संतनगर में ट्रैफिक पुलिस आखिर क्यों नहीं ले रही एक्शन? यातायात नियम नहीं रखते मायने नाबालिग दौड़ा रहे फर्राटे से वाहन

अनमोल संदेश, संतनगर
कार्रवाई न होने से संतनगर में यातायात नियम युवाओं के लिए ज्यादा मायने नहीं रखते। बिना हलमेट दो पहिया वाहन चलाना तो आदत सी बन गई है। लालघाटी से आगे जाना हो तभी वे हेलमेट लगाकर निकलते हैं। स्पीट और लहरियाकट बाइक चलाने वाले युवा न अपनी और बल्कि दूसरों की जिंदगी को भी खतरे में डाल रहे हैं। मेन रोड पर कॉरिडोर में रेस लगाते हुए भी देख जा सकता है। अंदरूनी गलियों में भी उनकी बाइक की रफ्तार कम नहीं होती।
यह बात सभी समझते हैं कि यातायात नियमों की अनदेखी से जान भी जा सकती है। फिर भी खासकर युवा नियमों को तोड़ते हैं। हर सडक़ दुर्घटना के पीछे यातायात नियमों का उल्लंघन बड़ी वजह होती है। नियमों का पालन कराने की जिम्मेदारी पुलिस की है, लेकिन युवाओं और पुलिस की यातायात नियमों को लेकर बेपरवाही हादसों का कारण बन रही है।
सख्त और नियमित चैकिंग व्यवस्था कभी संतनगर में नहीं रही है। कभी-कभार पुलिस चैकिंग प्वॉइंट बनाकर चालानी कार्रवाई करती है। इसलिए दो और चार पहिया वाहन चलाने वालों को नियमों की ज्यादा परवाह नहीं रहती है। शहर के अंदर वाहन चलाने वाले 10 प्रतिशत लोग ही हेलमेट लगाते हैं। सीहोर की ओर से आने वाले वाहन उपनगर से रफ्तार के साथ गुजरते हैं। स्थानीय युवा भी स्पीड से वाहन चलाते हैं।
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