दुनिया में व्हिस्की के शैकीनों की संख्या कम नहीं है, आईए जानते हैं व्हिस्की को बनाने का तरीके को

दुनिया में व्हिस्की के शैकीनों की संख्या कम नहीं है. घर की पार्टी हो या कोई स्पेशल सेलिब्रेशन, कई बार व्हिस्की उसकी जान बनती है. महफिलों में सभी के हाथ व्हिस्की का गिलास नजर आ ही जाता है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि व्हिस्की आखिर है क्या? यह अनाज से बनती है यह तो सभी को पता है लेकिन कैसे? अनाजों के साथ ऐसा क्या किया जाता है कि जिससे नशा महसूस होता है. आपके गिलास तक पहुंचने से पहले व्हिस्की किन-किन प्रक्रियाओं से होकर गुजरती है आइए जानते हैं.
दरअसल व्हिस्की को बनाने में काफी झोल है. इसे बनाने के भी कई तरीके हैं और हर देश ने अपनी व्हिस्की बनाने के खुदके पैमाने सेट किए हुए हैं. यही कारण है कि व्हिस्की की बोतल पर अलग-अलग कैटगरी लिखी हुई होती हैं. आज हम ऐसे ही सवालों के जवाब देकर आपको इस कन्फ्यूज से बाहर निकालेंगे. इसके लिए सबसे पहले तो यह जानिए कि व्हिस्की है क्या?
कॉकटेल्स इंडिया यूृट्यूब के दादा बारटेंडर के अनुसार, राई, मक्का, गेहूं, बाजरा आदि से व्हिस्की बनाई जाती है. अनाजों को मशीन में डालकर अंकुरित होने रखा जाता है इसके बाद मैश करके एक मिश्रण बनाया जाता है. इस मिश्रण को फर्मेंटेशन प्रक्रिया से होकर गुजरता पड़ता है. इस दौरान इसमें यीस्ट मिलाया जाता है और फिर इन्हें तब तक मशीन में रखा जाता है जब तक चीनी और ऐल्कोहल अलग ना हो जाए. फर्मेंटेंशन के बाद तीसरा स्टेप डिस्टिलेशन.
डिस्टिलेशन की प्रक्रिया का मतलब होता है लिक्विड से ऐल्कोहल को अलग करना. यह प्रोसेस 2 तरीकों से किया जाता है. एक है Pot Still और दसूरा है Coloumn Still. पॉट स्टिल प्रक्रिया में फर्मेंटेशन प्रक्रिया के दौरान जमा किए हुए लिक्विड को प्याज की शेप में बनी मशीन में निर्धारित तापमान पर गरम किया जाता है, स्टीम की मदद से ऐल्कोहल अलग हो जाती है और पानी अलग. कॉल्म स्टिल प्रोसेस की मशीन दिखने में सिलेंडर शेप की तरह होती है. इसमें कई सारी प्लेट्स होती हैं जो भाप की मदद से ऐल्कोहल को अलग करती हैं. इसके बाद व्हिस्की को ओक बैरल या कास्क में कई सालों तक मैचयोर किया जाता है. पूरी दुनिया में इन्हीं 2 तरह से व्हिस्की तैयार होती हैं.
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