रावण दहन और चल समारोह के कारण इन रास्तों पर जाने से बचे

Oct 12, 2024 - 13:24
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रावण दहन और चल समारोह के कारण इन रास्तों पर जाने से बचे

भोपाल : 3 अक्टूबर से स्थापित की गई देवी मूर्तियों को आज से विसर्जित करने की प्रक्रिया शुरू होगी जो तीन दिन तक चलेगी। ये विसर्जन राजधानी भोपाल के कुल 7 घाटों पर किया जाएगा। इसके सात ही रावण दहन और चल समारोह का भी आयोजन जगह-जगह पर किया जा रहा है। इस दौरान शहर के हजारों लोग चल समारोह और जुलूस में शामिल होंगे। ऐसे में शहर के कई रास्तों पर भारी ट्रैफिक देखने को मिल सकती है।


पांच दिवसीय बंगाली दुर्गा उत्सव का शनिवार को समापन होगा। विजय दशमी के मौके पर शहर की कालीबाडिय़ों में मां दुर्गा की विशेष पूजा-अर्चना की जाएगी। इसके बाद बंगाली समाज की महिलाएं पहले माता रानी को सिंदूर अर्पित करेगी, फिर एक दूसरे को सदूर लगाकर नवरात्र की बधाई देगी। सिंदूर खेलने के बाद देर शाम को माता रानी की विदाई होगी, और चल समारोह के रूप में माता रानी का विसर्जन किया जाएगा।


राजधानी भोपाल में माता के विसर्जन के लिए कुल 7 घाटों पर व्यवस्था की गई है। नगर निगम द्वारा पहले से ही घाटों की सफाई कर दी गई थी। लगातार तीन दिनों तक भोपाल के खटलापुरा, प्रेमपुरा, शाहपुरा, रानी कमलापति, संत हिरदाराम नगर बैरागढ़, हथाई खेड़ा डैम के पास नवरात्रि में स्थापित देवी मूर्तिओं का विसर्जन किया जाएगा।


बता दें कि शहर में 1500 से ज्यादा देवी मूर्तियां स्थापित की गई थी। आज से कई रास्तों से माता की प्रतिमाएं विसर्जित होने के लिए जाएंगी। अगले दो दिनों तक किलोल पार्क, कमला पार्क, खटलापुरा, जहांगीराबाद, सैर सपाटा, भदभदा आदि की तरफ भारी ट्रैफिक देखने को मिलेगी। ऐसे में जरुरी है कि बीना किसी काम के ऐसे रास्तों पर जाने से बचे।


इस साल दुर्गोत्सव चल समारोह रविवार को भारत टॉकीज चौराहे से प्रारंभ होगा। अभी यह चल समारोह हमीदिया रोड से निकाला जाता था, लेकिन यहां निर्माण कार्य चलने के कारण रूट बदला गया है। यह चल समारोह रात्रि में 8 बजे शुरू होगा। इस चल समारोह में 150 से अधिक प्रतिमाएं और चलित झांकियां शामिल होंगी। चल समारोह में गरबा मंडली आदि भी आकर्षण का केंद्र रहेंगी।

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