बारिश से जूझे किसान, अब है हार्वेस्टर का इंतजार...

अनमोल संदेश, भोपाल
चार दिन पहले हुई बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि की मार झेल चुके किसानों को अब अपनी फसलें सहेजने की चिंता सताने लगी है। अन्नदाता अपने अन्न भंडार को खेत से घर तक लाने की जुगत लगा रहा है। इसके लिए अब किसान को हार्वेस्टर मशीनों का इंतजार है।
हालांकि गेहूं की फसल पूरी तरह पककर तैयार है, लेकिन गत दिनों हुई बारिश ने सूखती जा रही फसलों में फिर से नमी ला दी है, जिसके कारण गेहूं पौधों के तनों का मशीन से कटना अभी संभव नहीं हो पा रहा है। उधर किसानों को भय है कि सूखी फसल पर यदि फिर से पानी बरस गया तो खड़ी को सडऩे से कोई नहीं बचा सकता। इसलिए किसान नमी के बावजूद जल्दी से जल्दी अपनी फसल को काटकर घर में लाना
चाहते हैं।
गेहूं सीजन में फसल काटने के लिए हार्वेस्टर मशीन ही सबसे अच्छा साधन है, जो एक दिन में 10 से 12 एकड़ खेत की फसल काटने और थ्रेसिंग का काम कर देता है। सीजन के दौरान राजस्थान से सैकड़ों व्यापारी अपने हार्वेस्टर लेकर फरवरी के पहले-दूसरे सप्ताह में ही मध्यप्रदेश की धरती पर पहुंच जाते हैं, लेकिन इस बार मार्च की शुरुआत हो गई, फिर भी हार्वेस्टर मशीनों का प्रदेश में पदार्पण नहीं हुआ है। इससे किसानों की चिंता और बढ़ती नजर आ रही है।
किसान क्यों परेशान?
दरअसल जिले के किसान इसलिए भी परेशान हैं कि अभी लगभग आधे क्षेत्र यानी कम सिंचाई वाले क्षेत्रों में फसलें पककर तैयार हैं, जिसकी कटाई वे जल्दी से जल्दी करना चाहते हैं। करीब इतना ही क्षेत्र अभी फसलों के पकाव की ओर है, जो लगभग दो सप्ताह तक राहत भरी हो सकती हैं। ऐसे में किसान पकी हुई फसलों को संभालकर घर में लाने के लिए आतुर हैं, ताकि बाद में पकी फसल को भी समय पर संभाल सके। यही वजह है कि हार्वेस्टरों का उन्हें बेसब्री से इंतजार है।
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