मंडला में RAMP स्कीम के तहत MSME सशक्तिकरण कार्यशाला का आयोजन ||

मंडला जिले (म.प्र.) में 19 मार्च 2025 को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (MSME) के सशक्तिकरण और उनकी गुणवत्ता व प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने के उद्देश्य से एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला ‘रेज़िंग एंड एक्सलेरेटिंग MSME परफॉर्मेंस (RAMP)’ योजना के अंतर्गत मध्यप्रदेश लघु उद्योग निगम लिमिटेड (MPLUN) द्वारा आयोजित की गई।
इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य MSMEs के बीच ZED (Zero Defect Zero Effect) योजना की जानकारी फैलाना था, ताकि वे शून्य दोष एवं शून्य प्रभाव के सिद्धांतों को अपनाकर वैश्विक प्रतिस्पर्धा में टिक सकें और पर्यावरण के प्रति उत्तरदायी बने रहें।
कार्यक्रम की शुरुआत जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र, मंडला के महाप्रबंधक श्री एन.के. वास्कले द्वारा की गई। उन्होंने RAMP योजना की विस्तृत जानकारी देते हुए MSMEs को बताया कि यह योजना उत्पादन, वित्तीय वृद्धि, और प्रशासनिक प्रक्रिया में सुधार हेतु एक उत्कृष्ट अवसर है।
इसके पश्चात Ernst & Young (E&Y) की टीम द्वारा RAMP योजना के 12 प्रमुख घटकों की प्रस्तुति दी गई, जिसमें बजट, प्रक्रिया और भूमिका स्पष्ट की गई।
भारतीय गुणवत्ता परिषद (QCI) के विशेषज्ञ श्री राजेश सरवटे ने ZED योजना पर सत्र लिया। उन्होंने ZED प्रमाणन की प्रक्रिया, लाभ और सरकारी सहायता पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि ZED प्रमाणन से MSMEs अपनी गुणवत्ता सुधार सकते हैं, अपशिष्ट घटा सकते हैं, और वैश्विक बाजार में बेहतर प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं।
कार्यशाला में MSME प्रतिनिधियों द्वारा विभिन्न प्रश्न पूछे गए, जैसे—ZED प्रमाणन कैसे प्राप्त करें, इससे क्या लाभ मिलते हैं, और इसकी प्रक्रिया क्या है। श्री सरवटे ने बताया कि MSMEs ZED पोर्टल पर पंजीकरण करके स्वयं मूल्यांकन कर सकते हैं और आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड करके प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं। प्रमाणन प्राप्त करने के बाद तकनीकी एवं वित्तीय सहायता भी प्रदान की जाती है।
कार्यशाला में मंडला जिले के MSME उद्यमियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और सरकार की योजनाओं के प्रति सकारात्मक प्रतिक्रिया दी। प्रतिभागियों ने इस तरह के कार्यक्रम नियमित रूप से आयोजित करने की मांग की ताकि अधिक से अधिक उद्यमी इन योजनाओं का लाभ ले सकें।
जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र, मंडला के अधिकारियों एवं विशेषज्ञों ने इस कार्यशाला को MSME क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण पहल बताया, जो क्षेत्रीय विकास और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को साकार करने की दिशा में सहायक सिद्ध होगी।
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