38 साल पहले टूटा हिमखंड सफर पर चला

अंटार्कटिका से साल 1986 में टूटा एक हिमखंड तेजी से आगे बढ़ रहा है। पिछले 30 साल से ज्यादा वक्त से यह हिमखंड वेडेल सागर में एक जगह स्थिर था, लेकिन अब यह अपने सफर पर निकल पड़ा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक इस हिमखंड का नाम ए23ए रखा गया है। यूरोपीय स्पेस एजेंसी के मुताबिक इस हिमखंड की ऊंचाई 920 फीट के करीब है और यह 3800 वर्ग किलोमीटर में फैला है। हालांकि कुछ वैज्ञानिकों का दावा कि इसका क्षेत्रफल और ऊंचाई इससे भी ज्यादा है। यह हिमखंड कितना बड़ा है, इसको इस बात से समझ सकते हैं कि इसका क्षेत्रफल दुनिया के 29 देशों से ज्यादा है। बहरीन, मॉरीशस, सिंगापुर, माल्टा, लग्जमबर्ग जैसे दुनिया के दो दर्जन से ज्यादा देश इससे छोटे हैं। इसकी ऊंचाई कुतुब मीनार से चार गुना ज्यादा ऊंची है। कुतुब मीनार करीब 238 फीट ऊंचा है। साइंस न्यूज के मुताबिक फिलहाल यह हिमखंड विषुवत रेखा के उत्तर में 60 डिग्री समानांतर दूरी पर तैर रहा है। यह इलाका दक्षिणी आर्कने आइलैंड के करीब है। वैज्ञानिकों के मुताबिक यह हिमखंड जैसे-जैसे 'आइसबर्ग ऐले' या बर्फ की पगडंडी पर आगे बढ़ रहा है, वैसे-वैसे पिघल भी रहा है। इसके छोटे-छोटे टुकड़े टूट रहे हैं। सैटेलाइट से ली गई तस्वीरों से पता चला है कि इस हिमखंड में गुफा नुमा जगहें बन गई हैं। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि इस साल के अंत तक यह हिमखंड पूरी तरह पिघल सकता है। एक बार पूरी तरफ पिघलने के बाद यह अपने पीछे समुद्र में तमाम तरह के पोषक तत्व छोड़कर जाएगा, जो समुद्री जीवों के लिए बहुत लाभदायक साबित होगा।