यहां भी बस्तर फाइटर्स संभालेंगे मोर्चा....

जगदलपुर/भारत माता टाइम्स इस बार चुनाव निपटाने में बस्तर फाइटर्स के जवान भी फोर्स
की मदद करेंगे। इनकी तैनाती से माओवादी भी मतदान की प्रक्रिया को बाधित करने से
पहले सोचेंगे। अफसरों को यह भरोसा है कि फोर्स की मौजूदगी की वजह से इस बार
विधानसभा चुनाव व्यवस्थित और सुरक्षित संपन्न हो पाएंगे।
कभी माओवादियों के बेहद नजदीक रहे और अब फोर्स का साथ दे
रहे इन जवानों को नक्सलियों की कार्यप्रणाली का अंदाजा है। बस्तर फाइटर्स का गठन
इस बात को ध्यान में रखकर ही किया गया है। यही वजह है कि बस्तर में शांति स्थापित
करने की दिशा में आने वाले समय में इनकी भूमिका और महत्वपूर्ण हो सकती है…
बस्तर फाइटर्स के जवान ट्रेनिंग के बाद दक्ष हो चुके हैं।
यही वजह है कि इस बार चुनाव में इनका उपयोग पहली बार बस्तर पुलिस करने जा रही है। 2018 के विधानसभा और 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान हालांकि नक्सल हिंसा
में पूर्व की तुलना में कमी थी, फिर भी कोई चांस न लेते हुए इस बार भी इलेक्शन कमीशन के समक्ष बस्तर पुलिस ने
फ्री एंड फेयर इलेक्शन के लिए अपनी डिमांड रख दी है…
नक्सल मोर्चे पर होने वाले मुकाबलों में अक्सर ऐसा देखा गया
है कि जब फोर्स के साथ स्थानीय जवान थे तब अपेक्षाकृत सफलता मिली। विषम् भौगोलिक
परिस्थितियों के जानकार होने के साथ ही बस्तर फाइटर्स के जवान स्थानीय बोली-भाषा
के भी जानकार होते हैं। यही वजह है कि नक्सली इनसे खौफ खाते हैं…
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