जिस जीव ने तीर्थंकर के कर कमलों में आहार दान दिया वह अक्षय पद प्राप्त करता है : विमल श्री

अनमोल संदेश, भोपाल
जैन धर्म में तीन का आंकड़ा बड़ा शुभ माना गया है। सम्यक दर्शन, ज्ञान चरित्र का मिलन होने पर ही जीव को मोक्ष मार्ग प्रशस्त होता है। यह बात आर्यिका मां 105 विमल श्री माताजी ने कही। माता जी चौक धर्मशाला में शुक्रवार को धर्मसभा में बोल रही थीं। उन्होंने कहा कि जिस जीव ने तीर्थंकर के कर कमलों में आहार दान दिया, वह निश्चित ही अक्षय पद को प्राप्त करता है। विपुल श्री माताजी ने कहा कि गुरु मोक्ष मार्ग प्रशस्त करते हैं। जिन वर गुरुवर सबका कहना है, एक शुद्ध आत्मा ही शुद्ध गहना है। उन्होंने कहा कि गुरु ने बताया कि शुद्ध आत्मा ही हमारे जीवन का गहना है। माताजी ने कहा कि जो गुरु के पैयां पकड़ लेते हैं, वह नर्क आदि खोटी गति में नहीं जाते हैं। कार्यक्रम में ट्रस्ट की ओर से अरविंद सीए, अभिषेक राज, दिनेश चाय घर, सुनील पबलीशर्ष आदि समाज के अनेक श्रद्धालुजन उपस्थित थे।
चौक मंदिर में मनाया अक्षय तृतीया का पर्व
पंचायत कमेटी ट्रस्ट के अध्यक्ष मनोज बांगा, मंत्री मनोज आरएम ने बताया कि अक्षय तृतीया का पर्व चौक मंदिर में मनाया गया। इस दौरान आदिनाथ भगवान का अभिषेक शांतिधारा एवं अक्षय तृतीया की पूजन की गई। आज के दिन ही राजा श्रीयांस एवन सोम ने 13 माह 8 दिन के उपवास के बाद मुनि आदिनाथ को नवधा भक्तिपूर्वक पडगाह करके इक्षुरास का आहार देकर दान तीर्थ का प्रारंभ किया था।
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