न्यायालयीन मामलों में लापरवाह अफसरों पर गिरेगी गाज

प्रमुख सचिव नगरीय विकास और आवास ने दी चेतावनी
अनमोल संदेश, भोपाल
बार-बार समझाइश के बाद न्यायालयीन मामलों में अफसरों द्वारा जारी लापरवाही से नाराज नगरीय विकास और आवास के प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई ने अनुशासनात्मक कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। उनके द्वारा जारी किए गए विभागीय पत्र में कहा गया है कि कोर्ट केस की अवमानना करने के मामले में दोषी व्यक्ति के खिलाफ बिना किसी देरी के उसकी वेतन वृद्धि को रोक दिया जाए।
अगर मामला गंभीर हो तो दोषी व्यक्ति के खिलाफ नियमानुसार दंडित करने के साथ विभागीय जांच की कार्रवाई शुरू की जाएगी। उनके पत्र में लिखा है कि कुछ मामलों में यह देखने को मिला है कि अलग-अलग श्रेणी के नगरीय निकायों में लंबित भुगतान को लेकर कोर्ट में चल रहे केस में निकायों की तरफ से याचिकाकर्ताओं की मनचाही राशि मांग अतार्किक होने के बाद भी संबंधित निकायों की तरफ से कोई कानूनी कार्यवाही नहीं की जाती है। इस वजह से कोर्ट की तरफ से समय-सीमा के भीतर भुगतान करने के आदेश जारी किए जाते हैं। इन सब की वजह से विभाग की तस्वीर खराब हो जाती है। प्रमुख सचिव के इस पत्र में इस तरह के 2 ताजा मामलों का भी अिजक्र किया गया है। यह दोनों मामले झाबुआ और रतलाम जिले के पिपलोदा के हैं। इन मामलों में कोर्ट ने राज्य शासन को भी भुगतान के लिए पक्षकार बनाया गया है। इन 2 उदाहरणों के साथ पत्र में स्थानीय निकायों को निर्देश दिया गया है कि भुगतान से असहमति उपरांत न्यायालय द्वारा भुगतान के आदेश पारित किए जाने पर पालन करना अथवा समय-सीमा में रिवीजन अपील सुनिश्चित करने का दायित्व संबंधित निकाय के आयुक्त या नगरपालिका अधिकारी का होगा।
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