Aluva Murder Case पर हुई सुनवाई आखिरकार बाल दिवस पर 5 साल की मासूम बच्ची को मिला इंसाफ

मंगलवार को विशेष POCSO (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण) अदालत के न्यायाधीश के सोमन ने अलुवा बाल दुष्कर्म और हत्या मामले में प्रवासी मजदूर अश्वक आलम को देश की सबसे बड़ी सजा सुनाई है। बता दें कि कोर्ट ने यह सजा उस दिन सुनाई है जिस दिन पूरे देश में बाल दिवस मनाया जा रहा है। इसके अलावा आज POCSO अधिनियम की 11वीं वर्षगांठ भी है, जो 14 नवंबर 2012 को लागू हुआ था।
दुष्कर्म और हत्या मामले में मिली मौत की सजा
विशेष POCSO अदालत के न्यायाधीश के सोमन ने अलुवा बाल दुष्कर्म और हत्या मामले ( Aluva murder case) में प्रवासी मजदूर अश्वक आलम को देश की सबसे बड़ी सजा सुनाई। बता दें कि कोर्ट ने यह सजा उस दिन सुनाई है जिस दिन पूरे देश में बाल दिवस मनाया जा रहा है। इसके अलावा आज POCSO अधिनियम की 11वीं वर्षगांठ भी है जो 14 नवंबर 2012 को लागू हुआ था।
बिहार की 5 साल की मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या करने के मामले में केरल की एक अदालत ने दोषी व्यक्ति को मौत की सजा सुनाई है।
माता-पिता को मिला इंसाफ
कोर्ट जब दोषी आलम को सजा सुना रही थी, तो उस समय पीड़िता के माता-पिता अदालत में ही मौजूद थे। बता दें कि आलम को 4 नवंबर को दोषी ठहराया गया था। अभियोजन पक्ष ने तर्क दिया था कि मामला दुर्लभतम श्रेणी में आता है और इसलिए दोषी को मौत की सजा दी जानी चाहिए।
16 अपराधों का दोषी पाया गया
अभियोजन पक्ष ने कहा था कि सजा पर बहस के दौरान, आलम ने अदालत में दावा किया था कि अन्य आरोपियों को छोड़ दिया गया और केवल उसे ही मामले में पकड़ा गया। इसके अलावा, उसने कोई अन्य दलील नहीं दी थी। अदालत ने आरोप पत्र (Charge Sheet) में आलम को सभी 16 अपराधों का दोषी पाया था। अभियोजन पक्ष ने पहले कहा था कि 16 में से पांच अपराधों में मौत की सजा है।
28 जुलाई का वो काला दिन
उल्लेखनीय है कि नाबालिग बच्ची को 28 जुलाई को उसके किराए के घर से अपहरण करने के बाद उसके साथ क्रूरतापूर्वक दुष्कर्म किया गया और गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी गई। लड़की का शव पास के अलुवा में एक स्थानीय बाजार के पीछे एक दलदली इलाके में एक ढेर में फेंका हुआ पाया गया था। आरोपी आलम को सीसीटीवी फुटेज के आधार पर गिरफ्तार किया गया।
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