नीमच में शुक्रवार को दोपहर बाद अचानक मौसम का मिजाज बदल गया। जहां एक तरफ पिछले एक सप्ताह से लोग भीषण गर्मी और लू से परेशान थे, वहीं दोपहर बाद चली तेज धूलभरी आंधी और बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया। यह आंधी इतनी जोरदार थी कि सैकड़ों पेड़ उखड़ गए, मकानों के टीन शेड उड़ गए और कई घरों की छतें और दीवारें ढह गईं। आंधी-बारिश के इस कहर से शांति लाल और कैलाशचंद्र गेहलोत जैसे कई लोगों के घरों को बड़ा नुकसान पहुंचा है। कई रास्ते पेड़ों के गिरने से पूरी तरह अवरुद्ध हो गए। करीब आधे घंटे तक तेज धूलभरी हवाएं चलती रहीं और उसके बाद बारिश शुरू हो गई, जिससे भीषण गर्मी से कुछ राहत जरूर मिली लेकिन बारिश के बाद उमस और बिजली कटौती ने फिर से लोगों को परेशान कर दिया। असाढ़ महीने की पहली बारिश से जहां एक ओर किसानों के चेहरों पर राहत की मुस्कान आई, वहीं शहर में नुकसान का दायरा काफी बड़ा रहा। दिनभर बाजारों और मुख्य सड़कों पर सन्नाटा छाया रहा, जिससे माहौल किसी कर्फ्यू जैसा नजर आया।
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