉर्ड बनाया है। पहली बार सोना 72,000 के पार चला गया। चांदी भी नए रिकॉर्ड हाई पर चढ़ गई है। यहां इसकी कीमत 84,700 रुपए के ऊपर निकल गई है। बुधवार को सोने और चांदी की कीमतें एक और नए रिकार्ड स्तर पर पहुंच गईं।
सोना पहली बार 72,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच गया। राष्ट्रीय राजधानी में सोने की कीमत 160 रुपये बढ़कर 72,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के उच्चतम स्तर पर पहुंच गईं। मंगलवार को यह रिकॉर्ड 71,840 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। चांदी की कीमत भी 200 रुपये की तेजी के साथ 84,700 रुपये प्रति किलोग्राम की नयी रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई। आइटी और ऑटो शेयरों में भारी खरीदारी के दम पर बीएसई सेंसेक्स पहली बार 75,000 अंक के पार पहुंच गया, जबकि निफ्टी भी 22,765 अंक के नए स्तर को छू गया। निफ्टी के 50 शेयरों में से 35 ने तेजी से ट्रेड किया। हीरो मोटोकॉर्प, इन्फोसिस, टाटा मोटर्स, बजाज फाइनेंस और पावरग्रिड के शेयरों में तेजी रही, जबकि दिवीज लैब, ओएनजीसी, आयशर मोटर्स, टाटा कंज्यूमर प्रॉडक्ट्स और रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में नरमी देखी गई। सोने की कीमत भी मंगलवार को 71,150 रुपए के साथ ऑल टाइम हाई पर पहुंच गई।
सबसे तेजी से बढ़ रही भारत की इकोनॉमी
देश की इकोनॉमी दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ रही है। जल्द ही इसके जापान और जर्मनी को पछाड?र दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनने के आसार हैं। आइएमएफ के मुताबिक अगले दो साल तक भारत सबसे तेज इकोनॉमी बना रहेगा। यूरोपियन पार्लियामेंट के थिंक टैंक एक्सपर्ट एंगेलॉस डिलिवॉरियस का कहना है कि भारत की इकोनॉमी चीन से ज्यादा तेज रफ्तार से बढ़ रही है।
सोना भी जल्द 75 हजारी होने के आसार
एमसीएक्स पर 10 ग्राम सोने की कीमत 71,150 रुपए पर पहुंच गई। सोमवार को इसमें करीब 1400 रुपए की तेजी आई थी। मंगलवार को इसने करीब 240 रुपए की तेजी के साथ ट्रेड किया। कुछ महीनों से सोने की कीमत में भारी तेजी देखी जा रही है। जानकारों का कहना है कि अगले कुछ महीनों में यह 75,000 रुपए तक जा सकती है। भारत का गोल्ड रिजर्व भी बढ़ रहा है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक यह 817 टन तक पहुंच गया है।
चार साल में पहली बार घटे यूनिकॉर्न
देश में यूनिकॉर्न कंपनियों की संख्या चार साल में पहली बार घटकर 67 रह गई है। भारत ने दुनियाभर ने यूनिकॉर्न का तीसरा सबसे बड़ा केंद्र का रुतबा कायम रखा है। भारत के फर्म संस्थापकों ने विदेश में 109 यूनिकॉर्न शुरू किए, जबकि देश में उनकी संख्या 67 है। एक अरब डॉलर से अधिक मूल्यांकन वाली स्टार्टअप कंपनियों को यूनिकॉर्न कहते हैं। हुरुन की मंगलवार को जारी वैश्विक यूनिकॉर्न सूचकांक-2024 के मुताबिक, ऑनलाइन फूड डिलीवरी मंच स्विगी और फैंटेसी गेमिंग फर्म ड्रीम11 भारत की सबसे मूल्यवान यूनिकॉर्न हैं। इनका मूल्यांकन आठ-आठ अरब डॉलर है। इनके बाद रेजरपे का स्थान आता है, जिसका मूल्यांकन 7.5 अरब डॉलर है। हालांकि, भारत की दो अग्रणी यूनिकॉर्न स्विगी और ड्रीम11 वैश्विक स्तर पर सूची में 83वें स्थान हैं। शीर्ष वैश्विक यूनिकॉर्न सूची में रेजरपे 94वें स्थान पर है। रिपोर्ट के मुताबिक, 703 यूनिकॉर्न के साथ अमेरिका दुनिया में सबसे आगे है। दूसरे स्थान पर काबिज चीन में 340 यूनिकॉर्न हैं। यूके 53 यूनिकॉर्न के साथ दुनिया में चौथे स्थान पर है।
शिक्षा प्रौद्योगिकी फर्म बायजू अब यूनिकॉर्न की श्रेणी से बाहर हो गई है। एक साल पहले उसका मूल्यांकन 22 अरब डॉलर से अधिक था, जो अब भारी गिरावट के साथ एक अरब डॉलर से भी कम हो चुका है। बायजू के मूल्यांकन में आई इस कमी ने उसे दुनिया के किसी भी स्टार्टअप के मुकाबले सबसे बड़ी गिरावट वाली फर्म बना दिया है। हुरुन रिपोर्ट के चेयरमैन एवं मुख्य शोधकर्ता रूपर्ट हुगेवर्फ ने कहा, कुछ स्टार्टअप वास्तव में नाकाम हो जाते हैं। इस दौरान वे बड़े पैमाने पर मीडिया का ध्यान भी आकर्षित करते हैं। हालांकि, ऐसी कंपनियां अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण हैं।
एआई क्षेत्र में भारत की प्रगति
भारत ने अपना पहला एआई यूनिकॉर्न क्रूटिम खड़ा किया है। एआई इनोवेशन में भारत अब भी अमेरिका और चीन से काफी पीछे है। अमेरिका में 60 और चीन में 37 एआई यूनिकॉर्न कंपनियां हैं। हुरुन इंडिया के मुख्य शोधकर्ता अनस रहमान जुनैद ने कहा, यह स्थिति भारत के लिए महत्वपूर्ण है।
स्टार्टअप क्षेत्र में निवेश की कमी
जुनैद ने कहा, 1,453 यूनिकॉर्न की सूची में भारतीय कंपनियों की संख्या में कुल गिरावट शेयर सूचकांकों पर अच्छे लाभ के बावजूद स्टार्टअप क्षेत्र में निवेश की कमी को दर्शाता है। इसके अलावा, देश के बाहर कंपनी शुरू करने की प्रवृत्ति ने भी भारत के लिए संभावनाओं को नुकसान पहुंचाया है। भारत के फर्म संस्थापकों ने विदेश में 109 यूनिकॉर्न शुरू किए, जबकि देश के भीतर उनकी संख्या 67 है।
45 फीसदी बढ़ा मूल्यांकन
दुनिया के शीर्ष-10 यूनिकॉर्न में से आठ चीन और अमेरिका से हैं। ऑस्ट्रेलिया और माल्टा से एक-एक यूनिकॉर्न इस सूची में शामिल हैं। इन 10 यूनिकॉर्न का मूल्यांकन 198 अरब डॉलर है। पिछले एक साल में दुनियाभर में यूनिकॉर्न का मूल्यांकन 45 फीसदी बढ़ा है।
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