काली कमाई से टेंपो चालक रफी ने जमाई सियासी धमक जाने पूरा मामला

Sep 26, 2024 - 17:55
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काली कमाई से टेंपो चालक रफी ने जमाई सियासी धमक जाने पूरा मामला

जाली नोटों और अवैध असलहों के अलावा तमाम गैरकानूनी धंधों में लिप्त सपा लोहिया वाहिनी के राष्ट्रीय सचिव रफी खान बबलू का बचपन मुफलिसी के अंधेरों में गुजरा। सेल्स टैक्स के बैरियर पर पर्ची काटने और टेंपो चलाकर परिवार का खर्च चलाने वाला रफी खान जब काली कमाई की राह पर उतरा तो एक दशक में अकूत संपत्ति जुटाकर सियासी गलियारों तक अपनी धमका जमा ली। बस्ती जिले के रहने वाले मोहम्मद हनीफ तीन दशक पहले तमकुहीराज कस्बे के पशु अस्पताल में स्टॉक मैन थे। बाद में शादीशुदा हनीफ ने यहीं की एक युवती से शादी कर गुदरी मोहल्ले में जमीन खरीदकर मकान बनवा लिया। 

दूसरी पत्नी से रफी खान समेत दो बेटे हुए। रफी का भाई असमय चल बसा था। रफी की पढ़ाई तमकुहीराज के शिशु मंदिर, भटवलिया के फतेह मेमोरियल इंटर कॉलेज और सेवरही के किसान पीजी कॉलेज से हुई।पिता की मौत के बाद परिवार की जिम्मेदारी रफी पर आ गई। शुरुआती दिनों में आमदनी बहुत कम थी और परिवार मुफलिसी के दौर से गुजरने लगा। रफी हाईवे के गाजीपुर स्थित सेल्स टैक्स बैरियर के फॉर्म दफ्तर में काम करने लगा। वह सामान लदे भारी वाहनों का प्रपत्र भर कर बिहार, आसाम, बंगाल आदि स्थानों पर भेजने का काम करता था। इसके बाद ट्रांसपोर्ट के धंधे में घुसा तो बिहार में उसकी पकड़ बढ़ती गई। उसने वैध-अवैध कामों से कमाई शुरू कर दी।

लोगों से दूरी बनाकर रहने वाला रफी खान अचानक कस्बे के लोगों से संपर्क बनाने में जुट गया और उसका दायरा बढ़ता गया। वह जब भी तमकुहीराज कस्बे में रहता घर पर कम ही भोजन करता था। करीबियों के साथ बाहर ही महफिलें सजतीं और दावत का इंतजाम होता था।

काली कमाई जैसे-जैसे बढ़ती गई, उसने सियासी दलों के ताकतवर नेताओं को भी उसने साध लिया। इस समय रफी के साथ नेताओं के साथ तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही हैं।देशभर में घूमता रहता था रफी

जिंदगी ने करवट बदली तो रफी उर्फ बबलू खान ने तरया रोड पर मकान का निर्माण करा लिया। उसका नाम खान कांप्लेक्स नाम रखा। पुराने मकान में बबलू के भाई का परिवार रहता है। काले कारनामों को सफेद करने के लिए रफी ने कई प्रांतों में नेटवर्क फैला रखा था और राजनीति में सक्रिय हो गया था। 

विलासपूर्ण जीवन का शौकीन रफी नेपाल, गुजरात, कश्मीर, मुंबई, राजस्थान, असम, बंगाल आदि की यात्राएं करता रहता था। रफी के जेल जाने के बाद कस्बे में उसके आगे-पीछे घूमने वाले लोग भूमिगत हो गए हैं।

पूर्व डीएम के नाम से चलाता था फेसबुक पेज

जाली नोटों के गैंग से जुड़े जिन लोगों को पुलिस ने ट्रेस किया है। उनमें अधिकतर बिहार के रहने वाले हैं। इनके संपर्कों को पुलिस खंगाल रही है और अवैध धंधे में शामिल लोगों के तार जोड़ रही है। रफी के साथ गिरफ्तार मीर औरंगजेब पर गैंगरेप समेत 15 केस दर्ज हैं। उसका भी कई नेताओं के साथ सोशल मीडिया पर फोटो वायरल हो रहा है। यह गैंग जिले में डीएम रहे रिग्जियान सैंफिल के नाम से फेसबुक पेज चलाता रहा है। डीएम के नाम पर लोगों को गुमराह भी करता है। पुलिस ने इसे भी जांच भी शामिल किया है।

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