‘अंतर्विभागीय समन्वय एवं जागरूकता से फाइलेरिया को करें जड़ से खत्म’

Feb 5, 2025 - 23:59
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‘अंतर्विभागीय समन्वय एवं जागरूकता से फाइलेरिया को करें जड़ से खत्म’

अनमोल संदेश, भोपाल

उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने मंत्रालय वल्लभ भवन में राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम की प्रगति और कार्य योजना की समीक्षा की। उप मुख्यमंत्री ने स्टेट टास्क फोर्स की बैठक में निर्देश दिए कि सभी विभाग अंतर्विभागीय समन्वय और जागरूकता से फाइलेरिया को जड़ से खत्म करने के लिए अपने दायित्वों का निर्वहन करें। 

उन्होंने निर्देश दिए कि विभिन्न विभाग मैदानी अमलों से 10 फरवरी से प्रारंभ हो रहे मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन जमीनी कार्यकर्ताओं का उन्मुखीकरण सुनिश्चित करें साथ ही अभियान में आमजन की सहभागिता सुनिश्चित करें। बैठक में स्वास्थ्य, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, जनजातीय कार्य, वन, नगरीय निकाय और आवास, स्कूल शिक्षा और केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और प्रतिनिधि उपस्थित थे।

स्टेट टास्क फोर्स कमेटी की बैठक में राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम की समीक्षा की

वितरित दवाओं का नागरिक अवश्य करें सेवन

उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने स्टेट टास्क फोर्स की बैठक में वर्तमान में प्रदेश में लिम्फेटिक फाइलेरियासिस बीमारी की स्थिति, मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन चक्र-2025 के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए एक्शन प्लान और फाइलेरिया उन्मूलन गतिविधियों के संचालन के लिए अन्य विभागों से अपेक्षाएं एवं सहयोग के विषयों की वृहद् समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी संबंधित विभाग प्रभावित क्षेत्रों में युद्ध स्तर से प्रयास करें। उप मुख्यमंत्री ने प्रभावित क्षेत्र के नागरिकों से अपील की है कि एमडीए अभियान में वितरित दवाओं का अवश्य सेवन करें। फायलेरिया के उन्मूलन में सहयोग करें।

4 जि़लों के 12 ब्लॉक में एमडीए का हुआ क्रियान्वयन

मिशन संचालक एनएचएम डॉ. सलोनी सिडाना ने बताया कि मध्यप्रदेश के छतरपुर, दतिया, कटनी, पन्ना, उमरिया रीवा, मउगंज, टीकमगढ़, निवाड़ी फायलेरिया बीमारी से ज्यादा प्रभावित हैं। इसके अतिरिक्त वर्ष-2025 में नॉन एण्डेमिक जिला शहडोल एमडीए गतिविधि अंतर्गत शामिल किया गया है। वर्ष-2024 में मध्यप्रदेश के 12 जिलों के 35 ब्लॉक में एमडीए का क्रियान्वयन किया गया। वर्ष-2024 में प्रदेश के 4 जिलों सागर, सतना, छिन्दवाड़ा एवं दमोह में एमडीए को सफलतापूर्वक संचालन कर बंद कर दिया गया है। प्रदेश में कुल लिम्फेडिमा के 3059 और हाइड्रोसील के 1011 मामले दर्ज कर विभाग द्वारा सुविधाएँ प्रदान की जा रही हैं।

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