भोपाल के एम्स अस्पताल में गर्भबती महिला को छोड़ भागे परिजन , एम्स के स्टाफ से करवाया प्रसव

यह घटना सुबह लगभग 4:45 पर एक गाड़ी 33 वर्षीय एक गर्भवती महिला को इमरजेंसी के गेट पर ही छोड़ कर चली गई थी।
एम्स भोपाल ने करा मानव सेवा का काम
एम्स भोपाल केवल इलाज ही नहीं बल्कि मानवता की सेवा भी करता है। ऐसा ही एक वाकया हाल ही में ट्रॉमा एवं इमरजेंसी विभाग में हुआ। जब सुबह लगभग 4:45 पर एक गाड़ी 33 वर्षीय एक गर्भवती महिला को इमरजेंसी के गेट पर ही छोड़ कर चली गई थी। महिला को प्रसव पीड़ा हो रही थी। प्रसव पीड़ा से कराहती महिला को ड्यूटी पर तैनात वरिष्ठ नर्सिंग अधिकारी सोहन और नर्सिंग अधिकारी दिव्या, लवीना और कमल ने देखा और तुरंत ही मरीज को गेट से उठाकर ट्रॉमा और इमरजेंसी विभाग में भर्ती किया। ट्रॉमा और इमरजेंसी विभाग की पूरी टीम ने डॉक्टर अंकिता के नेतृत्व में डॉक्टर आकृति, डॉक्टर सोनू और डॉक्टर कामना के साथ 4:55 पर केवल 10 मिनट के अंतराल पर सुरक्षित प्रसव कराया।
माँ और नवजात शिशु दोनों पूरी तरीके से है स्वस्थ
प्रसव के पश्चात शिशु और माँ दोनों का चिकित्सकीय परीक्षण किया गय। बाद में दोनों को लेबर वार्ड में शिफ्ट किया गया और जब माँ पूरी तरह से ठीक हो गई तब अस्पताल से उनकी छुट्टी कर दी गयी। एम्स भोपाल का ट्रॉमा एवं इमरजेंसी विभाग मानवता की सेवा के लिए सदैव तत्पर है। एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रोफेसर डॉ अजय सिंह ने ट्रॉमा एवं इमरजेंसी विभाग को उनके इस सराहनीय कार्य के लिए बधाई देते हुए आशा व्यक्त की की भविष्य में भी इसी समर्पण की भावना से वे कार्य करते रहेंगे