नक्सलवाद का दंश झेलने के बाद विकास से जुड़े बस्तर जिले के कोलेंग और चांदामेटा के ग्रामीण

बस्तर : 4 दशक तक नक्सलवाद का दंश झेलने के बाद विकास से जुड़े बस्तर जिले के कोलेंग और चांदामेटा के ग्रामीण। अति संवेदनशील चांदामेटा में पहली बार शुरू हुई खुद के भवन में प्राथमिक शाला। इससे पहले यह फोर्स के कैम्प में संचालित होता रहा।
सुरक्षा बलों की देखरेख में बनी सड़क से आवागमन के रास्ते खुले। साथ ही इस गांव के अंधेरे को रोशनी देने जिला प्रशासन की पहल पर विद्युतीकरण का काम भी शुरू कर दिया गया है।
जिसमें तकरीबन डेढ़ करोड रुपए खर्च होंगे। बस्तर कलेक्टर विजय दयाराम के ने बस्तर में अपनी नियुक्ति के तीसरे दिन कोलेंग-चांदामेटा का दौरा कर स्कूल भवन की घोषणा की थी। जिसके बाद भवन को 2 माह में तैयार किया गया है। कलेक्टर की पहल पर स्कूल भवन के लिए स्थानीय ग्रामीण आयता मरकाम ने जमीन दान की। कोलेेंगे में पहली बार मोबाइल नेटवर्क की सुविधा भी शुरू कर दी गई है। मोबाइल नेटवर्क की सुविधा से अब कॉमन सर्विस सेंटर का संचालन भी शुरू कर दिया गया है। अब ग्रामीणों के पेंशन और बैंक से जुड़े काम भी ग्राहक सेवा केंद्र में आसानी से हो सकेंगे। बस्तर कलेक्टर का कहना है कि दूरस्थ व संवेदनशील इलाकों में मूलभूत सुविधाओं के पहुंचने से हालात बदलेंगे। उन्होंने कहा कि सितंबर तक विद्युतीकरण का काम पूरा कर लिया जाएगा।
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