जैन मुनि प्रमाण सागर महाराज जी का महापौर ने आशीर्वाद किया ग्रहण

अनमोल संदेश, भोपाल,
महापौर मालती राय आचार्य श्री विद्या सागर जी महाराज के प्रथम समाधि दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित पंच कल्याणक महोत्सव में सम्मिलित हुई और मुनि श्री 1008 प्रमाण सागर जी महाराज का आशीर्वाद ग्रहण किया और प्रवचनों का श्रवण लाभ भी लिया।
जैन मुनि आचार्य श्री विद्या सागर जी महाराज के प्रथम समाधि दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित पंच कल्याणक महोत्सव में मंगलवार को महापौर मालती राय भी सम्मिलित हुई। टीटी नगर स्थित दिगम्बर जैन मंदिर प्रांगण में आयोजित महोत्सव में महापौर राय ने मुनि श्री 1008 प्रमाण सागर जी महाराज का आशीर्वाद ग्रहण किया एवं मंगल प्रवचनों का श्रवण लाभ भी लिया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन मौजूद थे।
वहीं महोत्सव में बालक आदिकुमार के जन्म की खुशियां मनाई गईं। माता मरुदेवी (राजेश्वरी जैन) की कोख से जन्मे बालक के आगमन पर पूरी अयोध्या नगरी भक्ति में डूब गई। मीडिया प्रभारी सुनील जैनाविन के अनुसार, राजा नाभिराय (ऋषभ जैन) को जन्म की सूचना मिलते ही नगाड़े बज उठे और महिलाओं एवं युवाओं के दिव्य घोष से वातावरण गुंजायमान हो उठा। अनुष्ठान के मुख्य पात्र राजेश, सारिका, धर्मेंद्र (इंद्र), माया (इंद्राणी), अमर, सुनील, रंजना और महायज्ञ नायक सहित सभी श्रद्धालुओं ने भक्ति में डूबकर मंगल गीत गाए। कार्यक्रम में विशेष रूप से उपस्थित मुनि प्रमाण सागर महाराज ने कहा कि आज पूरे विश्व को जैन धर्म के अहिंसा के सिद्धांत को अपनाने की आवश्यकता है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि मनुष्य जन्म से नहीं, बल्कि अपने कर्मों से महान बनता है। विधायक रामेश्वर शर्मा ने भारतीय संस्कृति और संस्कारों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संतों के मार्गदर्शन और आशीर्वाद से ही समाज और देश की प्रगति संभव है। समारोह में इंद्र-इंद्राणी द्वारा बालक आदिकुमार को लेने की होड़ ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया, जिससे उपस्थित सभी श्रद्धालु भक्ति में विभोर हो गए। बालक आदिकुमार के पहले जन्माभिषेक की शोभा यात्रा 1008 कलशों से की गई, जिसमें सो धर्म इंद्र इंद्राणी और अन्य प्रमुख व्यक्ति एरावत हाथी पर सवार थे। यात्रा में गाजे-बाजे, धर्म ध्वजा और विश्व शांति का संदेश देती हुई भव्य शोभा यात्रा चल रही थी। इस शुभ अवसर पर, शोभा यात्रा के समापन के साथ 1008 कलशों से बालक आदिकुमार का जन्माभिषेक हुआ। कई प्रमुख गणमान्य लोग इस अवसर पर उपस्थित थे। प्रवक्ता सुनील जैनाविन के अनुसार, शाम को महा आरती के साथ राजा नाभि राय का दरबार सजाया गया, जिसमें बाल क्रीड़ाओं का मंचन और पालना झुलवाने की क्रियाएं हुईं।
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