मध्य प्रदेश शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में विसंगतियां: हाईकोर्ट ने सरकार से दो दिन में मांगा जवाब

मध्य प्रदेश शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में विसंगतियां: हाईकोर्ट ने सरकार से दो दिन में मांगा जवाब
मध्य प्रदेश में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को लेकर हाल ही में एक बड़ा विवाद सामने आया है। ऑनलाइन आवेदन फॉर्म में सरकारी कर्मचारियों और अतिथि शिक्षकों के लिए विकल्पों में विसंगतियां होने के कारण कई अभ्यर्थी अपने सही विवरण दर्ज करने में असमर्थ रहे हैं। यह मामला अब हाईकोर्ट में पहुंच चुका है, जहां कोर्ट ने सरकार से दो दिन के भीतर इस पर स्पष्ट जवाब देने को कहा है।
विसंगतियों की समस्या
वर्तमान में, शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के ऑनलाइन आवेदन फॉर्म में कई तकनीकी और वैधानिक विसंगतियां देखी जा रही हैं। इन विसंगतियों के कारण, खासकर सरकारी कर्मचारियों और अतिथि शिक्षकों के लिए निर्धारित विकल्पों में भ्रम पैदा हो गया है। कई अभ्यर्थी अपना सही विवरण दर्ज करने में असमर्थ रहे हैं, जिससे भर्ती प्रक्रिया में अनावश्यक देरी और असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
हाईकोर्ट का हस्तक्षेप
हाईकोर्ट ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया और राज्य सरकार से जवाब मांगा है। कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया है कि वह दो दिन के भीतर इस मामले पर अपना पक्ष रखें। इसके अलावा, कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि अगली सुनवाई 22 फरवरी को होगी, जब इस मुद्दे पर आगे की कार्यवाही की जाएगी।
अभ्यर्थियों का विरोध
अभ्यर्थियों ने इस विसंगति को लेकर अपनी आपत्तियां जताई हैं। उनका कहना है कि ऑनलाइन आवेदन फॉर्म में इस तरह की समस्याएं उन्हें मानसिक तनाव और असमर्थता का सामना करवा रही हैं। कई अभ्यर्थियों का यह भी कहना है कि यदि जल्दी ही समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो भर्ती प्रक्रिया में उनकी पात्रता पर असर पड़ सकता है।
क्या होगा अगला कदम?
अब सवाल यह है कि सरकार इस मुद्दे को कैसे हल करती है। क्या वह भर्ती फॉर्म में सुधार करेगी या फिर अभ्यर्थियों को सही जानकारी दर्ज करने का एक और मौका दिया जाएगा? इस पर अगले कुछ दिन में स्थिति स्पष्ट हो सकती है, खासकर जब 22 फरवरी को मामले की अगली सुनवाई होगी।
इस विवाद ने शिक्षक भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता और सुगमता पर सवाल खड़ा कर दिया है, और इसके समाधान की दिशा में सरकार और कोर्ट दोनों की निगाहें हैं।
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