कलेक्टर रोड पर 37 सीवरेज चैंबर बिना ढक्कन के:बारिश में हो सकती हैं दुर्घटनाएं; धार में लोग कई बार कर चुके शिकायत

धार में कलेक्टोरेट रोड से मांडू रोड तक कई जगहों पर सीवरेज चैंबर या तो खुले हैं या क्षतिग्रस्त हालत में हैं। सबसे चिंताजनक स्थिति कलेक्टर रोड की है। यहां 37 सीवरेज चैंबर बिना ढक्कन के हैं। बारिश के मौसम में जब सड़कों पर पानी भर जाता है, तब ये चैंबर पूरी तरह से पानी में डूब जाते हैं। इस स्थिति में राहगीरों और वाहन चालकों को चैंबर दिखाई नहीं देते। इससे गंभीर दुर्घटनाएं हो सकती हैं। स्थानीय प्रशासन की ओर से अभी तक इस समस्या पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है। जोखिमों से अनजान बने हुए हैं अधिकारी शहर के त्रिमूर्ति चौराहे से कलेक्टर परिसर तक दोनों ओर सड़कों के किनारे मौजूद ये चैंबर रोज सुबह-शाम घूमने वालों के लिए भी खतरा हैं। एक ओर तो प्रशासन की गतिविधियां इन्हीं सड़कों से संचालित होती हैं, दूसरी ओर अधिकारी इन जोखिमों से अनजान बने हुए हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि वे कई बार इस समस्या की शिकायत कर चुके हैं और तस्वीरें भी साझा की हैं, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। खुले चैंबर से दुर्घटनाओं की संभावना नगर के कलेक्टर रोड के डिवाइडरों के दोनों छोर पर 37 चैंबर खुले पड़े शहर के त्रिमूर्ति से लेकर कलेक्टर परिसर के प्रवेश गेट तक रोड के दोनों छोर पर करीब 104 चैंबर हैं। इनमें से कुछ 67 चैंबरों पर जाली लगी हुई या फिर कुछ पर फर्शी लगी हुई है। बाकी 37 चैंबरों के ढक्कन खुले हैं, जो हादसे को निमंत्रण दे रहे हैं। पूर्व में ठेकेदारों द्वारा चैंबर निर्माण के दौरान की गई लापरवाही भी अब सामने आ रही है। चैंबर या तो सड़क की सतह से ऊंचे हैं या बहुत नीचे, जिससे सड़क समतल नहीं रह गई है। कुछ स्थानों पर चैंबर पर जाली या फर्शी रखी गई है, जो टिकाऊ नहीं है और किसी भी वक्त खिसक सकती है। आदर्श रोड जैसे इलाकों में तो वर्षा के दौरान पूरा मार्ग पानी में डूब जाता है और चैंबर नजर ही नहीं आते, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना और भी बढ़ जाती है। 'जहां भी चैंबर खुले हैं, उन्हें ढंका जाएगा' नगर पालिका सीएमओ विकास डावर का कहना है कि नालों की सफाई को लेकर विशेष अभियान बारिश के पहले शुरू किया गया हैं, जहां भी चैंबर खुले हैं, उन्हें ढंका जाएगा। ताकि कोई हादसा नहीं हो।

कलेक्टर रोड पर 37 सीवरेज चैंबर बिना ढक्कन के:बारिश में हो सकती हैं दुर्घटनाएं; धार में लोग कई बार कर चुके शिकायत
धार में कलेक्टोरेट रोड से मांडू रोड तक कई जगहों पर सीवरेज चैंबर या तो खुले हैं या क्षतिग्रस्त हालत में हैं। सबसे चिंताजनक स्थिति कलेक्टर रोड की है। यहां 37 सीवरेज चैंबर बिना ढक्कन के हैं। बारिश के मौसम में जब सड़कों पर पानी भर जाता है, तब ये चैंबर पूरी तरह से पानी में डूब जाते हैं। इस स्थिति में राहगीरों और वाहन चालकों को चैंबर दिखाई नहीं देते। इससे गंभीर दुर्घटनाएं हो सकती हैं। स्थानीय प्रशासन की ओर से अभी तक इस समस्या पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है। जोखिमों से अनजान बने हुए हैं अधिकारी शहर के त्रिमूर्ति चौराहे से कलेक्टर परिसर तक दोनों ओर सड़कों के किनारे मौजूद ये चैंबर रोज सुबह-शाम घूमने वालों के लिए भी खतरा हैं। एक ओर तो प्रशासन की गतिविधियां इन्हीं सड़कों से संचालित होती हैं, दूसरी ओर अधिकारी इन जोखिमों से अनजान बने हुए हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि वे कई बार इस समस्या की शिकायत कर चुके हैं और तस्वीरें भी साझा की हैं, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। खुले चैंबर से दुर्घटनाओं की संभावना नगर के कलेक्टर रोड के डिवाइडरों के दोनों छोर पर 37 चैंबर खुले पड़े शहर के त्रिमूर्ति से लेकर कलेक्टर परिसर के प्रवेश गेट तक रोड के दोनों छोर पर करीब 104 चैंबर हैं। इनमें से कुछ 67 चैंबरों पर जाली लगी हुई या फिर कुछ पर फर्शी लगी हुई है। बाकी 37 चैंबरों के ढक्कन खुले हैं, जो हादसे को निमंत्रण दे रहे हैं। पूर्व में ठेकेदारों द्वारा चैंबर निर्माण के दौरान की गई लापरवाही भी अब सामने आ रही है। चैंबर या तो सड़क की सतह से ऊंचे हैं या बहुत नीचे, जिससे सड़क समतल नहीं रह गई है। कुछ स्थानों पर चैंबर पर जाली या फर्शी रखी गई है, जो टिकाऊ नहीं है और किसी भी वक्त खिसक सकती है। आदर्श रोड जैसे इलाकों में तो वर्षा के दौरान पूरा मार्ग पानी में डूब जाता है और चैंबर नजर ही नहीं आते, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना और भी बढ़ जाती है। 'जहां भी चैंबर खुले हैं, उन्हें ढंका जाएगा' नगर पालिका सीएमओ विकास डावर का कहना है कि नालों की सफाई को लेकर विशेष अभियान बारिश के पहले शुरू किया गया हैं, जहां भी चैंबर खुले हैं, उन्हें ढंका जाएगा। ताकि कोई हादसा नहीं हो।