तकनीकी शिक्षा आयुक्त ने देर रात पहुंचकर बंद कराया प्रदर्शन, प्रदर्शन के बाद कुलसचिव को हटाया

अनमोल संदेश, भोपाल
राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में विगत दिनों भ्रष्टाचार का एक बेहद संगीन मामला सामने आया है, जिसमें विश्वविद्यालय के 200 करोड़ रुपए की एफडी करने के नाम पर फाइल चला कर करोड़ों रुपए एक कुमार मयंक नामक व्यक्ति के निजी खाते में रजिस्टार आरएस राजपूत एवं कंट्रोलर फाइनेंस के हस्ताक्षर से चेक के द्वारा डाल दिए गए।
इस मामले में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन सोमवार से शुरू हुआ, जिसके बाद सोमवार देर रात तकनीकी शिक्षा आयुक्त मदन नागोरिया आरजीपीवी पहुंचे और प्रदर्शन समाप्त कराया। प्रदर्शन के बाद आयुक्त ने उक्त मामले में से कुलसचिव को हटा दिया। वहीं, कुलपति को छुट्टी पर भेज दिया। और एक समिति गठित कर दी गई है जो, मामले की उच्च स्तरीय जांच करेगी। इस मामले में अभाविप के पदाधिकारियों का कहना है कि राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (आरजीपीवी) में छात्रों के करोड़ों रुपए के चेक एफ डी कराने के नाम पर हेरफेर कर निजी व्यक्ति के खाते में डाल दिए गए। यह चेक संस्थान के रजिस्ट्रार और कंट्रोलर फाइनेंस के हस्ताक्षर से जारी किए गए। फर्जीवाड़ा पकड़ में न आए इसलिए संस्थान के दस्तावेजों में चेक में खाता नंबर तो वही दिखाया, जिसमें पैसा गया, लेकिन इस खाते को आरजीपीवी का बताया गया।
पूरे फर्जीवाड़े का पैसा कुमार मयंक नामक जिस व्यक्ति के खाते में गया, वह आरबीएल में रीजनल मैनेजर था। हेराफेरी इस कदर कीे गई कि आरजीपीवी जिस खाते को आरबीएल में अपना बता रहा है, वह खाता कुमार मयंक के नाम पर एक्सिस बैंक में है। अभाविप के कार्यकर्ताओं का कहना है कि विश्वविद्यालय, छात्रों के पैसों को लेकर एक बड़े आर्थिक भ्रष्टाचार को दर्शाता है।
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