जहां हाथ नहीं पहुंचते, वहां शैलचित्र आज भी उभरे हुए, बाकी जगह हो रहे रहे गायब

विश्व पर्यटन स्थल भीमबैठिका:अभी भी नहीं चेते तो दिखना बंद हो जाऐंगे पांच हजार साल पुरान शैलचित्र
अनमोल संदेश, औबेदुल्लागंज
विश्व प्रसिद्ध भीमबैठिका में पांच हजार साल पुराने शैलचित्र धुंधले हो रहे हैं। अब पर्यटकों को शैलचित्र काफी ध्यान से ही देखने पर दिखते हैं। वहीं, जिन शैलचित्रों तक पर्यटकों के हाथ नहीं पहुंच पाते, जो ऊंचाई पर है, वह आज भी दूर से साफ दिखाई दे रहे हैं। पर्यटन विभाग व वनविभाग यदि अभी भी नहीं चेता, तो कुछ समय बाद यहां शैलचित्र दिखना ही बंद हो जाऐंगे। दो दशक पहले जब पर्यटक यहां पहुंचते थे तो शैलचित्रों को आसानी से देखा जा सकता था।
लोग बहुत आसानी से शैलचित्र देखकर पांच हजार पुरानी संस्कृति के बारे में समझ सकते थे। लेकिन आज प्रदूषण, मोबाइल कैमरे से फोटो लेने, गार्ड ना होने पर उनसे हाथ लगाने के चलते शैलचित्र धुंधले हो चुके हैं। कई चट्टानों पर तो शैलचित्र बिल्कुल भी नजर नहीं आते हैं। वहीं, जो शैलचित्र ऊपर चट्टान पर है, यहां हाथ नहीं पहुंचते और पर्यटकों के कैमरों से दूर हैं, वह आज भी गहरे दिखाई दे रहे हैं। लोगों का कहना है कि दो दशक पहले सभी शैलचित्र इसी तरह दिखाई देते थे।
पर्यटक खाने का सामान जंगल में ही फेंक जाते हैं
भीमबैठिका में मंदिर के पास पार्किंग स्थल पर पर्यटक नास्ता, भोजन करने के बाद कचरा यहीं फेंक जाते हैं। इसमें खराब भोजन के साथ पॉलीथिन व अन्य सामान मंदिर वन्यजीव खाते हैं। वन विभाग ने रस्म आदयगी के लिए पॉलीथिन जंगल में ना फेंकने के बोर्ड लगाएं हैं। मंदिर के पास यहां गंदगी जंगल की प्राकृतिक सुंदरता को खत्म कर रही है।
Files
What's Your Reaction?






