कांग्रेस का प्रदेश सरकार पर हमला, मोहन सरकार ने 11 महीने में 30 बार लिया कर्ज

भोपाल : सोमवार को कांग्रेस पार्टी ने प्रदेश सरकार पर जमकर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व में सरकार ने 11 महीने के कार्यकाल में 30 बार कर्ज लिया है, जिससे प्रदेश की वित्तीय स्थिति और ज्यादा खराब हो गई है।
पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने प्रेसवार्ता के दौरान दावा किया कि इस दौरान सरकार ने हर महीने औसतन तीन से पांच हजार करोड़ रुपये का कर्ज लिया, जो कुल मिलाकर 40,536 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।
पटवारी ने कहा, "11 महीनों में देश के किसी भी राज्य सरकार ने इतनी बार कर्ज नहीं लिया। हर महीने औसतन तीन हजार से पांच हजार करोड़ का कर्ज लिया गया। रोज़ 120 से 125 करोड़ रुपये का कर्ज लिया गया। हर घंटे 120 करोड़ रुपये का कर्ज लिया गया। लेकिन सवाल यह है कि इस कर्ज का क्या किया गया?" पटवारी ने आरोप लगाया कि सरकार ने इस कर्ज का इस्तेमाल प्रदेश के लिए कोई भी इनोवेटिव या विकासात्मक काम करने में नहीं किया, बल्कि यह कर्ज सिर्फ नए कर्ज चुकाने और खर्चों के लिए लिया गया।
पटवारी ने भाजपा सरकार के लाडली बहना योजना पर भी तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने चुनावी संकल्प पत्र में लाडली बहनों को तीन हजार रुपये देने का वादा किया था, लेकिन अब तक एक भी बहन को यह राशि नहीं दी गई। पटवारी ने सीएम मोहन यादव का वीडियो दिखाते हुए कहा, "सीएम ने कहा था कि यह राशि तीन हजार से बढ़ाकर पांच हजार रुपये तक जाएगी, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।" पटवारी ने यह भी कहा कि कर्ज लेने और झूठ बोलने के मामले में मुख्यमंत्री मोहन यादव, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी दो कदम आगे निकल गए हैं।
पटवारी ने यह भी कहा कि सरकार 45,000 करोड़ रुपये का कर्ज लेकर इसका कोई ठोस उपयोग नहीं कर रही है। इसके बजाय, सरकार लगातार बड़े-बड़े इवेंट्स और विज्ञापनों पर खर्च कर रही है। इसके अलावा, हवाई जहाज के खर्चों पर हर महीने 3 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि प्रदेश में हर व्यक्ति पर 50,000 रुपये का कर्ज हो गया है। आरबीआई और CAG की रिपोर्ट्स में भी इस कर्ज पर रोक लगाने की बात की गई है, लेकिन सरकार ने इसके बावजूद कर्ज लिया और इसे चुकाने के लिए और कर्ज लिया।
कांग्रेस नेताओं ने यह भी ऐलान किया कि 16 दिसंबर को प्रदेश की भाजपा सरकार के एक साल पूरे होने पर वे विधानसभा का घेराव करेंगे और इस दौरान "हिसाब दो, जवाब दो" आंदोलन आयोजित करेंगे। उनका कहना था कि इस एक साल में सरकार ने सिर्फ झूठे वादों और भ्रष्टाचार के अलावा कुछ नहीं दिया, और अब जनता को इस सरकार से हिसाब लेना होगा। कांग्रेस के इस तीव्र हमले ने मध्य प्रदेश की राजनीतिक पटल पर हलचल मचा दी है और अब सभी की नजरें 16 दिसंबर के आंदोलन पर टिकी हुई हैं।
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भी मोहन यादव सरकार की आलोचना करते हुए कहा, "एक मुख्यमंत्री को विदेश की सड़कों की पसंद है, जबकि दूसरे मुख्यमंत्री को डायनासोर के अंडे पसंद हैं।" उनका यह बयान मुख्यमंत्री के चुनावी वादों और उनके विवादास्पद निर्णयों पर केंद्रित था। सिंघार ने आरोप लगाया कि प्रदेश में इस एक साल में केवल भ्रष्टाचार ही बढ़ा है और जनता ने भाजपा सरकार के धोखाधड़ी व वादाखिलाफी का खामियाजा भुगता है।
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