डिप्टी सीएम से की मांग: मामले की हो सीबीआई जांच
एनएचएम के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग में काम करने वाले आउटसोर्स कर्मचारी ने उनके मानदेय में गड़बड़ी का आरोप लगाया है। मानदेय में की गई गड़बड़ी को लेकर सीबीआई जांच की मांग डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल से की है। एनएचएम संविदा आउटसोर्स स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने वित्तीय वर्ष 2019 से वित्तीय वर्ष 2024 तक आउटसोर्स कर्मचारियों के मानदेय की जांच की मांग की है।
आउटसोर्स स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष कमल सिंह ने कहा है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अधीन विगत कई वर्षों तक संविदा सपोर्ट स्टॉफ कर्मचारी, सेवाएं दे चुके सपोर्ट स्टॉफ कर्मचारियों को शासन-प्रशासन की दोहरी नीति के कारण वित्तीय वर्ष 2019 से एनएचएम से हटकर आउटसोर्स किए गए सपोर्ट स्टॉफ एवं अन्य आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए विभाग द्वारा प्रचलित अर्धकुशल श्रमिक दर 12796 बजट दिया जा रहा है। लेकिन विभाग के अधिकारियों एवं आउटसोर्स कंपनियों की कमीशन खोरी की वजह से मात्र 5,500 से लेकर 9,000 तक दिए जा रहे हैं, जिसकी वजह से आउटसोर्स कर्मचारी की मानदेय में करोड़ों रुपया का घपला किया जा रहा है।
एनएचएम संविदा आउटसोर्स स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने मांग की है कि वित्तीय वर्ष 2019-20 से वित्तीय वर्ष 2023-24 तक सभी जिलों में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं सिविल सर्जन सह अस्पताल अधीक्षक द्वारा आउटसोर्स कंपनियों से किन-किन शर्तों पर अनुबंध किया गया। अर्धकुशल श्रमिक दर या कुशल श्रमिक दर से आउटसोर्स कर्मचारियों को कितना वेतन दिया जा रहा है एवं आउटसोर्स एजेंसी को विभाग द्वारा कितने मानदेय से भुगतान किया जा रहा है। विगत पांच वर्षों में सपोर्ट स्टाफ आउटसोर्स कर्मचारियों को कितना कम वेतन दिया गया, जिसकी सीबीआई जांच एजेंसी के द्वारा जांच कराई जाए। जांच उपरांत दोषियों के विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई की जाए, जिससे भविष्य में इस तरह के प्रकरण दोबारा न हो। सपोर्ट स्टॉफ एवं आउटसोर्स कर्मचारी की भविष्य को देखते हुए विभाग में समक्ष रिक्त पदों पर नियमित किया जाए अथवा पुन: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में मर्ज किया जाए।
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