RSS को जनता को जनता ने बनाया ,दफ्तर जाने पर बोले थे पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, बेटी से बहस छिड़ने पर

Dec 12, 2023 - 14:46
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RSS को जनता को जनता ने बनाया ,दफ्तर जाने पर बोले थे पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, बेटी से बहस छिड़ने पर
RSS को जनता को जनता ने बनाया ,दफ्तर जाने पर बोले थे पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, बेटी से बहस छिड़ने पर



पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अपने अंतिम दिनों में आरएसएस के नागपुर स्थित मुख्यालय का दौरा किया था। इसे लेकर काफी विवाद हुआ था और कांग्रेस में ही मतभेद पैदा हो गए थे। कई कांग्रेसियों ने उनकी खुलकर आलोचना की थी। यहां तक कि उनकी बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने भी उन्हें रोकने का प्रयास किया था तो घर में लंबी बहस छिड़ गई थी। इसको लेकर अब बेटी शर्मिष्ठा ने ही बताया है कि RSS दफ्तर जाने को लेकर प्रणब मुखर्जी की क्या दलील थी। शर्मिष्ठा ने 'प्रणब माई फादर: अ डॉटर रिमेम्बर्स' किताब में लिखा है कि प्रणब मुखर्जी ने कहा था कि RSS को तो जनता ने ही वैधता प्रदान की है। मैं उसे कोई सर्टिफिकेट देने वाला कौन होता हूं।


शर्मिष्ठा लिखती हैं, 'मैं बाबा से आरएसएस दफ्तर जाने के उनके फैसले को लेकर तीन से 4 दिन तक लड़ती रही। एक दिन उन्होंने कहा कि मैं कौन हूं, जिसने आरएसएस को वैधता दी है। यह तो देश की जनता है। बाबा का कहना था कि लोकतंत्र का तो मतलब ही संवाद करना है। हमें विपक्ष से भी संवाद कायम रखना चाहिए।' शर्मिष्ठा ने कहा कि इस किताब में राहुल गांधी के बारे में बहुत कम चीजें ही लिखी गई हैं। यही नहीं शर्मिष्ठा लिखती हैं कि उनके पिता इस बात से परेशान थे कि राजीव गांधी कैबिनेट में उन्हें जगह नहीं मिली थी। इसे लेकर उनका कहना था कि वह आदेश का सिर झुकाकर पालने करने वाले नेता नहीं हैं, इसलिए मौका नहीं दिया गया।


यही नहीं प्रणब मुखर्जी का कहना था कि इंदिरा गांधी की सरकार का दौर उनके लिए स्वर्णिम काल था। सोमवार को प्रणब मुखर्जी पर लिखी किताब की लॉन्चिंग के दौरान कांग्रेस से सिर्फ पी. चिदंबरम ही मौजूद थे। उनके अलावा भाजपा के विजय गोयल भी थे। बता दें कि किताब में राहुल गांधी को राजनीतिक अनुभव कम होने की बात भी कही गई थी, जिसे लेकर विवाद भी हुआ। शर्मिष्ठा ने पुस्तक में लिखा कि उनके पिता ने भी उस अध्यादेश का विरोध किया था, जिसकी कॉपी राहुल गांधी ने फाड़ दी थी। हालांकि वह चाहते थे कि इस पर संसद में बात की जाए।



शर्मिष्ठा ने कहा कि 4 साल या उससे अधिक की सजा पाने वाले नेताओं को चुनाव न लड़ने देने का फैसला सुप्रीम कोर्ट ने दिया था। इसे पलटने के लिए अध्यादेश आया था। इसी को राहुल गांधी ने फाड़ दिया था। शर्मिष्ठा ने लिखा,'यह खबर मैंने ही पिताजी को दी थी कि राहुल गांधी ने अध्यादेश फाड़ दिया है। यह सुनकर वह बहुत गुस्सा हुए थे।' शर्मिष्ठा का कहना था कि उनके पिता और पीएम नरेंद्र मोदी ने टीम के तौर पर काम किया था। 


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